बदलेगी पियरे जेनरे के घर की तस्वीर, बदलेगा संग्रहालय में

Sunday, Sep 25, 2016 - 09:40 AM (IST)

चंडीगढ़, (एकता): चंडीगढ़ के पहली चीफ आर्किटैक्ट ली-कार्बूजिए को तो सभी जानते हैं, लेकिन उनके एक असिस्टेंट के बारे में अधिक लोगों को जानकारी नहीं है। इनका नाम है पियरे जेनरे। शुरुआती दौर में चंडीगढ़ को डिजाइन करने और इसे संवारने में आर्किटैक्ट पियरे जेनरे का भी अमूल्य योगदान रहा है। ली कार्बूजिए के कजन पियरे जेनरे के बारे में लोगों को जानकारी देने के लिए अब चंडीगढ़ प्रशासन ने उनके सैक्टर-5 स्थित मकान नंबर 57 को संवारने का फैसला लिया है। यह वही मकान है जहां पियरे जेनरे रहते थे। अब प्रशासन की प्लानिंग है कि इस घर के दो कमरों को संग्राहलय के रूप में बदल दिया जाए। जहां पर पियरे जेनरे से जुड़ी कईं यादों को सहेजकर रखा जाएगा। प्रशासन की योजना है कि 6 अक्तूबर को ली कार्बूजिए के जन्मदिवस के अवसर पर इस संग्राहलय को भी टूरिस्ट के लिए खोल दिया जाए।

फोटोग्राफ के जरिए बताई जाएगी जर्नी
वैसे तो पियरे जेनेरे के पूरे हाउस को संग्राहलय बनाने का फैसला लिया गया था लेकिन फिलहाल दो ही कमरों को संग्राहलय के रूप में तैयार किया जाएगा। दो कमरों में पियरे की जर्नी को फोटोग्राफ्स के जरिए बताया जाएगा कि उन्होंने शहर में कौन सी बिल्डिंग्स को बनाया और किस तरह से काम किया। एक कमरे में उनके द्वारा तैयार की गई  बिल्डिंग्स की फोटोग्राफ्स को सजाया जाएगा वहीं दूसरे कमरे में द्वारा तैयार किए गए फ र्नीचर डिजाइन की  फोटोग्राप्स को सजाया जाएगा। इसके साथ ही पियरे से जुड़े हुए सामान को भी यहां प्रदर्शित किया जाएगा। 

फर्नीचर ही नहीं, कई बिल्डिंग्स भी की डिजाइन
पियरे जेनरे ली कार्बूजिए के भतीजे थे। जेनरे ने शहर के कई संस्थानों के अधिकतर फ र्नीचर डिजाइन किया थे बल्कि इसके साथ ही उन्होंने कई प्राईमरी स्कूल्स,घर,पंजाब यूनिवर्सिटी की कई बिल्डिंग्स की डिजाइनिंग की, जिनमें गांधी भवन और यूनिवर्सिटी लाइब्रेरी शामिल है। उनकी बनाई बिल्डिंग की दीवारों में पत्थरों का अधिक काम देखने को मिलता है।

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