हरियाणा में जरासंध का किला भी होगा संरक्षित स्मारक एवं धरोहर स्थलों की सूची में शामिल,संरक्षित स्मारकों की संख्या होगी 40

punjabkesari.in Saturday, Mar 12, 2022 - 10:05 PM (IST)

चंडीगढ़, (अर्चना सेठी): हरियाणा के पुरातत्व एवं संग्रहालय के संरक्षित स्मारक और घरोहर स्थलों की सूची में अब एक नया नाम जुडऩे जा रहा है। सरस्वती किनारे बना जरासंध का किला भी अब संरक्षित स्मारक के तौर पर घोषित किया जाएगा। यमुनानगर के डिप्टी कमिश्नर से हरियाणा पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग ने किले के इतिहास से संबंधित दस्तावेजों के बाबत रिपोर्ट सौंपने को कहा है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर इस किले को ऐतिहासिक संरक्षित स्थल घोषित किए जाने के पुरातत्व विभाग के प्रस्ताव पर स्वीकृति की मोहर लगा चुके हैं। अब प्रदेश के संरक्षित स्मारक और धरोहर स्थलों की सूची में 40 धरोहरें हो जाएंगी। 3 महीने पहले इस सूची में 4 नए संरक्षित स्मारक जींद का किला जफ्फरगढ़, बल्लभगढ़ में रानी की छत्तरी, भिवानी का लोहारू किला और फतेहाबाद के कर्णकोट टीले के नाम जोड़े गए थे। 

 


भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा संरक्षित है यह स्थल 
जरासंध का किला भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा संरक्षित प्राचीन स्थल है, जो असंध गांव (करनाल से 40 किलोमीटर की दूरी) में स्थित है। यह किला वास्तव में एक स्तूप है जिसकी ऊंचाई 25 मीटर से अधिक है और यह सांची के स्तूप से भी बड़ा है। स्मारक में एक लंबी सी गुंबद के साथ गोलाकार ड्रम है। संरचना का मूल भाग मिट्टी और ईंटों से भरा है। इसकी दीवारों के बीच तीलियों का निर्माण किया गया था। स्तूप के लिए इस्तेमाल की गई ईंटों का आकार 34 से 35.5 व 5 से 6 आकार के सैंटीमीटर में था। हाल ही में हरियाणा पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग की उपनिदेशक डा. बनानी भट्टाचार्य और हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमिच ने जरासंध के किले का निरीक्षण किया है। निरीक्षण के दौरान किले के आसपास से प्राचीन दुर्लभ सिक्के, मिट्टी के बर्तन, मिट्टी की मूॢतयां और शिवङ्क्षलग मिले थे।

 


पर्यटन में बढ़ेगा हरियाणा 
हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमिच का कहना है कि जरासंध का किला सरस्वती किनारे बसा होने की वजह से बोर्ड के लिए भी बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस स्थान से मिट्टी के बर्तन और ऐसी कई चीजें मिली हैं जो कहती हैं कि सैंकड़ों साल पहले यहां नदी किनारे पुरानी सभ्यता बसती थी। किला एक टीले के समान है। जिसके आसपास से मिला सामान संधाई को भी राखीगढ़ी और बानावली की तरह पुरातत्व स्थल दर्शाता है। उधर, हरियाणा पुरातत्व विभाग एवं संग्रहालय की उपाध्यक्ष डा. बनानी भट्टाचार्य का कहना है कि जरासंध का किला भी देश के इतिहास की स्मृद्ध तस्वीर पेश करता है इसलिए इसका संरक्षण जरूरी है ताकि आने वाली पीढिय़ां भी इतिहास की इस धरोहर की झलक पा सकें। हरियाणा में ऐतिहासिक स्मारकों एवं धरोहर स्थलों की संख्या बढ़ती जा रही है, उम्मीद है कि इसका सीधा असर प्रदेश के पर्यटन पर भी पड़ेगा।


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News Editor

Ajay Chandigarh

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