अब शहरवासियों को नहीं करना पड़ेगा बिजली कटों का सामना

Monday, Sep 04, 2017 - 09:43 AM (IST)

चंडीगढ़(विजय) : चंडीगढ़ का बिजली विभाग अभी भी सालों पुराने ट्रांसफार्मर्स के सहारे काम चला रहा है। इस कारण गर्मियों में ट्रांसफार्मर्स के ओवरलोड होते ही लोगों को कईं घंटों तक लगने वाले बिजली कटों का सामना पड़ता है। हालांकि अब शहरवासियों को इस परेशानी से छुटकारा मिलने वाला है। पावर मिनिस्ट्री ने पिछले साल आर.ई.सी. पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी लिमिटेड को चंडीगढ़ के स्मार्ट ग्रिड प्रोजैक्ट के लिए चुना था। अब इस कंपनी ने स्मार्ट ग्रिड प्रोजैक्ट के पहले फेज में सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एक्विजीशन (सकाडा) पर काम करना शुरू कर दिया है। 

 

इसके लिए आर.ई.सी. ने मार्च में टैंडर जारी किए थे। काफी समय बाद सकाडा के लिए एक कंपनी फाइनल कर ली गई है। अब यह कंपनी चंडीगढ़ में सकाडा का सैटअप बनाएगी, जिसमें सबसे अहम काम होगा ट्रांसफार्मर के ओवरलोड होने पर बिजली कटों से लोगों को निजात दिलाना। कंपनी ने कहा है कि शहर में किसी भी हिस्से में अगर कोई ट्रांसफार्मर ओवरलोड होता है तो तुरंत अलार्म बजेगा। यह अलार्म सकाडा के लिए तैयार होने वाले कंट्रोल रूम में बजना शुरू हो जाएगा, जिससे तुरंत उस ट्रांसफार्मर से लोड शिफ्ट कर दिया जाएगा। साथ ही अगर किसी ट्रांसफार्मर में लोड अनबैलेंस है या फिर ऑयल लैवल कम है तो भी अलार्म के जरिए कंट्रोल रूम में बैठे कर्मचारियों तक सूचना पहुंच जाएगी। 

 

यहां से शुरू होगा स्मार्ट ग्रिड का काम :
इस प्रोजैक्ट के लिए फेज भी तैयार कर लिए गए हैं। प्रोजैक्ट सैक्टर-29, 31, 47, 48 और इंडस्ट्रीयल एरिया में शुरुआत में पायलट प्रोजैक्ट के तौर पर शुरू किया जाएगा। इसके बाद रायपुर कलां, दड़वा और बहलाना के एरिया कवर होंगे। प्रोजैक्ट के तहत शहर में पावर सिस्टम मजबूत करने के लिए 66 के.वी. और 11 के.वी. के सब-स्टेशन लगाए जाएंगे। स्मार्ट ग्रिड सिस्टम के जरिए बिजली की मैनेजमैंट के लिए ऑनलाइन सिस्टम लाया जाएगा। इसके अलावा ऑनलाइन कंप्लेंट रजिस्ट्रेशन की भी सुविधा मिलेगी।

 

यह होगी प्रोजैक्ट की खासियत :
-डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम में एनर्जी एक्सचेंज के ऑनलाइन रिकॉर्डिंग और मॉनिटरिंग सिस्टम को कुशल और सटीक बनाया जाएगा
-कंज्यूमर्स तक बिल सही समय पर पहुंच पाएंगे
-एनर्जी मैनेजमैंट प्रोसैस पर कंज्यूमर्स भी भागीदार बन पाएंगे
-लोड मैनेजमेंट को बेहतर बनाने के लिए कुशल प्रणाली लाई जाएगी
-बिजली की चोरी को रोकने के लिए ऑनलाइन एनर्जी ऑडिट करवाया जाएगा
-कस्टमर सैटिसफैक्शन के साथ जागरुकता भी लाई जाएगी
-रीडिंग और टाइपिंग जैसी गलतियों को दूर किया जा सकेगा

 

मौजूदा सिस्टम नहीं होगा डिस्टर्ब :
सकाडा के तहत पूरा नया सिस्टम तैयार किया जाएगा, लेकिन जब तक नया सिस्टम पूरी तरह से ऑपरेट न करने लग जाए तब तक मौजूदा सिस्टम को डिस्टर्ब नहीं किया जाएगा। कंट्रोल सैंटर में ही वीडियो प्रोजैक्शन सिस्टम भी लगाया जाएगा। कंट्रोल रूम में बैठा कर्मचारी किसी भी कंज्यूमर की कंजप्शन ज्यादा होने पर बिजली कट लगा देगा। साथ ही उसे मैसेज भी देगा। वहीं लाइन टूटने या फॉल्ट का भी पता लगता रहेगा। सकाडा से ही संबंधित एस.डी.ओ. को डायरैक्शन होगी। इसमें एरिया के उपभोक्ता की बिजली चली जाने पर दूसरे सब स्टेशन से सकाडा के कंप्यूटराइज सिस्टम से ऑटोमेटिक जोड़ी जाएगी।

 

8 प्रतिशत तक गिरेगा टी. एंड डी. लॉस :
डिफॉल्टर्स के साथ-साथ अब विभाग उन कंज्यूमर्स पर भी तुरंत कार्रवाई कर सकेगा जो बिजली की चोरी करते हैं। इसके लिए विभाग ने अपना टारगेट भी फिक्स कर लिया है। मौजूदा समय में विभाग का ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रिब्यूशन लॉस 14.64 प्रतिशत है। लेकिन इस प्रोजैक्ट के बाद यह लॉस घटाकर 8 प्रतिशत लाने का टागरेट रखा गया है। 

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