DC से लिखित शिकायत मिले बिना पुलिस नहीं कर सकती मकान मालिकों पर FIR

punjabkesari.in Tuesday, Oct 01, 2019 - 10:23 AM (IST)

चंडीगढ़ (रमेश): डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट द्वारा जारी आदेशों को आधार बनाकर पुलिस किसी भी मकान, संस्थान या दुकान मालिक के खिलाफ धारा 188 के तहत एफ.आई.आर. दर्ज नहीं कर सकती। यह आदेश पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किए हैं। इसके बाद सैंकड़ों लोगों को राहत मिलेगी और पुलिस की जबरदस्ती बंद होगी। 

 

यह है मामला  
चंडीगढ़ निवासी संदीप गंडोत्रा के खिलाफ पुलिस ने एफ.आई.आर. दर्ज की थी जिन पर आरोप थे कि उन्होंने घर पर रखी नौकरानी की वैरीफिकेशन नहीं करवाई। संदीप ने एफ.आई.आर. को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। संदीप के वकील पंकज चांदघोटिया ने कोर्ट को बताया कि एफ.आई.आर. उस सूरत में दर्ज होगी जब डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट लिखित में पुलिस को शिकायत भेजेंगे। पुलिस को जांच करनी होगी व रिपोर्ट मैजिस्ट्रेट को भेजनी होगी जिस आधार पर मैजिस्ट्रेट एफ.आई.आर. को कहेंगे।

 

प्रशासन की ओर से पेश कौंसिल ने भी  माना, एफ.आई.आर. गलत दर्ज हुई
संदीप के मामले में एक अनाम शिकायत मिलने पर हैड कांस्टेबल उनके घर गया, जहां नौकरानी मिली। उसने बताया कि वह इस घर में तीन माह से काम कर रही है लेकिन उसके मालिक ने उससे उसकी डिटेल नहीं मांगी और न ही उसने दी। मकान मालिक संदीप घर पर था, जिसने बताया कि उन्हें इस तरह के किसी घोषणा की जानकारी नहीं है। 

 

इसी आधार पर पुलिस ने संदीप के खिलाफ डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट के आदेशों की उल्लंघना करने पर धारा 188 के तहत एफ.आई.आर. दर्ज कर दी। सुनवाई के दौरान प्रशासन की ओर से पेश कौंसिल ने भी कोर्ट में स्वीकार किया कि संदीप के खिलाफ एफ.आई.आर. गलत दर्ज हुई है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि बिना किसी गजटेड अफसर की शिकायत के धारा 188 के तहत कार्रवाई नहीं हो सकती। कोर्ट ने एफ.आई.आर. रद्द करने की अपील स्वीकार कर ली। धारा 188 के तहत दर्ज मामले में एक माह से 6 माह तक की सजा व जुर्माने का प्रावधान है। 
 


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pooja verma

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