PU में स्टूडैंट की सिक्योरिटी पर नहीं दिया जाता ध्यान, अकसर कैंपस में होते रहते झगड़े

Wednesday, Dec 06, 2017 - 09:43 AM (IST)

चंडीगढ़(रश्मि) : पंजाब यूनिवर्सिटी में हर वर्ष सिक्योरिटी के वेतन पर करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं फिर भी यहां स्टूडैंट की सिक्योरिटी पर इतना ध्यान नहीं दिया जाता। हालांकि पी.यू. प्रबंधन द्वारा सिक्योरिटी गार्डस के वेतन व पी.एफ. पी.एफ. व्हीकल खरीदने के लिए बकायदा बजट तय है। 

 

अकसर कैंपस में झगड़े होते रहते है। साथ ही कैंपस व हॉस्टल से स्टूडैंट का कीमती सामान चोरी होने की घटनाएं होती रहती हैं। कैंपस में चुनावों के दौरान अक्सर विवाद होते रहते हैं, जिनमें आउटसाइडर्स की संलिप्तता पाई जाती है। विवाद करके आरोपी यहां से फरार भी हो जाते हैं और सिक्योरिटी के बावजूद ये काबू में नहीं आ पाते। 

 

कैंपस में इतने हैं सिक्योरिटी गार्ड्स :
पी.यू. कैंपस में इस समय करीब 60 रैगुलर सिक्योरिटी गार्ड्स हैं, जबकि करीब 150 कांट्रैक्ट पर कार्यरत है। पहले कांट्रैक्ट पर एक निजी कंपनी की तरफ से करीब 80 सिक्योरिटी गार्ड्स रखे गए थे, जिन्हें अब हटा दिया है। अब इनकी जगह पी.यू. अपने स्तर पर भर्ती कर रहा है। 

 

                                सिक्योरिटी पर  हर साल होने वाला  खर्च :
                                    2014-15                 2015-16                2016-17         
वेतन और पी.एफ.           5 करोड़ 58 लाख        6 करोड़ 14 लाख      6 करोड़ 52लाख
मैटैनेंस और एक्सपैंसिव    एक लाख 68 हजार    एक लाख 63 हजार    2करोड़ 16 हजार
कांट्रैक्ट पर सिक्योरिटी     एक करोड़ 66 लाख    एक करोड़ 74 लाख    2 करोड़ 30 लाख

 

कैंपस में होते रहे हैं झगड़े :
-सैशन 2017 में  ‘आगाज’ कार्यक्रम के तहत  एन.एस.यू.आई. और कुछ आऊटसाईडर के बीच विवाद हुआ था। 
-कैंपस में 2016 में स्टूडैंट काऊंसिल के चुनाव से पहले रेशम गोदारा पर चली थी गोली। 
-2017 में फीस वृद्धि को लेकर स्टूडैंट्स के हंगामे में काई स्टूडैंट घायल हुए थे। 
 

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