हुड्डा ने उठाई एशियन गेम्स पदक विजेता खिलाडिय़ों के ईनाम में बढ़ौतरी की मांग

punjabkesari.in Saturday, Oct 21, 2023 - 06:55 PM (IST)

चंडीगढ़,(पांडेय): पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक बार फिर एशियन गेम्स पदक विजेता खिलाडिय़ों के ईनाम में बढ़ोतरी की मांग की है। हुड्डा का कहना है कि कांग्रेस कार्यकाल के दौरान सरकार ने ‘पदक लाओ, पद पाओ’ और 5 करोड़ तक के नकद ईनाम की नीति बनाई थी। लेकिन इतने बरस बाद भी सरकार ने इनाम राशि में उचित बढ़ोतरी नहीं की। सरकार को कम से कम 5 करोड़ स्वर्ण पदक, 3 करोड़ रजत और 2 करोड़ कांस्य पदक विजेता खिलाडिय़ों को देने चाहिए। साथ ही कांग्रेस कार्यकाल की तरह खिलाडिय़ों को डी.एस.पी. जैसे उच्च पदों पर नियुक्ति मिलनी चाहिए। 

 

 


हुड्डा ने बताया कि कांग्रेस कार्यकाल में खेल नीति के तहत करीब 750 खिलाडिय़ों को उच्च पदों पर नियुक्तियां दी गई थीं। लेकिन बी.जे.पी. ने सत्ता में आते ही खिलाडिय़ों से डी.एस.पी. और क्लास वन के पदों पर नियुक्ति का अधिकार छीन लिया जबकि, उत्तर प्रदेश जैसा पड़ोसी राज्य कांग्रेस की नीति पर अमल करते हुए अपने पदक विजेताओं को डी.एस.पी. पद पर नियुक्ति दे रहा है। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि बी.जे.पी.-जजपा सरकार ऐसा क्यों नहीं कर रही? क्या राजनीतिक द्वेष या नकारात्मकता के चलते सरकार खिलाडिय़ों को उचित सम्मान नहीं देना चाहती? 

 

 


हुड्डा ने कहा कि एशियन गेम्स में एक बार फिर सबसे ज्यादा मैडल जीत कर हरियाणा के खिलाडिय़ों ने देश व प्रदेश का मान बढ़ाया है। हरियाणा की कांग्रेस सरकार ने युवा प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए ऐसी नीति बनाई थी, जिसकी पूरी दुनिया में सराहना हुई। उसी खेल नीति के खिलाडिय़ों को करोड़ों रुपए नकद ईनाम व उच्च पदों पर नियुक्तियां दी गईं, स्कूली स्तर पर प्रतिभाओं को निखारने के लिए स्पैट की शुरूआत हुई और हर गांव में स्टेडियम बनाए गए। लेकिन बी.जे.पी. ने सत्ता में आते ही डी.एस.पी. जैसे उच्च पदों पर नियुक्ति के प्रावधान को खत्म कर दिया। 

 

 


साथ ही स्पैट खेलों और स्कूली (जूनियर) स्तर पर खिलाडिय़ों को मिलने वाला डाइट भत्ते भी बंद कर दिया। कांग्रेस सरकार द्वारा बनाए गए खेल स्टेडियम को पूरी तरह लावारिस छोड़ दिया गया। न वहां खेल प्रशिक्षकों को नियुक्ति दी गई और न ही खेलों का सामान दिया गया। सरकार ने कांग्रेस सरकार द्वारा खिलाडिय़ों को नौकरियों में दिए गए 3 प्रतिशत खेल कोटे को भी चंद विभागों तक सीमित करके लगभग खत्म कर दिया है। यानी मौजूदा सरकार ने हरियाणा के खिलाडिय़ों को हतोत्साहित करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। बावजूद इसके प्रदेश के खिलाड़ी कड़ी मेहनत और अपने जज्बे के बूते आज भी दुनिया में देश का नाम रौशन कर रहे हैं। बी.जे.पी.-जजपा सरकार को भी नकारात्मकता की भावना छोड़ कर इन्हें उचित मान-सम्मान देना चाहिए।


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Sub Editor

Ajay Chandigarh

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