ट्राईसिटी में आज ऑटो वाले करेंगे चक्का जाम

Monday, Feb 03, 2020 - 09:04 AM (IST)

चंडीगढ़(राजिंद्र) : पंचकूला और मोहाली से चंडीगढ़ में आने वाले ऑटो के प्रवेश और एंट्री टैक्स को लेकर चल रहा विवाद बढ़ता ही जा रहा है। ऑटो चालकों ने एकजुटता दिखाते हुए चंडीगढ़ प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ऑटो यूनियन के आह्वान पर ऑटो चालक सोमवार को चक्का जाम की घोषणा की है। सी.एन.जी. और एल.पी.जी. भरवाने कहां जाएं ?

हिंद ऑटो रिक्शा वर्कर यूनियन के प्रैजीडैंट अनिल कुमार ने बताया कि चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा मोहाली और पंचकूला से आने वाले ऑटो चालकों के साथ धक्केशाही करते हुए उनको एंट्री पॉइंट पर परमिट और एंट्री टैक्स में उलझा कर रोक दिया जाता है। उनके पास कागजात पूरे होते हैं लेकिन उन्हें शहर में प्रवेश ही नहीं करने दिया जाता। 

अनिल कुमार ने बताया कि अब उनकी दिक्तत ये है कि ऑटो में सी.एन.जी. भरवाने के लिए चंडीगढ़ ही आना पड़ता है। पंचकूला के आसपास लगभग 90 किलोमीटर के दायरे में सी.एन.जी. और एल.पी.जी. फिलिंग स्टेशन ही नहीं हैं तो फिर वो टैंक फिलअप करवाने कहां जाएं?

11 साल से नहीं बढ़ाया किराया :
चंडीगढ़ प्रशासन ने वर्ष 2009 के बाद मीटर का रेट नहीं बढ़ाया, पुराने ही रेट पर मीटर चल रहा है जबकि चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली में कहीं पर भी सवारियां को मीटर से चलने को जागरूक नहीं किया गया। 

चंडीगढ़ की बसों का किराया साल में दो या तीन बार बढ़ता है लेकिन ऑटो का रेट पिछले 11 साल से वही चल रहा है। अगर कोई ऑटो ड्राइवर किसी तरह की कोई गलती करता है, तो उसी को सजा होनी चाहिए। जब पंचकूला के पास एल.पी.जी. और सी.एन.जी. नहीं है, तो इन ऑटो को पंचकूला का ही परमिट देने की किसने इजाजत दी। यह वहां के डी.सी. की और ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी की जिम्मेदारी बनती थी।

टैक्स देने को तैयार हैं :
चंडीगढ़ में इंटर करने के लिए हम ऑटो वालों को चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट विभाग टैक्स पर्ची चार्ज करने को कहते हैं, तो हम ऑटो वाले उस टैक्स का जो चार्ज बनता है, प्रतिदिन के हिसाब से भी देने को तैयार हैं। 

इससे पहले हम जब भी काऊंटर साइन करवाने के लिए किसी अधिकारी के पास जाते थे, तो अक्सर अधिकारी नहीं मिलता है और हमको अक्सर दलालों का ही शिकार होना पड़ता है। उच्च अधिकारियों से जब इस बारे में बात की जाती है तो वे इसे अनसुना कर देते हैं। 

एच.आर. 68 नंबर की बसों और टैक्सी को एंट्री क्यों?
अनिल कुमार ने कहा कि इसी तरह से ट्राईसिटी में चल रही एच.आर. 68 की प्राइवेट नंबर्स की बस, जोकि स्कूल से बच्चों को लाने व छोडऩे का काम करती हैं, इनके पास भी तो परमिशन या परमिट नहीं है, तो फिर इनको एंट्री क्यों दी जा रही है? ट्राईसिटी में एच.आर. 68 नंबर की टैक्सी भी चल रही हैं, इनके पास भी परमिट नहीं हैं। 

पुलिस नहीं करती अवेयर, चालान पर जोर :
चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस जब भी कोई नियम लागू करता है, तो ऑटो वालों कभी भी जागरूक नहीं किया जाता बल्कि चालान कर परेशान करना शुरू कर देती है। हाल ही में चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस ने तीन नए नियम लागू किए हैं- लेन सिस्टम, स्पीड लिमिट लाइट और सवारी चढ़ाने और उतारने के बारे में किसी भी ऑटो वाले को जागरूक नहीं किया है। 

Priyanka rana

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