दस साल बाद फिर खुली PU के हिंदी विभाग की लाईब्रेरी

Friday, Dec 15, 2017 - 08:40 AM (IST)

चंडीगढ़(रश्मि) : पंजाब यूनिवर्सिटी के हिंदी विभाग की लाईब्रेरी करीब 10 साल बाद शुरू हो गई है। इसे विभाग के ही रिसर्च स्कॉलर चला रहे हैं और यहां से स्टूडैंट्स को किताबें भी इशू की जा रहीं हैं। लाईब्रेरी को लाईब्रेरी कम सैमीनार के तौर पर खोला गया है। यहां सैमीनार भी करवाए जा रहे हैं। 

 

रिसर्च स्कॉलर ने बताया कि विभाग में उनके पास बैठने के लिए कोई पर्याप्त जगह नहीं थी, लेकिन जब से यह लाईब्रेरी शुरू हुई है तब से उनके पास लाईब्रेरी में बैठने,यहां बैठकर पढऩे व रिसर्च करने की समस्या खत्म हो गई है। लाईब्रेरी में सिलेबस की किताबें, उपन्यास, कहानी अलोचनात्मक किताबें आदि मौजूद हैं। 

जानकारी के मुताबिक पी.यू.के हिंदी विभाग की लाईब्रेरी 10 साल से बंद थी, लेकिन इसे हाल ही में स्टूडैंट के लिए खोल दिया है। लाईब्रेरी रिसर्च स्कॉलर के सहयोग से खोली गई है। लाईब्रेरी में हिंदी विषय से संबंधित 1700 किताबें उपलब्ध है। वहीं इस लाइब्रेरी के लिए दस कमेटियां बनाई गई हैं। कमेटियों में लाईब्रेरी कमेटी,कल्चरल कमेटी, आऊटरीच कमेटी और एलुमनी कमेटी आदि शामिल है।  

 

डोनेट की गई किताबें व कंप्यूटर : 
लाईब्रेरी चलाने के लिए 2 कंप्यूटर भी डोनेट किए हैं। वहीं रिसर्च स्कॉलर ने कई किताबें भी डोनेट की है। वहीं लाईब्रेरी के विभागाध्यक्ष की ओर से अखबार लाए जा रहें है। लाईब्रेरी को एक कोरम मैंटेन करने के लिए सभी सुविधाएं सहयोग से पूरी की जा रहीं है। 

 

एक-दूसरे का किया जा रहा सहयोग : 
लाईब्रेरी की कन्वीनर रिसर्च स्कॅालर शकुंतला और को-कन्वीनर राम सिंह यादव ने बताया कि वह विभाग में पिछले चार साल से है। पहले उन्होंने कैंपस से एम.ए. की और अब यहां से पीएच.डी. कर रहीं है। विभाग की यह लाईब्रेरी बंद पड़ी थी। हम लगातार इसकी मांग कर रहे थे। आखिर यह पुरानी लाईब्रेरी को खोलने का विचार आया. जिसमें विभाग के अध्यक्ष डा. गुरमीत सिंह ने हमारा साथ दिया। लाईब्रेरी की सारी पुस्तकें व्यवस्थित कर दी हैं। 
 

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