सफेद मक्खी से निपटेगा जीन

punjabkesari.in Sunday, Jul 24, 2016 - 02:01 AM (IST)

 चंडीगढ़, (रश्मि): सफेद मक्खी का कहर कपास की फसल पर न हो इसके लिए पंजाब यूनिविर्सिटी के यू.आई.ई.टी. के प्रो. राकेश तुली ने एक जीन खोज निकाला है। डा. राकेश तुली 7-8 साल से सफेद मक्खी को खत्म करने के  विषय पर रिसर्च कर रहे थे। उनकी इस रिसर्च को नैशनल बॉयोटैक्नोलॉजी की ओर से जनरल में प्रकाशित करने के लिए मंजूरी मिल गई है। रिसर्च का पेटैंट फाइल हो चुका है। इस रिसर्च पर मिशन मोड प्रोजैक्ट के तहत काम भी पूरा कर लिया जाएगा। 

जिससे इस जीन को किसानों तक  पहुंचाया जा सके  और वह सफेद मक्खी से कपास को होने वाले नुक्सान से बचा सकें। डा. राकेश तुली ने बताया कि टैकटेरिया मैरोडोंटा फर्न (टी.एम.ए.) एक पौधा होता है जिसे खाया भी जाता है। यह पौधा पहाड़ों में बड़ी संख्या में मिलता है। इस पौधे से एक जीन निकालकर कपास में डाला गया है। इस जीन के डालने से कपास सफेद मक्खी से पूरी तरह से बच गया।

कपास कीबजाय लगा रहे हैं चावल

सफेद मक्खी के कारण कपास की इतनी फसल खराब हो गई कि पंजाब मेंकिसानों का रुझान चावल की खेती की ओर बढ़ रहा है। चावल की फसल भारत में वैसे ही ज्यादा होती है। इस फसल में पानी भी ज्यादा लगता है। ऐसे में जहां पानी की कमी थी, वहां पर ओर पानी की कमी हो रही है। पिछले सालों मेंलाखों हैक्टेयर कपास की फसल खराब होने से हरियाणा सरकार ने किसानों को करीब 976 करोड़ और  पंजाब सरकार ने 600 करोड़ रुपए दिए थे।

 

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