अब PGI एमरजैंसी में 4 दिन से ज्यादा नहीं रूक सकेगा पेशैंट, पढ़ें पूरी खबर

punjabkesari.in Friday, Jul 14, 2017 - 09:42 AM (IST)

चंडीगढ़(अर्चना) : मिस्टर कम्प्यूटर ने पी.जी.आई. एमरजैंसी के पेशैंट लोड को कंट्रोल करना शुरू कर दिया है। कम्प्यूटराइज्ड पेशैंट ट्रैकिंग के दम पर अब एमरजैंसी में 4 दिन से ज्यादा कोई पेशैंट रूक नहीं सकेगा। एमरजैंसी के डाक्टर्स को चार दिनों के अंदर इमरजैंसी में एडमिट पेशैंट को न सिर्फ ट्रीटमैंट देना होगा बल्कि उसे इसी पीरियड के दौरान वार्ड में शिफ्ट करना भी अनिवार्य होगा। 

 

अधिकारिक सूत्रों की मानें तो हॉस्पिटल के इंर्फोमेशन टैक्नोलॉजी ने नए सॉफ्टवेयर को डिवैल्प कर लिया है और सॉफ्टवेयर के आधार पर बुधवार से ट्रायल तौर पर पेशैंट्स की कम्प्यूटराइज्ड ट्रैकिंग शुरू कर दी गई है। एक महीने तक पेशैंट ट्रैकिंग ट्रायल तौर पर की जाएगी और अगर ट्रैकिंग में किसी भी तरह की दिक्कत आती है तो उसे दूर किया जाएगा और उसके बाद रैगुलर तौर पर एमरजैंसी में कम्प्यूटराइज्ड ट्रैकिंग की जाएगी। 

 

हर रोज 300 पेशैंट्स लेते हैं एमरजैंसी में ट्रीटमैंट :
एमरजैंसी में हर रोज करीब 300 पेशैंट्स उपचार लेते हैं परंतु पेशैंट्स के डेज ऑफ स्टे बढऩे की वजह से नए पेशैंट्स को वो ट्रीटमैंट नहीं मिल पाता था जिसके लिए उन्हें पी.जी.आई. रैफर किया जाता था। अब नेहरू अस्पताल से लेकर एडवांस पैडिएट्रिक सैंटर की इमरजैंसी में भर्ती होने वाले पेशैंट्स के डिसीज, ट्रीटमैंट रिकार्ड के साथ-साथ उसके डेज ऑफ स्टे का अलर्ट देना शुरू कर दिया गया है। 

 

अलर्ट का सीधा संबंध संबंधित विभाग के एच.ओ.डी. के साथ है, ताकि पेशैंट को वो ट्रीटमैंट मिल सकेगा जिसकी वजह से उसे एमरजैंसी में 4 दिन से ज्यादा हो चुके हैं। एच.ओ.डी. की जिम्मेदारी होगी कि वह पेशैंट को ट्रीटमैंट देने के लिए या तो वार्ड में भर्ती करे या फिर एमरजैंसी में पेशैंट को संबंधित सूत्रों की मानें तो हॉस्पिटल मैनेजमैंट बोर्ड ने पेशैंट्स डेज ऑफ स्टे को ट्रैक करने के लिए हॉस्पिटल इंर्फोमेेशन सिस्टम को सॉफ्टवेयर डेवेल्प करने के निर्देश दिए थे। 

 

ट्रीटमैंट देने के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज दिलवा दे। एमरजैंसी सॉफ्टवेयर में पेशैंट के ट्रीटमैंट से जुड़ी जानकारी को अपडेट करने का काम नर्स कोओर्डिनेटर कर रही हैं। नर्स कोओर्डिनेटर की रिपोर्ट के आधार पर ही यह रिपोर्टिंग सॉफ्टवेयर में अपलोड की जा रही है। पी.जी.आई. के डायरैक्टर प्रो.जगत राम ने भी निर्देश जारी किए हैं कि पेशैंट्स को इलाज देकर तुरंत वार्ड में शिफ्ट किया जाए, ऑपरेशन किए जाएं या डिस्चार्ज किया जाए। 

 

वार्ड पेशैंट्स के स्टे से संबंधित मैसेज पहुंच रहे एच.ओ.डी. को :
सूत्र कहते हैं कि पी.जी.आई. ने वार्ड्स में भर्ती पेशैंट्स के डेज ऑफ स्टे को ट्रैक करने के लिए एस.एम.एस. मैसेजिंग शुरू कर रखी है। वार्ड में एडमिट पेशैंट्स के 7 दिन पूरे होने के बाद संबंधित डाक्टर या एच.ओ.डी. को पेशैंट का विवरण मैसेज में भेजा जाता है और उन्हें पेशैंट को दिए गए ट्रीटमैंट के बारे में भी बताया जाता है। 

 

पी.जी.आई. के एक सीनियर डाक्टर ने बताया कि पेशैंट्स के डेज ऑफ स्टे से संबंधित मैसेजिंग की वजह से पिछले दिनों उन्हें एक्सप्रैस पब्लिक हैल्थ अवार्ड, हैदराबाद और दिल्ली में स्कोच ग्रुप ने पुरस्कृत किया था। वार्ड अलर्ट से पहले पेशैंट्स की डेज ऑफ स्टे 7.9 थी, जबकि अब वार्ड में पेशैंट्स की एवरेज डेज ऑफ स्टे 7.1 हो गई है।


 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Related News