जिन कंपनियों की नकली शराब होगी, उन्हें करेंगे ब्लैकलिस्ट: दुष्यंत चौटाला

punjabkesari.in Sunday, May 08, 2022 - 08:36 PM (IST)

चंडीगढ़,(बंसल): हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हरियाणा सरकार ने वर्ष 2022-23 के लिए आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है और राज्य सरकार ने 9200 करोड़ रुपए के राजस्व को संग्रहित करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने बताया कि हमने पिछले साल लगभग 6400 करोड़ रुपए का राजस्व संग्रहित किया था जो कि इस साल बढ़कर 7938 करोड़ हो गया है। वह आज मीडिया कर्मियों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पंचायतों के सुझावों के तहत 100 वैंडरों को भी इस नई नीति के तहत कम किया गया है। शराब के अंतर्राज्यीय आवागमन को बेहतरीन नियंत्रण के लिए ट्रांसिट स्लिप को शुरू किया गया है तथा ट्रैक एवं ट्रेस सिस्टम के तहत हाई सिक्योरिटी होलोग्राम को भी लागू किया गया है। नकली व अवैध शराब जिन कंपनियों की होगी, उन्हें ब्लैकलिस्ट राज्य में किया जाएगा। हरियाणा में सभी डिस्टलीरिज व बोटङ्क्षलग प्लांटों पर फलो मीटर तथा सी.सी.टी.वी. कैमरा लगाए गए हैं। बोटङ्क्षलग के तहत क्यू.आर. कोड सिस्टम की सुविधा भी होगी। उन्होंने बताया कि आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारियों को यू.के. सरकार के अधिकारियों द्वारा शिविर आयोजित करके विशेष प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। यू.के. सरकार के अधिकारी प्रशिक्षण देने के साथ-साथ जी.एस.टी. निगरानी के संबंध में भी जानकारी आबकारी एवं कराधान अधिकारियों के साथ सांझा करेंगे। 

 

 

जी.एस.टी. संग्रहण में 16 प्रतिशत की बढ़ोतरी 
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हरियाणा, जो क्षेत्रफल तथा जनसंख्या के मामले में कई राज्यों से छोटा हैं, लेकिन जी.एस.टी. संग्रहण में पूरे देश में 5वें स्थान पर रहा है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष हमारा जी.एस.टी. संग्रहण 16 प्रतिशत बढ़ा है जिसके तहत कुल जी.एस.टी. संग्रहण 35390 करोड़ रहा है जबकि पिछले वर्ष यह 30507 करोड़ रुपए रहा था। हमने जी.एस.टी. संग्रहण का 40 हजार करोड़ का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस वर्ष एस.जी.एस.टी. का कुल संग्रहण 15115 करोड़ रहा है जो कि पिछले वर्ष 11959 करोड़ रुपए रहा था। इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए हमारे विभाग द्वारा 12 से 15 अधिकारियों की एक टीम का गठन किया गया जो जी.एस.टी. चोरी पर नकेल कसने में काफी हद तक कामयाब भी रही। इसके अलावा, हमने हरियाणा को मॉड्यूल-1 से बदलकर मॉड्यूल-2 में शिफ्ट करने का काम किया और आंकड़ों में देरी के समय को भी कम करने का भी प्रयास किया गया। इसी प्रकार, उन्होंने बताया कि हरियाणा में 30 करोड़ रुपए की लागत से जी.एस.टी. कार्यालयों का आधुनिकीकरण किया गया जिसमें हाई स्पीट इंटरनैट, कम्प्यूटर, आॢटफिशियल इंटैलीजैंस पर बल देकर उसे अपग्रेड किया गया है। 

 


गुरुग्राम में हैलीहब बनाने का प्रस्ताव 
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि एयरोस्पेस डिफैंस की नवीनता पर काम किया जा रहा है और इसी कड़ी में एयरोस्पेस डिफैंस उत्पादन व विनिर्माण को अनुमति दी गई है। इसके तहत एक बिलियन डॉलर के निवेश को आकॢषत करने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य में 5 एयर स्ट्रिप पिंजौर, करनाल, नारनौल व भिवानी में हैं, जिसके तहत यदि कोई यूनिट एयर स्ट्रिप के 10 किलोमीटर के दायरे में डिफैंस से संबंधित उत्पादन करता है तो उसे सरकार द्वारा 5 प्रतिशत का प्रतिपूॢत की जाएगी। ऐसे ही, 25 किलोमीटर के दायरे में काम करने वाली यूनिट को 20 करोड़ रुपए तक का एस.जी.एस.टी. का रिफंड किया जाएगा जिसके तहत बी ब्लॉक में 6 वर्ष तक 50 प्रतिशत, सी ब्लॉक में 8 वर्ष तक 75 प्रतिशत व डी ब्लॉक में 10 वर्ष तक 100 प्रतिशत का रिफंड होगा। राज्य सरकार ड्रोन के क्षेत्र में अपना कदम आगे बढ़ा रही हैं और अगले 5 सालों में उड्डयन ड्रोन विनिर्माण पर काम किया जाएगा। उन्होंने बताया कि हिसार एयरपोर्ट एक विकल्प के रूप में तैयार हो रहा है और इस एयरपोर्ट का कार्य मध्य चरण में है। उन्होंने बताया कि राज्य के गुरुग्राम में द्वारका एक्सप्रैस के साथ 25 एकड़ भूमि में एक हैलीहब बनाने का भी प्रस्ताव है जोकि चारधाम यात्रा व बी-टू-बी जैसे कार्य को बढ़ावा देने में पूरा सहयोग करेगा और इससे कनैक्टीविटी में भी बढ़ोतरी होगी। यह एन.सी.आर. में अपनी तरह का सबसे बड़ा हैलीहब होगा। 

 


पटवारखानों व तहसीलों का होगा अपग्रेडेशन
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक राज्य में शत-प्रतिशत उपज का उठान हो चुका है और एफ.सी.आई. के रैकस तथा अन्य राज्यों में भेजने का कार्य पूरा कर लिया गया है। किसानों को 7330 करोड़ रुपए की राशि उनके खातों में पहुंचाई जा चुकी है जो कि 99 प्रतिशत से अधिक है। पटवारखानों व तहसीलों को अपग्रेड किया जाएगा और पटवारियों को डिजीटाइजेशन करके उन्हें सुसज्जित किया जाएगा। फसल खराबे के मामले में हरियाणा सरकार जल्द ही एक कदम आगे बढ़ाने जा रही हैं जिसके तहत किसान अपनी फसल के खराबे के संबंध में रिपोॄटग अपने मोबाइल फोन के माध्यम से भेज सकेगा ओर उसकी जानकारी अपलोड कर पाएगा, जिसके उपरांत संबंधित पटवारी जांच करेगा जिससे समय की बचत होगी। भूमि का रिकॉर्ड डिजीटली कर दिया गया है और इसी तर्ज पर पंचायत की भूमि व पटवारखाने के रिकॉर्ड का भी डिजीटलीकरण होगा। इंजीनियरिंग कार्यों के लिए एक कॉमन पोर्टल बनाया गया है जिसमें 28 विभागों की सहमति शामिल हो गई है। उसी तर्ज पर राजस्व के लिए भी एक कॉमन पोर्टल बनाया जाएगा।


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News Editor

Ajay Chandigarh