निगम का खेल : मंत्री कविता ने प्रिंसिपल सेक्रेटरी और टैक्नीकल एडवाइजर से मांगी रिपोर्ट

Saturday, Jan 05, 2019 - 12:31 PM (IST)

पंचकूला(मुकेश) : हरियाणा सरकार की अर्बन लोकल बॉडीज विभाग की मंत्री कविता जैन ने पंचकूला नगर निगम द्वारा शहर के आठ चौकों की ब्यूटीफिकेशन की आढ़ में हुए कथित घोटाले के संबंध में पंजाब केसरी में प्रकाशित हुई खबरों का संज्ञान लेते हुए प्रिंसिपल सेक्रेटरी और अर्बन लोकल बॉडीज के टैक्नीकल एडवाइजर विशाल सेठ से 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट तलब की है। 

अब देखना यह होगा कि इस रिपोर्ट के आने से पहले या फिर बाद में गाज किस स्तर के अधिकारी पर गिरती है। हैरानी की बात यह है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पायलट प्रोजेक्टरों में से एक पंचकूला शहर के चौंकों को सुंदर बनाने के मामले में इतने बड़े स्तर पर घोटाला हुआ और उसके बावजूद इसके अब तक किसी प्रकार की कार्रवाई करनी भी उचित नहीं समझी। दूसरी तरफ हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतिय अध्यक्ष बजरंग दास गर्ग ने भी शुक्रवार को पंचकूला नगर निगम के अधिकारियों की कार्रगुजारी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। 

उन्होंने स्पष्ट शब्दों में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मांग की है हाईकोर्ट के तीन रिटायर्ड जजों की कमेटी से इस पूरे मामले की जांच करवाए और तब तक नगर निगम के प्रशासक राजेश जोगपाल का तबादला यहां से कर दिया जाए, ताकि वह जांच को प्रभावित न कर सकें। उन्होंने पंचकूला के विधायक ज्ञानचंद गुप्ता से भी इस मामले में अपनी चुप्पी तोडक़र चौंकों पर लगी लोगों की गाढ़ी कमाई की हिसाब देने के लिए कहा है। इस पूरे मामले में अहम बात यह भी है कि अधिकारियों पर जल्द पेमेंट करने का भी मुख्यमंत्री का हवाला देकर दबाव बनाया गया, यह भी जांच का विषय है कि किस अधिकारी ने यह दबाव बनाया?

घग्गर से पत्थर उठा लगा दिया चौंक पर :
सेक्टर 9,10,15 व 16 के चौंक को भी ब्यूटीफिकेशन के नाम पर तोडक़र दोबारा बनाया गया है। जहां पर ठेकेदार द्वारा सफेद पत्थर लगाए हैं। शुक्रवार को चौंक मे लगे उन सफेद पत्थरों को पास से देखने पर चौंकाने वाली बात सामने आई। कि यह पत्थर घग्गर नदी से निकालकर लगाए हैं और सफेद चूना किया  गया है। ताकि पत्थरों की चमक दूर से ही दिखाई दे और उसे नाम दिया गया वाइट पैबल्स। यह भी जांच का विषय है। 

1.93 करोड़ रुपए की आरटीजीएस पर किसके हस्ताक्षर :
नगर निगम के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर एल.के चौहान ट्रैनिंग पर जाने से पहले जब ऑब्जेक्शन लगाकर गए थे सकुंबरी इंजीनिरिंग वर्क्स द्वारा हॉर्टिकल्चर व इलैक्टिव वर्क डीएनआईटी में की गई शर्तों के मुताबिक नहीं किया गया। 

जब तक वह डी.एन.आई.टी. के मुताबिक काम नहीं करता तब तक उसकी पेमेंट न की जाए। लेकिन तीन दिनों की ट्रैनिंग पर जाते ही उनकी गैर-मौजूदगी में किस अधिकारी ने ऑब्जेक्शन को दरकिनार करते हुए आर.टी.जी.एस. के जरिए अपने हस्ताक्षर कर सकुंबरी इंजीनियरिंग वर्क्स को 1.93 करोड़ रुपए की पेमेंट कर दी? यह भी जांच का विषय है। 
 

Priyanka rana

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