पूटा की मैंबरशिप के पैसे नहीं काटेगा पी.यू.

Saturday, Jul 27, 2019 - 11:02 AM (IST)

चंडीगढ़(रश्मि हंस) : पंजाब यूनिवर्सिटी टीचर एसोसिएशन (पूटा) की मैंबरशिप के लिए पैसे पी.यू. की ओर से नहीं काटे जाएंगे। यह फैसला पी.यू. ने लीगल ओपिनियन लेकर लिया है। हालांकि पूटा ने लीगल ओपिनियन लेने पर सवाल उठाया है। पूटा की ओर से जारी प्रैस विज्ञप्तिी में पूटा ने कहा है कि पी.यू. ने पूटा का आग्रह नहीं माना है, इसलिए फैकल्टी मैंबर के पैसे उनके वेतन से नहीं काटे जाएंगे। पूटा ने यह भी ऐतराज जताया है कि लीगल ओपिनियन लेने के फैसले के बाद हमारे पास फैकल्टी मैंबर को अपने मैंबर बनाने का बहुत ही कम समय बचा है। 

 जानकारी के मुताबिक  अब पूटा को खुद फैकल्टी मैंबर्स के पास जाकर मैंबरशिप से फीस लेनी होगी और पर्ची काटकर मैंबर बनाने होंगे, जैसा कि हर वर्ष होता रहा है। पूटा को प्रत्येक सदस्य से मिलकर ही फैकल्टी मैंबर को पूटा का सदस्य बनाना होगा।  प्रो. राजेश गिल ने कहा कि अब पूटा के  पास मैंबर बनाने के लिए काफी कम समय बचा है।  इस मुद्दे पर काफी दिन से चर्चा हो रही थी, इसलिए लीगल अपिनियन भी पहले ली जा सकती थी। वी.सी. प्रो. राजकुमार ने 11 घंटों में लीगल राय लेकर यह फैसला लिया है। बहरहाल चुनावों का शैडयूल जारी हो चुका है, इसलिए पूटा अब मैनुअली ही 500 रुपए की सब्सक्रिप्शन करेगा।  पूटा चुनावों के मैंबर्स की लिस्ट 3 अगस्त को डिस्पले होगी। 

120 फैकल्टी मैंबर्स ने जताई थी आपत्ति
गौरतलब है कि इससे पहले पी.यू. प्रबंधन ने पूटा के आग्रह पर साफ किया था कि वह शिक्षकों के पूटा मैंबरशिप के पैसे काटेगा। इस पर पी.यू. के करीबन 120  फैकल्टी मैंबर ने आपत्ति दर्ज करवाई थी। ध्यान रहें कि पूटा मैंबरशिप के लिए पी.यू. की ओर से ऑटोमैटिक सबस्क्रिप्शन की जाने वाली फीस को लेकर सारा मामला उलझा था। ऐसा पहली बार हुआ है जब पूटा ने गत 15 मई को हुई जी.बी.एम. की बैठक में पूटा की मैंबरशिप के लिए पैसे पी.यू. प्रबंधन द्वारा ऑटोमैटिक काटने का रैजोल्यूशन पास किया और इसे रजिस्ट्रार ने मान भी लिया था। उधर, मैंबरशिपकी फीस भी बढ़कर 200 से 500 रुपए हुई है। फैकल्टी मैंबर्स को फीस बढ़ाने पर उतना ऐतराज नहीं था, जितना वेतन में खुद-ब-खुद मैंबरशिप के पैसे काटने पर ऐतराज था। 

रजिस्ट्रार को किया गया गुमराह : प्रो. खालिद
प्रो. मोहम्मद खालिद ने बताया कि पूटा की मैंबरशिप के पैसे इस तरह से पी.यू. अथॉरिटी काटेगी, ऐसा निर्णय पहले कभी नहीं लिया गया था। रजिस्ट्रार को गुमराह करके गलत फैसला करवाया गया और बिना किसी शिक्षकों की अनुमति लिए उन्होंने पैसे कटवाने की कोशिश की। अब पूटा को पहले की तरह ही काम करना होगा। उन्हें पहले की तरह ही फैकल्टी मैंबर से मिलकर पर्ची काटनी होगी और मैंबरशिप फार्म भरना होगा। इससे पूटा का ही फैकल्टी मैंबर्स के साथ सीधा इंट्रैक्शन होगा। प्रो. खालिद ने कहा कि पूटा के इस व्यवहार से चुनावों से पहले का पूटा का एक हफ्ते का समय बर्बाद हो गया है और पूटा से ज्यादा से ज्यादा मैंबर्स जुड़ सकते थे। ऐसे समय में मैंबर बनाने को लेकर ही मामला उलझा रहा।

डैंटल कॉलेज के डॉक्टर पूटा चुनावों में नहीं होंगे शामिल
डॉ. हरवंश सिंह जज इंस्टीच्यूट ऑफ डैंटल साइंस एंड हॉस्पिटल के डॉ. इकरीत बल ने कहा कि भले ही पूटा खुद आकर मैंबर्स की पर्चियां काटे लेकिन डैंटल कालेज की ओर से पूटा का बॉयकाट ही किया जाएगा। पूटा के मैंबर हम नहीं बनेंगे। हम अपनी अलग से एसोसिएशन ही बनाएंगे। गौरतलब है कि डैंटल कॉलेज के कुछ फैकल्टी मैंबर ने पूटा पर पहले से केस भी फाइल कर रखा है।

 लीगल ओपिनियन लेने पर पूटा ने उठाए सवाल
पूटा के सदस्यों ने शुक्रवार को वी.सी. से मुलाकात की। पूटा अधय्क्ष  प्रो. राजेश गिल ने कहा कि वी.सी. प्रो. राजकुमार ने मौखिक तौर पर लीगल ओपिनियन लेने के निर्देश क्यों दिए, जबकि इसके लिए पूटा लीडरशिप को कॉन्फिडैंस में लिया जाना चाहिए था। प्रो. राजेश गिल ने कहा कि कुरुक्षेत्रा और हरियाणा की अन्य कुछ नेबरिंग यूनिवर्सिटीज में वेतन से मैंबरशिप की सब्सक्रिप्शन काटी जाती है तो यह प्रैक्टिस पी.यू. में क्यों नहीं शुरू की जा सकती। 

उन्होंने कहा कि इस तरह से उन्होंने पूटा की बॉडी को क्षतिग्रस्त कर दिया है। इस तरह से शिक्षक भी आपस में विभाजित हो गए हैं। इससे जी.बी.एम. के फैसले का अनादर हुआ है। इससे पूटा की 12 से 14 लाख रुपए की स्कीम जो किसी अपने क ी अचानक मत्यु हो जाने पर उनके परिवार को दी जाती थी, पर भी प्रभाव पड़ेगा। इससे शिक्षक कल्याण योजना के पैसों में भी कटौती करनी पड़ेगी। 

bhavita joshi

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