कैदी को भगा ले जाने के मामले में अंबाला जेल के डिप्टी सुपरिंटैंडैंट और डॉक्टर बलविंदर को पाया कसूरवार

punjabkesari.in Friday, Jun 23, 2017 - 08:14 AM (IST)

पंचकूला(मुकेश) : पंचकूला के सैक्टर-6 स्थित सामान्य अस्पताल में एम.आर.आई. करवाने के लिए अंबाला जेल से लाए गए विचाराधीन कैदी दीपक कुमार उर्फ टीनू को पुलिस हिरासत से भगा ले जाने के मामले में वीरवार को पंचकूला पुलिस अंबाला जेल से विचाराधीन कैदी सतबीर को प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आई है। ताकि फरार कैदी दीपक कुमार और उसको पुलिस हिरासत से भगाने वालों के बारे में सुराग लग सके। 

 

पुलिस सूत्रों की माने तो सतबीर के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज है और वह दीपक के साथ ही अंबाला जेल में था। इस लिए पुलिस को लगता है कि दीपक ने पुलिस हिरासत से फरारी के संबंध में सतबीर से बात जरूर शेयर की होगी। 

 

वहीं, कैदी भागने के मामले में ए.डी.जी.पी. (प्रिजन) ने डी.जी.पी. (प्रिजन) को रिपोर्ट सौंपी है जिसमें अंबाला जेल के डिप्टी सुपरिंटैंडैंट(जेल प्रशासन) विशाल छिब्बर और जेल के डॉक्टर बलविंदर सिंह को कसूरवार पाया है। जेल के सीनियर डॉक्टर ने कैदी दीपक का एम.आर.आई. के लिए चंडीगढ़ के सैक्टर-32 अस्पताल में रैफर किया था, जहां पर उसे 28 अगस्त की डेट मिली थी। लेकिन दीपक ने अर्जी लगाई की उसका एम.आर.आई. जल्दी करवाया जाए। इस पर डॉक्टर बलविंदर सिंह जोकि जेल के डैंटिस्ट हैं, ने उसे पंचकूला के सामान्य अस्तपाल में भेज दिया। 

 

यही नहीं, डिप्टी जेल सुपरिंटैंडैंट ने भी उसे अप्रूव कर दिया। इसी का फायदा उठाते हुए पूरी प्लानिंग कर दीपक भाग गया। अगर जेल प्रशासन ने जल्दबाजी और लापरवाही न की होती तो यह वारदात नहीं होती। बता दें कि इससे पहले पुलिस अंबाला जेल से ही विचाराधीन कैदी और दीपक के साथी जोगिंदर सिंह उर्फ जोगा को प्रोडक्शन वारंट पर लाई थी। 


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