PU के रजिस्ट्रार ले रहे ज्यादा वेतन, ऑडिट ऑब्जैक्शनके बाद भी नहीं हुई कार्रवाई

Monday, Jun 19, 2017 - 08:41 AM (IST)

चंडीगढ़ (हंस): पंजाब यूनिवॢसटी के रजिस्ट्रार सेवानिवृत्त (कर्नल जी.एस. चड्ढा) के वेतन कम किए जाने और पिछली रिकवरी पर ऑडिट के लगाए गए ऑब्जैक्शन पर अभी तक कुछ नहीं हुआ है। पी.यू. प्रबंधन का कहना है कि इस ऑब्जैक्शन पर एम.एच.आर.डी. के पास से करीब 10 माह बाद भी कोई जवाब नहीं आया है। इसलिए इस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है। ध्यान रहेकि रजिस्ट्रार का कार्यकाल सत्र 2018 में खत्म होने जा रहा है। ऐेसे में अगर एम.एच.आर.डी. का कोई जवाब नहीं आता है तोरजिस्ट्रार का वेतन कम होगा और न ही रजिस्ट्रार को मिल चुके ज्यादा वेतन की रिकवरी भी नहीं की जा सकेगी। उधर, सूत्रों का कहना है कि पी.यू. प्रबंधन की मिली भगत से जानबूझकर रजिस्ट्रार को नियमों को ताक पर रखकर इतना अधिक वेतन दिया जा रहा है जबकि रजिस्ट्रार को उनकी पैंशन कम करके वेतन दिया जाना चाहिए था। 

 

ऑडिट का कहना है कि नियमों के तहत रजिस्ट्रार का वेतन जी.पी. के साथ 37 हजार 325 होना चाहिए जबकि सिंडीकेट ने रजिस्ट्रार का वेतन जी.पी. के साथ 56 हजार 180 तय किया है जिसमें 42 हजार के करीब फाइनांशियल इम्प्लीकेशंस शामिल है। यानी रजिस्ट्रार करीब एक लाख रुपए से ज्यादा वेतन पी.यू. से ले रहे हैं। रजिस्ट्रार की पे फिक्सेशन का मामला गत 1 अगस्त को ली गई बोर्ड ऑफ फाइनांस की बैठक में आया था। इस बैठक में निर्णय लिया गया था कि रजिस्ट्रार के वेतन को फिक्स करने का मामला एम.एच.आर.डी. के पास भेजा जाएगा। फिर मामले को लेकर जो जवाब एम.एच.आर.डी. की ओर से आएगा उसके तहत ही रजिस्ट्रार की पे फिक्स की जाएगी।

 


पैंशन लैस करके दी गई रजिस्ट्रार को पे
रजिस्ट्रार को दी जाने वाली इंडियन आर्मी की पे 66 हजार 650 रुपए 50 फीसदी लैस करके दी जाने वाली पैंशन 33 हजार 325 रुपए ऑडिट ऑब्जर्वेशन के तहत रजिस्ट्रार को दिए जाने वाले वेतन में से पैंशन को लैस करके दिए जाने वाले इस विषय पर पी.यू. प्रबंधन ध्यान नहीं दे रहा है। साथ ही हाल ही में रजिस्ट्रार को दो इंक्रीमैंट दिए जाने का मुद्दा भी आया था।


 

रजिस्ट्रार की एक्सटैंशन की कोशिश 
सूत्रों का कहना है कि रजिस्ट्रार सेवानिवृत्त हो इससे पहले ही पी.यू. प्रबंधन रजिस्ट्रार की एक्सटैंशन की कोशिश में लग गया है। पी.यू. प्रबंधन ने रजिस्ट्रार की एक्सटैंशन के लिए फाइल तैयार कर एम.एच.आर.डी. के पास भेजी जा रही है। जानकारी अनुसार गत 14 मई को पी.यू. के अकाऊंट्स ब्रांच में आग लगी थी कि तबरजिस्ट्रार की एक्सटैंशन की फाइल जल गई थी। रजिस्ट्रार के कार्यकाल का अभी समय होने पर भी उनकी एक्सटैंशन लेना चाहते हंै। सूत्रों का कहना है कि वी.सी. की कार्यकाल अब सिर्फ एक साल का बचा है। इसलिए रजिस्ट्रार के चहेते चाहते हैं कि वी.सी. के कार्यकाल को रहते ही यह एक्सटैंशन ली जा सके।


 

क्या कहना है पी.यू प्रबंधन का
रजिस्ट्रार को ज्यादा वेतन दिए जाने और अधिक वेतन को रिकवरकरने के संबंध में पी.यू. प्रबंधन का कहना है कि मामला ए.एम.एच.आर.डी. के पास गया हुआ है। जब तक वहां से रिप्लाई नहीं आता है पी.यू. प्रबंधन कुछ नहीं कर सकता है। वहीं रजिस्ट्रार की एक्सटैंशन मामले में सीनेटर प्रो. नवदीप गोयल ने कहा कि पिछले कुछ समय से वह शहर से बाहर हैं, इसलिए फिलहाल वह इस संबंध में कुछ नहीं कह सकते। 


 

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