चंडीगढ़ व्यापार मंडल में फिर उठे बगावत के सुर, जानें क्या है पूरा मामला

punjabkesari.in Friday, Sep 30, 2016 - 02:35 PM (IST)

चंडीगढ़ (नीरज): करीब दस साल पहले दोफाड़ का दंश झेल चुके चंडीगढ़ व्यापार मंडल में एक बार फिर बगावत के सुर उठने लगे हैं। इस बार भी सैक्टर-17 के व्यापारियों ने मोर्चा खोला है। बुधवार रात को हुई चंडीगढ़ व्यापार मंडल की जनरल बॉडी की बैठक के दौरान मंडल के वर्तमान पदाधिकारियों से असंतुष्ट व्यापारियों ने होटल के बाहर नारे लिखे बैनर-पट्टिकाएं लेकर प्रदर्शन किया। इनका आरोप है कि अपनी मार्कीट एसोसिएशन के पदाधिकारी होने के बावजूद उन्हें चंडीगढ़ व्यापार मंडल में शामिल नहीं किया जा रहा है। उन्होंने अब अदालत का दरवाजा खटखटाने की भी चेतावनी दी है।

दरअसल, सैक्टर-17 की प्रोग्रैसिव ट्रेडर्स वैल्फेयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों को चंडीगढ़ व्यापार मंडल की सदस्यता दी जाती रही है। एसोसिएशन के महासचिव संदीप सिंह चौधरी का कहना है कि गत जुलाई में उनकी एसोसिएशन के हुए चुनाव में वीरेंद्र गुलेरिया को एसासिएशन का प्रधान चुना गया था तथा उनके साथ ही एसोसिएशन की नई कार्यकारिणी का गठन भी किया गया था। चंडीगढ़ व्यापार मंडल के संविधान के अनुसार अन्य बाजारों के व्यापारियों की एसोसिएशन की तरह ही सैक्टर-17 की प्रोग्रैसिव ट्रेडर्स वैल्फेयर एसोसिएशन की नई चुनी गई कार्यकारिणी के सदस्यों को चंडीगढ़ व्यापार मंडल में सदस्य बनाया जाना चाहिए और सैक्टर-17 की प्रोग्रैसिव ट्रेडर्स वैल्फेयर एसोसिएशन की पुरानी कार्यकारिणी के सदस्यों को हटाया जाना चाहिए। चौधरी का कहना है कि वह जुलाई से ही व्यापार मंडल का सदस्य बनने के लिए प्रयास कर रहे हैं तथा प्रधान अनिल वोहरा व चेयरमैन चरणजीव सिंह से मिलकर कई बार निवेदन कर चुके हैं, लेकिन वे किसी व्यक्ति विशेष के दबाव में कार्य कर रहे हैं और हमें न्याय नहीं मिल रहा है। 

चौधरी ने कहा कि चंडीगढ़ व्यापार मंडल का सदस्य बनना हर व्यापारी एसोसिएशन का संवैधानिक अधिकार है। अगर उन्हें व्यापार मंडल से यह हक नहीं मिला तो अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। बता दें कि सैक्टर-17 की प्रोग्रैसिव ट्रेडर्स वैल्फेयर एसोसिएशन के प्रधान वीरेंद्र गुलेरिया अब भी व्यापार मंडल के सदस्य हैं लेकिन वह अपनी कार्यकारिणी के नए सदस्यों को व्यापार मंडल का सदस्य न बनाए जाने से नाराज हैं। इससे पहले करीब दस वर्ष पूर्व व्यापार मंडल के पूर्व प्रधान जगदीश अरोड़ा ने अपने सदस्यों से भेदभाव का आरोप लगाते हुए अपने साथियों समेत व्यापार मंडल से अलग होकर नया संगठन चंडीगढ़ बिजनैस काऊंसिल बना लिया था।


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