आर.टी.आई. के तहत विभाग मांग रहे ऑनलाइन की बजाय कैश पेमैंट

Tuesday, Jun 04, 2019 - 03:32 PM (IST)

चंडीगढ़(साजन शर्मा): आर.टी.आई. कानून के तहत सरकारी विभागों से जानकारी मांगने वाले आर.टी.आई. एक्टीविस्ट्स को विभागों की मनमानियों का सामना करना पड़ रहा है। आर.टी.आई. के तहत कोई भी जानकारी लेने के लिए चंडीगढ़ में पेमैंट करने का ऑनलाइन प्रावधान किया है लेकिन बहुत से विभाग इन प्रावधनों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। जानकारी मांगने वालों को तंग करने के लिए कहा जा रहा है कि उन्हें पेमैंट आकर कैश जमा करवानी पड़ेगी। 

चीफ कंजर्वेटर ऑफर फॉरैस्ट एंड चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन के ऑफिस में कुछ ऐसा हो रहा है। यहां आर.टी.आई. के तहत जो भी जानकारी मांगी जाती है, उसके बारे कहा जाता है कि ऑनलाइन पेमैंट करने की बजाय इसकी पेमैंट आर.टी.आई. मांगने वाले को मौके पर आकर कैश करानी पड़ेगी। ऐसा करने पर ही आर.टी.आई. में मांगी जानकारी दी जाएगी। इस बारे में आर.टी.आई. के हैड आर.टी.आई. के तहत विभाग मांग रहे ऑनलाइन की बजाय कैश पेमैंट

विभाग जानकारी देने की बजाय कर रहा परेशान
प्रिंसिपल होम सैक्रेटरी को दी शिकायत में आर.टी.आई. एक्टीविस्ट आर.के. गर्ग ने कहा कि डिप्टी चीफ कंजर्वेटर अब्दुल कयूम से आर.टी.आई. के तहत जानकारी मांगी गई थी। उन्होंने मौके पर ही पैसे जमा करवाने और इनफर्मेशन अप्लाई करने की बात कही। 28 मई 2019 को सी.पी.आई. ऑफिस मीमो नंबर एफ.ओ.आर./2019/4719 के तहत अपने एक मुलाजिम को 8 रुपए की पेमैंट मौके पर ही करने और लैटर की कापी लेकर पहुंचे व्यक्ति को इनफार्मेशन सप्लाई करने को कहा गया लेकिन न तो इस व्यक्ति को इनफार्मेशन दी गई और उल्टा उसे हैरास किया गया। इन विभागों की मंशा यही है कि दफ्तर की महत्वपूर्ण जानकारियां बाहर न निकलें।  

विभिन्न आर.टी.आई. एक्टीविस्टों का कहना है कि सरकारी विभागों ने आर.टी.आई. के तहत बने महत्वपूर्ण नियम कानूनों को भी अब ताक पर रखना शुरू कर दिया है। आर.टी.आई. के प्रावधानों के तहत लोगों को चंडीगढ़ में ये अधिकार मिला था कि वह पेमैंट ऑनलाइन जमा करवा सकें लेकिन विभाग हैरास करने के लिए उन्हें दफ्तर आकर पहले पेमैंट जमा करवाने और फिर जानकारी के लिए भी दफ्तर आने की बात कह रहे हैं। आर.के. गर्ग ने हवाला दिया कि अब्दुल कयूम के आफिस में जब वह आर.टी.आई. के तहत मांगी जानकारी लेने गए तो उनके सामने कई दर्जन रजिस्ट्रार रख दिए गए कि इसमें से छांट लो जो जानकारी लेनी है। आर.के. गर्ग के अनुसार पब्लिक ऑफिस में इस तरह का व्यवहार अनुचित है।

bhavita joshi

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