डी.जी.पी. ने ‘पुलिस शहीद स्मारक’ पर पुष्प चक्र अर्पित कर अमर शहीदों को दी श्रद्धांजलि

punjabkesari.in Saturday, Oct 21, 2023 - 07:09 PM (IST)

चंडीगढ़,(पांडेय): हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने पंचकूला की पुलिस लाइन में पुलिस शहीदी दिवस के अवसर पर ‘पुलिस शहीद स्मारक’ पर पुष्प चक्र अॢपत कर भारतीय पुलिस बल के 188 अमर शहीदों के बलिदानों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। देश के पुलिस सेवा के सभी बलिदानियों को याद करते हुए कपूर ने कहा कि आज हम भारतीय पुलिस सेवा के वीर बलिदानियों को श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्रित हुए हैं जिन्होंने देश की कानून-व्यवस्था को कायम रखने, देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने तथा नागरिकों की जान-माल की सुरक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर किए हैं। आज का दिन हरियाणा पुलिस और भारतीय पुलिस सेवा के उन वीर सपूतों के अदम्य साहस और कत्र्तव्य-परायणता को समॢपत है जिसके चलते हर नागरिक स्वयं को सुरक्षित महसूस करता है। उन्होंने बताया कि हरियाणा राज्य के गठन से लेकर अब तक 83 पुलिसकर्मियों ने राज्य और इसके नागरिकों की सेवा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर किए हैं। कपूर ने बताया कि पुलिस बलों पर देश की सीमाओं की सुरक्षा करने के साथ-साथ देश के आंतरिक सुरक्षा का दायित्व होता है ताकि देश के भीतर और सीमाओं पर शांति कायम रहें। इस संवेदनशील कार्य में सेना के साथ-साथ सभी राज्यों की पुलिस और दूसरे अद्र्धसैनिक बलों की जिम्मेदारी और भी ज्यादा बढ़ जाती है। 
 

 

 

बलिदान देने वाले पुलिसकर्मियों के आश्रितों के लिए कई योजनाएं चलाई 
कपूर ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कुशल नेतृत्व व गृह मंत्री अनिल विज के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार द्वारा जहां कत्र्तव्य परायणता के दौरान प्राणों का बलिदान देने वाले पुलिसकर्मियों व उनके आश्रितों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं, पुलिस अधिकारी अथवा कर्मचारी के शहीद होने पर आश्रित परिवार को नौकरी के अलावा पैंशन तथा 1 करोड़ 30 लाख रुपए की राशि उपलब्ध करवाई जाती है। पुलिस विभाग में अनुबंधित आधार पर कार्यरत कर्मचारी की दुर्घटना मृत्यु होने पर आश्रित परिवार को 50 लाख रुपए प्रदान किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि पुलिस बल के जवानों का जीवन अपेक्षाकृत अधिक जोखिमपूर्ण होता है और उन्हें रोजाना नई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। आजादी के बाद देश के जवानों ने कई युद्ध लड़े। इन युद्धों में कई सुरक्षा बलों तथा फौज के जवान शहीद हुए लेकिन देश में शहीद हुए पुलिसकर्मियों की संख्या इन जवानों से कहीं अधिक है। 21 अक्तूबर 1959 से लेकर अब तक देश के 36 हजार 214 पुलिसकर्मियों ने कत्र्तव्य की वेदी पर अपने प्राणों की आहुति दे दी। उन्होंने बताया कि 90 के दशक में शहीद पुलिसकर्मियों की संख्या एक हजार से अधिक थी। वर्ष-2015 में यह संख्या 701 थी जो अब वर्ष-2023 में  घटकर 188 तक पहुंच गई है। 
 

 

 

क्यों मनाया जाता है पुलिस शहीदी दिवस 
21 अक्तूबर 1959 को भारत-तिब्बत सीमा पर लद्दाख के क्षेत्र में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 10 जवान सीमा पर गश्त करते समय चीनी सैनिकों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले का शिकार हुए थे। तभी से 21 अक्तूबर को पुलिस शहीदी दिवस के रूप में मनाने की परंपरा आरंभ हुई थी। तब से आज तक देश में लगभग 36214 पुलिस कर्मियों ने कत्र्तव्य की वेदी पर सर्वोच्च बलिदान दिया है। कार्यक्रम में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (लॉ एंड ऑर्डर) ममता सिंह, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ओ.पी. सिंह, आई.जी. एवं पुलिस आयुक्त पंचकूला सिबास कविराज, पंचकूला के उपायुक्त सुशील सारवान सहित कई अन्य अधिकारीगण भी उपस्थित रहे।
 


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Ajay Chandigarh

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