नवरात्र की तैयारियां : कोलकाता से बुलाए कारीगर बना रहे यह खास मूर्तियां

punjabkesari.in Thursday, Sep 29, 2016 - 05:27 PM (IST)

चंडीगढ़ (एकता) : नवरात्र महोत्सव की तैयारी इन दिनों शहर में जोरों से चल रही हैं। एक ओर शहर के मंदिर सजने लगे हैं वहीं दूसरी ओर कोलकाता से आए कारीगर मां दुर्गा की भव्य मूर्तियां को तैयार करने में जुटे हैं। सैक्टर-47 में कालीबाड़ी मंदिर में ऐसे ही कारीगर मूर्तियों को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं। कोलकाता से बुलाए गए यह खास कारीगर खासतौर पर उन मंदिरों और घरों में होने वाले विशेष आयोजन के लिए मूर्तियां बना रहे हैं, जहां मां काली की पूजा होती है। 

सभी कारीगर मूर्तियों में रंग भरकर उन्हें अंतिम रूप देने में जुटे हैं। इस बार पहली अक्तूबर, शनिवार से आश्विन मास के शुक्ल पक्ष के नवरात्र आरंभ हो रहे हैं, जो 10 अक्तूबर तक रहेंगे। 

6 महीने पहले ही आ जाते हैं कारीगर :
कारीगर सूरज बताते हैं कि वह बंगाल से मूर्तियां बनाने के लिए करीब छ: महीने पहले ही यहां आ जाते हैं। इस बार 12 के करीब कारीगर हैं जो मूर्तियां बनाने में जुटे हैं और दिन रात एक करके मेहनत कर रहे हैं। इस बार एक फीट से लेकर 15 फीट की विशाल मूर्तियां बनाई गई हैं। इनकी कीमत 150 रूपए से लेकर 15 हजार रुपए तक है। 

22 साल से बना रहे हैं मूर्ति :
मूर्तिकार खोखन अधिकारी बताते हैं कि ने बताया कि नवरात्र पर हर साल खासतौर पर मां दुर्गा की मूर्ति घरों में स्थापित की जाती हैं। मां का पूरा दरबार कच्ची मिट्टी की मूर्तियों से ही सजाया जाता है। कच्ची मिट्टी की मूर्ति बनाने के लिए पिछले करीब 21 साल से कोलकाता के ही कारीगर यहां बुलाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि उनके पास ट्राईसिटी के अलावा बाहर से भी मूर्तियां बनाने के आर्डर आते हैं। बाहर के आर्डर लगभग दो महीने पहले ही आ जाते है। 

कोलकाता से ही लाई जाती है मिट्टी :
कालीबाड़ी मंदिर में माता की मूर्तियों को बनाने के लिए खास तौर पर कोलकाता से ही मिट्टी लाई जाती है। कारीगरों की माने तो मिट्टी कम पड़ जाए तो यहां की मिट्टी मिलाई जाती है  जिस कारण मूर्ति को बनाने में बहुत-सी दिक्कतें आती हैं क्योंकि यहां की मिट्टी से इस तरह की मूर्तियां बनाना मुश्किल है। 


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