2 दिन थाने में रखा, आरोपी के पक्ष में बयान देने का बनाया दबाव
Friday, Feb 21, 2020 - 11:44 AM (IST)
चंडीगढ़(मुनीष) : एक रेप पीड़िता ने नयागांव थाने में तैनात 2 पुलिस कर्मियों पर उसे 2 दिन तक जबरन थाने में रखने और बाद में जबरन उससे आरोपी के पक्ष में बयान दिलवाने का दवाब बनाने के संगीन आरोप लगाए हैं। पीड़िता ने मोहाली के एस.एस.पी. कुलदीप सिंह चहल को शिकायत देकर दोनों पुलिस कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
पीड़िता ने बताया कि वह 15 फरवरी को आरोपी के खिलाफ शिकायत देने चंडीगढ़ पुलिस के साथ नयागांव थाने पहुंची थी। चंडीगढ़ पुलिस पीड़िता को नयागांव थाने में पुलिस कर्मियों के पास पहुंचाने के बाद लौट गई थी, जबकि वह थाने में ही अपनी शिकायत देने के लिए रूकी थी। उसने पुलिस कर्मियों को आपबीती बताई थी। थाना पुलिस ने उसकी शिकायत पर आरोपी सरवण के खिलाफ केस दर्ज किया था।
पीड़िता का आरोप है कि पुलिस ने उसे नारी निकेतन या अन्य किसी मजफूज जगह पर नहीं भेजा और उसे 15 फरवरी की रात को थाने में ही रखा। पुलिस ने उसके अदालत में 164 के बयान करवाने थे। इसके लिए पुलिस को पीड़िता को मैजिस्ट्रेट के समक्ष जल्द पेश करना होता है लेकिन पुलिस ने उसे 15 फरवरी से लेकर 17 फरवरी तक थाने में ही रखा और 2 दिन के बाद कहीं जाकर उसे 17 फरवरी को खरड़ अदालत में ले जाया गया था।
थाने में तैनात महिला पुलिस कर्मी और एक अन्य पुलिस कर्मी ने उस पर आरोपी सरवण के पक्ष में बयान देने का दवाब बनाकर रखा। दोनों उसे धमकाते रहे कि यदि उसने सरवण के पक्ष में बयान दिए तो वह उनकी शादी सरवण के साथ करवा देंगे और अगर ऐसा नहीं किया तो वह थाने के चक्कर ही लगाती रह जाएगी। दोनों 2 दिन तक उस पर दबाव बनाते रहे। दबाव के चलते ही 17 फरवरी को पीड़िता ने डर के मारे अदालत में सरवण के पक्ष में बयान दिए तो कहीं जाकर दोनों पुलिस वालों ने उसे वापस लाकर फिर छोड़ दिया।
नहीं लगाई पोक्सो की धारा :
पीड़िता ने आरोप लगाया कि जिस समय वर्ष 2016 में आरोपी सरवण ने उसके साथ पहली बार संबंध बनाए थे उस समय वह नाबालिग थी, लेकिन बावजूद इसके पुलिस ने केस में पोक्सो की धारा भी नहीं लगाई है।
पीड़िता ने आरोप लगाए कि आरोपी पक्ष के थाने में आने के बाद से ही पुलिस लगातार उनकी तरफदारी कर रही थी। इसी का परिणाम है कि पुलिस ने उनकी शिकायत पर पूरी तरह से बनती कार्रवाई नहीं की है।
मानवाधिकार आयोग में जाएंगे :
पीड़िता के वकील शिव मूर्ति यादव ने कहा कि पीड़िता को 2 दिन जबरन थाने में रखना और उस पर आरोपी के पक्ष में बयान देने का दवाब बनाना बेहद संगीन है। उन्होंने एस.एस.पी. से इस विषय में गुहार लगाई है लेकिन फिर भी अगर अधिकारी अपने पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेंगे तो वे मानवाधिकार आयोग की शरण में जाएंगे।