प्रदूषण कंट्रोल कमेटी ऐप करेगी लॉन्च

Tuesday, Nov 30, 2021 - 01:13 PM (IST)

चंडीगढ़,  (राजिंद्र शर्मा): शहरवासी जल्द ध्वनि प्रदूषण को लेकर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करवा सकेंगे, क्योंकि यू.टी. प्रशासन की तरफ से मार्च 2022 तक ध्वनि प्रदूषण को लेकर मोबाइल ऐप लॉन्च की जाएगी जिसका ट्रायल चल रहा है।
बता दें कि सभी शहरों को ये सुनिश्चित करने के लिए बोला गया है कि रैजीडैंशियल एरिया व सैंसटिव जोन में शोर नहीं होना चाहिए। यू.टी. प्रशासन की तरफ से ध्वनि प्रदूषण को लेकर तैयार इन्वायरमैंट प्लान में इसे भी शामिल किया गया है। 


अलग-अलग जोन में बांटा
शहर को अलग-अलग जोन में बांटा गया है, जिसमें इंडस्ट्रीयल, कर्मिशयल, रैजीडैंशियल और साइलैंस जोन शामिल हैं। इन एरिया में ध्वनि प्रदूषण के स्तर को नॉयस पॉल्यूशन रुल्स 2000 के तहत मैंटेन किया जाता है। नॉयस रूल्स को मैंटेन करने के लिए जिन अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है, उनमें एस.डी.एम. साऊथ, एस.डी.एम. ईस्ट, एस.डी.एम. सैंट्रल, एस.एस.पी. यू.टी. और मैंबर सैके्रटरी पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी शामिल हैं।
ध्वनि प्रदूषण को चैक करने के लिए पॉल्यूशन कंट्रोल क मेटी के पास 8 और चंडीगढ़ पुलिस के पास 27 डिवाइस हैं।


अब बढऩा शुरू हो गया ध्वनि प्रदूषण
शहर में प्रशासन की तरफ से मिनी लॉकडाऊन लगाया गया था जिसके चलते पहले के मुकाबले ध्वनि प्रदूषण में कमी आई  थी, लेकिन अब कोई प्रतिबंध नहीं है। धूमधाम के साथ शादी समारोह भी शुरू हो गए हैं और साथ ही ट्रैफिक भी बढ़ गया है जिसके चलते ध्वनि प्रदूषण भी बढऩा शुरू हो गया है। बता दें कि इस वर्ष क ी तरह पिछले वर्ष भी दीवाली के दौरान प्रशासन ने पटाखों पर बैन लगाया था। हर बार ही प्रशासन की तरफ से इस दौरान पॉल्यूशन का डाटा लिया जाता है। पिछले वर्ष ध्वनि प्रदूषण में भी वर्ष 2019 के मुकाबले कमी देखने को मिली थी। 2019 में जहां दीवाली पर नॉइस लेवल अधिकतम 79.8 रहा था, वहीं पिछले वर्ष ये कम होकर 66.6 पर आ गया था। लेकिन इस साल पटाखों पर बैन के बावजूद ये कई एरिया में बढ़ गया। इस साल सैक्टर-39 में नॉइस लेवल अधिकतम 78.2  रहा था, वहीं सैक्टर-17 में ये नॉइस लेवल कम 58.4 था।

Vikash thakur

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