सिख कैदियों की रिहाई के लिए बैठे प्रदर्शनकारियों और चंडीगढ़ पुलिस के बीच झड़प

punjabkesari.in Wednesday, Feb 08, 2023 - 07:58 PM (IST)

चंडीगढ़,(सुशील राज/संदीप कुमार):सिख कैदियों की रिहाई के लिए मोहाली-चंडीगढ़ बॉर्डर पर मटौर बैरियर के पास बैठे प्रदर्शनकारियों ने बुधवार शाम बैरीकेड्स तोड़कर चंडीगढ़ में प्रवेश करने का प्रयास किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए वाटर कैनन से पानी की बौछार और आंसू गैंस छोड़े। वहीं, प्रदर्शनकारियों ने तलवार और डंडे लेकर पुलिस पर हमला कर दिया। पुलिस की गाडय़िों के शीशे तोड़ दिए। पुलिस जवानों ने जान बचाने के लिए गाडय़िां पीछे की तो प्रदर्शनकारी पीछा करते हुए सैक्टर-51/52 विभाजित सड़क तक आ गए। मौका संभालने के लिए अतिरिक्त फोर्स मंगवाई गई। रिजर्व फोर्स आने के बाद प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने काबू पाया और एक दर्जन से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। प्रदर्शनकारियों पर हत्या के प्रयास समेत अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। महिला पुलिसकर्मियों समेत 52 से ज्यादा जवान घायल हुए, जिन्हें सैक्टर-16 अस्पताल में दाखिल करवाया गया।

 

 

पुलिस जवानों पर हमले की सूचना मिलते ही डी.जी.पी. प्रवीर रंजन, एस.एस.पी. मनीषा चौधरी, एस.पी. सिटी श्रुति अरोड़ा समेत अन्य अफसर मौके पर पहुंचे। उन्होंने बॉर्डर पर पुलिस की टूटी गाडय़िां और क्षतिग्रस्त व बिखरे बैरीकेड्स मिले। पुलिस जवानों ने प्रदर्शनकारियों पर काबू पाया हुआ था। गौरतलब है कि सिख कैदियों की रिहाई को लेकर एक जत्था बुधवार शाम पंजाब सी.एम. हाऊस जाने के लिए चंडीगढ़ पुलिस के अफसरों से बातचीत करने लगा। इस दौरान जत्थे में शामिल कुछ लोग उग्र हो गए। प्रदर्शनकारियों ने एकदम पुलिस जवानों पर पत्थराव कर दिया। ट्रैक्टर पर सवार होकर चंडीगढ़ पुलिस के बैरीकेड्स को टक्कर मारकर रास्ता साफ कर दिया। प्रदर्शनकारी पुलिस की गाडय़िों पर चढ़ गए और झंडे लगाकर तोडफ़ोड़ करने लगे। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस और वाटर कैनन से पानी की बौछार की। इस पर प्रदर्शनकारियों ने तलवार और डंडे निकालकर पुलिस जवानों पर हमला कर दिया। पुलिस जवानों ने तलवार और डंडों से हमला से बचने के लिए चंडीगढ़ की तरफ खुद दौड़े और अपने वाहनों को भगाया, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने गाड़ी के शीशे और गाडय़िों को क्षतिग्रस्त कर दिया।

 

 

 

महिला पुलिसकर्मी समेत 52 घायल
प्रदर्शनकारियों ने महिला पुलिसकर्मियों को भी नहीं बख्शा। उन पर भी तलवार और डंडों से हमला किया। पुलिस जवानों के हाथ, सिर और पीठ पर गंभर चोटें आईं। डंडे मारकर पुलिस जवानों के हैलमेट तक तोड़ डाले। हमले में घायल 52 पुलिसकर्मियों का हालचाल पूछने खुद डी.जी.पी. प्रवीर रंजन सैक्टर-16 जनरल अस्पताल पहुंचे। उन्होंने पुलिसकर्मियों को हौंसला दिया।

 

 

 

धारा 144 लगी है चंडीगढ़ में
डी.जी.पी. प्रवीर रजंन ने कहा कि चंडीग? में धारा 144 लगी हुई है जिसकी जानकारी प्रदर्शनकारियों को दे दी गई थी। इसके बावजूद वह मुख्यमंत्री आवास की तरफ कूच करना चाहते थे। मुख्यमंत्री निवास हाई सिक्योरिटी जोन में आता है। ऐसे में वहां किसी प्रकार का विरोध प्रदर्शन नहीं किया जा सकता। चंडीग? में किसी भी प्रकार के विरोध प्रदर्शन की मंजूरी नहीं है। इसके बावजूद बुधवार दोपहर लगभग हजार प्रदर्शनकारी सैक्टर-51/52 डिवाइडिंग रोड पर बैरीकेड्स के पास आए और गिरा कर चंडीग? में दाखिल होने की कोशिश की।


 

 

 

तलवारें, रॉड और घोड़ों पर निहंगों ने किया हमला
डी.जी.पी. प्रवीर रंजन ने बताया कि कई प्रदर्शनकारियों के पास हथियार और डंडे व रॉड आदि थे। वहीं कई अन्य खतरनाक हथियार भी बजाए जा रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने रोके जाने पर पुलिसकर्मियों पर हमला किया। कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। कुछ प्रदर्शनकारी घो?ों पर सवार होकर आए, जिनमें निहंगों के दल भी थे। उनके पास भी हथियार थे। तलवारों से पुलिसकर्मियों पर हमला किया गया। कुछ पुलिसकर्मियों को गंभीर चोटें आई हैं।

 

 

 

हथियारों समेत कैसे जुटे यह विचार का विषय
डी.जी.पी. प्रवीर रंजन ने बताया कि पंजाब के डी.जी.पी. गौरव यादव ने साफ कर दिया है कि पंजाब पुलिस ने सुरक्षा का आश्वासन दिया था, लेकिन किस तरह प्रदर्शनकारी चंडीग? बॉर्डर तक हथियारों समेत पहुंचे, यह विचार का विषय है। इस घटना के पीछे डी.जी.पी. ने कौमी इंसाफ मोर्चा को जिम्मेदार बताया। डी.जी.पी. ने कहा कि पुलिस के पास पर्याप्त सबूत हैं और आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।

 

 

 

सात जनवरी से कर रहे हैं प्रदर्शन
चडीगढ़-पंजाब बॉर्डर पर मोहाली के वाई.पी.एस. चौक पर संैकड़ों सिख प्रदर्शनकारी 7 जनवरी से कौमी इंसाफ मोर्चा के तहत धरना और रोष मार्च कर रहे हैं। उन्हें भारतीय किसान उगराहां का भी सहयोग मिल चुका है। मंगलवार को बठिंडा में भी किसान यूनियन ने सिख कैदियों की रिहाई का मुद्दा उठाया था। इसके बाद पंजाब के विभिन्न जिलों में 13 फरवरी को विरोध प्रदर्शन शुरू करने की बात की गई थी। बता दें कि कुछ अन्य किसान यूनियन पहले ही कौमी इंसाफ मोर्चा को समर्थन दे चुकी हैं।


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News Editor

Ajay Chandigarh

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