मोहाली में कूड़े से बिजली बनाने के प्रोजैक्ट को मंजूरी
Tuesday, Jan 07, 2020 - 01:17 PM (IST)
चंडीगढ़ (अश्वनी): कूड़े से बिजली पैदा करने की दिशा में अहम कदम उठाते हुए पंजाब सरकार ने फैसला किया है कि मोहाली जिले के सिमगौली में 50 एकड़ क्षेत्रफल में कूड़े से बिजली पैदा करने वाला 7 मैगावॉट सामथ्र्य का प्रोजैक्ट लगाया जाएगा, जो ‘बनाओ-अपनाओ और चलाओ’ (बी.ओ.ओ.) मॉडल के आधार पर लगाया जाएगा। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने सोमवार को इस प्रोजैक्ट को हरी झंडी दी, जो ग्माडा और पटियाला नगर निगम ठोस अवशेष कलस्टर का हिस्सा है और यह दो साल में पूरा किया जाएगा। इस प्रोजैक्ट के अंतर्गत मोहाली और पटियाला से इकठ्ठा किए जाते 600 टन प्रति दिन कूड़े से बिजली पैदा की जाएगी।
कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने अपनी सरकारी रिहायश में मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए स्थानीय निकाय विभाग, जो इस प्रोजैक्ट को लागू करने के लिए नोडल एजैंसी है, को नैशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (एन.टी.पी.सी.) और नगर निगम मोहाली के बीच आपसी सहमति का समझौता (एम.ओ.यू.) सहीबद्ध करने की मंजूरी दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विलक्षण प्रोजैक्ट जलवायु परिवर्तन संबंधी राज्य के एक्शन प्लान और स्वच्छ भारत अभियान को लागू करने में महत्वपूर्ण योगदान देगा। म्युनिसिपल सॉलिड वेस्ट जो शहरी स्थानीय संस्थाओं के लिए बड़ी चुनौती रहा है, को अब नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोत के तौर पर प्रभावशाली तरीके से प्रयोग में लाया जाएगा, जिसको कि अभी तक योजनाबद्ध तरीके से बड़े स्तर पर लागू नहीं किया गया है।
मीटिंग में बताया गया कि एक अनुमान के अनुसार पंजाब में ठोस कूड़ा-कर्कट से अंदाजन 50 मैगावॉट बिजली पैदा की जा सकती है। मीटिंग में एन.टी.पी.सी. के कूड़े से बिजली बनाने के प्रोजैक्ट के जनरल मैनेजर अमित कुलश्रेष्ठ ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि यह नवीनतम आधुनिक प्लांट वातावरण समर्थकीय नियमों को ध्यान में रखकर राज्य में पायलट प्रोजैक्ट के तौर पर स्थापित किया जाएगा। एन.टी.पी.सी. की तरफ से पहले ही ऐसे प्रोजैक्ट सूरत (गुजरात) के कवास, वाराणसी, इंदौर और पूर्वी दिल्ली नगर निगम में लगाए गए हैं।
पी.एस.पी.सी.एल. के चेयरमैन कम मैनेजिंग डायरैक्टर इंजीनियर बी.सी. सरां ने खुलासा किया कि पावरकॉम स्थानीय निकाय विभाग द्वारा लागू किए समझौते के उपरांत एन.टी.पी.सी. के साथ बिजली खरीदने के समझौते पर हस्ताक्षर करेगा, जो पंजाब स्टेट इलैक्ट्रीसिटी रैगुलेटरी कमीशन द्वारा सैंट्रल इलैक्ट्रीसिटी रैगुलेटरी कमीशन की हिदायतों के अनुसार कूड़े से पैदा की जा रही बिजली के लिए नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की दरों के अनुसार निर्धारित की जाएंगी।