PU इलेक्शन 2019 : जीत के लिए रणनीति बनाने में जुटे संगठन
Tuesday, Aug 20, 2019 - 12:02 PM (IST)
चंडीगढ़ (रश्मि ): पंजाब यूनिवर्सिटी में स्टूडैंट्स काऊंसिल के चुनावों को लेकर जीतने की रणनीति बननी शुरू हो गई है। इस बार चुनावी मैदान में ए.बी.वी.पी., सोई, एन.एस.यू.आई. और एस.एफ.एस. उतर रहे हैं। हालांकि पुसू, हिमसु, एस.एफ.आई. और इनसो छात्र संगठन भी हैं, लेकिन उम्मीद है कि यह सभी संगठन अन्य ग्रुप्स के साथ गठजोड़ कर लेंगे।
इन स्टूडैंट्स पार्टियों में प्रैजीडैंट पद पर उम्मीदवार के लडऩे की लड़ाई ग्रुप्जिम का रूप धारण कर लेती है। इस वर्ष एन.एस.यू.आई. के साथ-साथ ए.बी.वी.पी. में भी ग्रुप्जिम नजर आ रहा है। ए.बी.वी.पी. में इस बार ग्रुपिज्म हावी है।
अगम चौधरी, हरिश गुज्जर, शिवम शर्मा और कुछ अन्य उम्मीदवार अलग-थलग से चल रहे हैं। ये ए.बी.वी.पी. से ही है। सभी चाहते हैं कि उनका कैंडीडेट्स प्रैजीडैंट के पद पर खड़ा हो।
सोई का गठजोड़ ए.बी.वी.पी. के साथ नामुमकिन ही लग रहा
सोई ने अपना प्रैजीडैंट कैंडीडेट चेतन चौधरी के नाम पर पहले से घोषणा कर दी है। ऐसे में सोई का ए.बी.वी.पी. के साथ गठजोड़ होना नामुमकिन ही नजर आ रहा है। क्योंकि अगर सोई का ए.बी.वी.पी. से गठजोड़ होता है तो ए.बी.वी.पी. प्रैजीडैंट और जनरल सचिव के पद पर अपना उम्मीदवार जरूर खड़ा करेगा।
बाकी पदों पर सोई चाहता तो अपने उम्मीदवार खड़ाकर सकता था। अब सोई ने पहले से अपने प्रैजीडैंट कैंडीडेट की घोषणा कर दी है। अगर ए.बी.वी.पी. और सोई के बीच गठजोड़ हो जाता तो यह पार्टी जीती की मजबूत दावेदार बनेगी।
जिस तरह से उम्मीदवारों की घोषणा हो रही है। इससे पता चलता है कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी यह दोनों पार्टियां अलग-थलग ही रहेंगी। एन.एस.यू.आई. से जुड़े सदस्यों ने कहा कि वह सभी गिले-शिकवे दूर करके एक साथ चल रहे हैं। 2018 में सचिन गालव को प्रैजीडैंट पद न मिलने पर वह एन.एस.यू.आई. में रहकर भी एन.एस.यू.आई. के विरोधी बन गए थे।
वहीं गुरजोत संधु और सचिन गालव एक साथ ही चल रहे हैं। इस बार सचिन ने कहा कि वह पूरी तरह से एन.एस.यू.आई. के साथ है, पिछले वर्ष जो भी मनमुटाव हुए थे, वह अब दूर हो गए हैं ।
पुसू-इनसो के गठबंधन की चल रही बात
पुसू और इनसो के साथ लगभग हर स्टूडैंट्स पार्टी की बात चल रही है। हर कोई पार्र्टी अपने साथ पुसू और इनसो को जोडऩे की बात कर रही है। भले ही पुसू ने दावा किया है कि वह किसी पॉलीटिकल पार्टी केसाथ गठबंधन नहीं करेगा, लेकिन पुसू भी ए.बी.वी.पी., एन.एस.यू.आई. या सोई के साथ जा सकती है। वहीं इनसो और हिमसु का भी गठबंधन होना, किसी पार्टी के साथ जरूर होगा।