पी.जी.आई. में पहली बार लाइव कोरोनरी एंजियोप्लास्टी, यू.एस. में एक्सपर्ट ने देखी

punjabkesari.in Wednesday, Jun 26, 2019 - 11:00 AM (IST)

चंडीगढ़(रवि पाल) : पी.जी.आई. एडवांस कॉर्डियक सैंटर  में डॉक्टर एक मरीज की कॉम्पलैक्स कोरोनरी एंजियोप्लास्टी करने में सफल रहे। खास बात यह रही कि पी.जी.आई. के इस प्रोसैस को ओरलैंडो (यू.एस.) में चल रही 15वीं एनुअल कांफ्रैंस ऑफ कॉम्पलैक्स कॉर्डियोवैस्कूलर कैथेटर थैराप्यूटिक्स में लाइव दिखाया गया। कॉर्डियोलॉजी फील्ड में सबसे बड़ी कांफ्रैंस है, जिसमें 1500 के करीब इंटरनैशनल एक्सपर्ट्स हिस्सा ले रहे हैं। स्कॉलर्स ने इस लाइव प्रोसैस से जाना कि किस तरह कॉम्पलैक्स कोरोनरी ब्लॉकेज दूर किया गया। 

प्रोफैसर विजय वर्गीय की टीम की अगुवाई में इस प्रोसैस को पूरा किया गया है। आमतौर पर कोरोनरी ऑर्टरी में आई ब्लॉकेज दूर करने के लिए स्टंट डाला जाता है, लेकिन कई बार ब्लॉकेज दूर नहीं हो पाती। डॉ. विजय वर्गीय ने बताया कि पी.जी.आई. देश के कुछ ही ऐसे संस्थानों में से एक है जो इस तरह की रेयर प्रोसैस को कर रहा है। लाइव ट्रांसमिशन के जरिए कई इंटरनैशनल एक्सपर्ट्स ने हमारा काम देखा है जो कि पी.जी.आई. के लिए सम्मान की बात है। 

9 महीने पहले स्टंट डलवाया मगर तबीयत और खराब हुई

जिस मरीज पर यह प्रोसैस किया गया है, उसने 9 महीने पहले किसी बाहरी हॉस्पिटल में स्टंट डलवाया था लेकिन इसके बाद भी ब्लॉकेज दूर नहीं हो पाई। मरीज की कंडीशन और ज्यादा खराब हो गई। मरीज की लैफ्ट ऑर्टरी में ब्लॉकेज थी जो कि ज्यादा खतरनाक होती है। यह एक नॉन-सर्जरीकल प्रोसैस था जो कि टैक्निकली बहुत चैलेजिंग था। इस प्रोसैस में एडवांस हार्डवेयर का इस्तेमाल किया गया। इंट्रा-वैस्कूलर अल्ट्रासाऊंड (आई.वी.यू.एस.) और ओप्टिकल ओहैरेंस टोमोग्राफी (ओ.सी.टी) जैसी एडवांस टैक्नीक की मदद से जांचा गया कि हार्ट में कहां-कहां ब्लॉकेज है। इसके बाद हार्ट की ब्लॉकेज को दूर किया गया है। 

यह है कोरोनरी ऑर्टरी ब्लॉकेज 
हार्ट बॉडी का एक ऐसा पार्ट है जो बिन रुके लगातार काम करता रहता है। इसके मसल्स को ऐसे में ब्लड की जरूरत लगातार होती है, जिसका काम हार्ट की कोरोनरी ऑर्टरीस (धमनियां) करती हैं। कोरोनरी आर्टरी डिजीज एक ऐसी बीमारी है, जिसमें  कोरोनरी ऑर्टरीज (धमनियां) में ब्लॉकेज हो जाता है। ऐसे में ब्लड का फ्लो हार्ट की मसल्स में सही से नहीं हो पाता। इससे मरीज को चैस्ट पेन से लेकर हार्ट अटैक होने के साथ ही जान जाने तक का खतरा बढ़ जाता है। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

bhavita joshi

Recommended News

Related News