लाट साहब बदनौर को चाहिए वर्ल्ड हैरीटेज साइट में आरामगाह

punjabkesari.in Thursday, Sep 07, 2017 - 09:20 AM (IST)

चंडीगढ़(अश्वनी) : पंजाब के गवर्नर व चंडीगढ़ प्रशासक वी. पी. बदनौर को आराम के लिए नई जगह चाहिए। वह भी यूनैस्को हैरीटेज साइट में। जी हां, वी. पी. बदनौर की प्रबल इच्छा है कि जब वह हैलीकॉप्टर की यात्रा करते हुए यूनैस्को हैरीटेज साइट कैपीटल काम्पलैक्स के राजिंद्रा पार्क में बने हैलीपैड पर उतरें तो गार्डन में उनके आराम पर पूरा बंदोबस्त हो। इसलिए उन्होंने उच्चाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जल्द से जल्द गार्डन में ही एक शानदार आरामगाह बनाई जाए। फिलहाल इस आरामगाह की ड्राइंग फाइनल की जा रही हैं।

 

नया निर्माण क्या, यहां तो मूल इमारतों से छेड़छाड़ भी वर्जित :
राजिंद्रा पार्क यूनैस्को की तरफ से घोषित हैरीटेज साइट कैपिटल कॉम्पलैक्स के बफर जोन का हिस्सा है। दरअसल यूनैस्को ने कैपिटल कॉम्पलैक्स को हैरीटेज स्टेटस देते हुए इसके आसपास का इलाका बफर जोन घोषित किया है। करीब 66 हैक्टेयर में फैले कैपिटल कॉम्पलैक्स के अलावा यूनैस्को ने आसपास के करीब 195 हैक्टेयर क्षेत्र को बफर जोन की श्रेणी में रखा गया है। यह जोन राजिंद्रा पार्क से सुखना लेक तक फैला हुआ है। यहां नए निर्माणकार्य या मूल इमारतों से छेड़छाड़ पूरी तरह वर्जित है।

 

पिछले साल पार्क में बना दिए दो नए हैलीपैड :
2016 में भी राजिंद्रा पार्क के मूल रूप से छेड़छाड़ की गई थी, तब पार्क में दो नए हैलीपैड बना दिए गए थे। पहले पार्क के बीचों-बीच गुजरने वाली सड़क को ही हैलीपेड के तौर पर इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन 2016 में पार्क की अतिरिक्त जगह पर तारकोल बिछाकर गोल आकृति के दो नए हैलीपैड बना दिए गए।

 

पार्क में पत्थरों के बनाए गए थे शैल्टर :
जब राजिंद्रा पार्क बनाया गया तो यहां पर निर्माण के नाम पर शैल्टर या शॉप जैसे ढांचे तैयार किए गए थे ताकि घूमने-फिरने वाले इनकी सुविधा का लाभ ले सकें। मौजूदा समय में ये काफी जर्जर हालत में है। वक्त के साथ जब पंजाब के अहम ओहदों पर बैठे लोगों की सुरक्षा का सवाल उठा तो राजिंद्रा पार्क में हैलीपेड का निर्माण किया गया, ताकि मुख्यमंत्री, राज्यपाल व अहम ओहदों पर विराजमान लोग सीधे हैलीकॉप्टर से राजिंद्रा पार्क में उतरकर अपने गंतव्य तक का सफर तय कर सकें।

 

हॉल, पैंट्री, स्पैशल रूम, टॉयलेट जैसी सुविधाओं की दरकार :
फिलहाल जिस आरामगाह का खाका तैयार किया जा रहा है, उसमें हॉल, पैटरी, स्पैशल रूम, शानदार टॉयलेट जैसी सुविधाएं देने की योजना बनाई जा रही है। यह हालत तब है जबकि हैलीपेड से राजभवन की दूरी महज 3 किलोमीटर के आसपास है। वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री की बात करें तो हैलीपेड से उनके आवास की दूरी 400 मीटर से भी कम है। इसी कड़ी में पंजाब सचिवालय भी हैलीपैड से कुछ कदमों की दूरी पर ही स्थित है।


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