PGI ने 5 वर्षों में गरीब पैशेंट्स के ट्रीटमैंट पर खर्चे 1,66,08,273 रुपए

Thursday, Oct 12, 2017 - 11:36 AM (IST)

चंडीगढ़(अर्चना) : पी.जी.आई. ने पांच सालों में 5662 गरीब पैशेंट्स को ट्रीटमैंट के दौरान 1 करोड़ 66 लाख 8 हजार 273 रुपयों का वित्तीय सहयोग दिया हालांकि पी.जी.आई. को दान में सिर्फ 1,57,38,960 रुपए ही डोनेशन में मिले थे। 

 

पैशेंट्स के रिकार्ड की मानें तो चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली से पी.जी.आई. के पूअर पैशेंट वेलफेयर फंड में डोनेशन देने वालों की संख्या भले बढ़ रही है परंतु इलाज के लिए आने वाले पैशेंट्स के अनुपात में संस्थान को ज्यादा डोनेशन की जरूरत है।  

 

मौजूदा वर्ष 2016-17 में पी.जी.आई. ने वेलफेयर फंड में से गरीब पेशेंट्स की दवा, एंजियोग्राफी, लैप्रोस्कोपी इत्यादि पर 76 लाख 41 हजार 910 रुपये खर्च किए हैं। जबकि बीते वर्ष पी.जी.आई. गरीब पैशेंट्स पर सिर्फ 41 लाख 7 हजार 236 रुपये पैशेंट्स के इलाज पर खर्च किए गए थे। 

 

पी.जी.आई. के हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट की मानें तो संस्थान में आसपास के राज्यों से आने वाले गरीब पैशेंट्स की तादाद बढ़ रही है और अगर इसी संख्या में पैशेंट्स की तादाद बढ़ती रही है तो पी.जी.आई. के पूअर पैशेंट वेलफेयर फंड की वित्तीय राशि घट सकती है। 

 

बढ़ रही है पैशेंट्स की संख्या :
हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन्स की अधिकारी डॉ.नवनीत धालीवाल का कहना है कि पी.जी.आई. के पूअर पैशेंट वेलफेयर फंड में दान करने वालों की संख्या बढ़ तो रही है परंतु यह राशि पी.जी.आई. में आने वाले पैशेंट्स के अनुपात में कम है। पैशेंट्स बढ़ रहे हैं इसलिए उनके इलाज के लिए दान करने वालों की संख्या भी ज्यादा होनी चाहिए। पहले पी.जी.आई. की ओपीडी में आने वाले पैशेंट्स की संख्या 6000 से 7000 के बीच होती थी जबकि अब उनका नंबर 9000 के करीब पहुंच चुका है। पी.जी.आई. की इमरजेंसी और ट्रामा सेंटर में भी पैशेंट्स की संख्या बढ़ती जा रही है। 

 

पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार इत्यादि राज्यों से पी.जी.आई. में सर्जरी करवाने के लिए बड़ी तादाद में पैशेंट आते हैं और पी.जी.आई. उन पैशेंट्स को वित्तीय सहयोग देता है जिनके पास बीपीएल कार्ड होता है। पैशेंट्स को दवाएं दिलाई जाती हैं, सर्जरी में इस्तेमाल होने वाले उपकरण भी पैशेंट्स को खरीद कर दिए जाते हैं। पी.जी.आई. को डोनेशन देने वाले दानियों को इंकम टैक्स में छूट मिलती है। इसके अलावा दानकर्ताओं को एप्रीसिएशन सर्टिफिकेट भी दिए जाते हैं। 

 

पी.जी.आई. ने बहुत से गरीब पैशेंट्स का दिल का इलाज भी करवाया है। ऐसे पेशेंट्स को एंजियोग्राफी पैकेज से दिल का इलाज करवाया गया है। डॉ.धालीवाल ने कहा कि पी.जी.आई. डोनेशन डायरेक्टर पी.जी.आई. के नाम से बने चैक के जरिए लेता है। दानी चाहे तो नकद दान भी दे सकते हैं। नकद राशि दान में देने वाले नेहरू हॉस्पिटल की मेन रिसेपशन पर जमा करवा सकते हैं। 

 

नोटबंदी के दौरान खूब दान :
सूत्रों की मानें तो नोटबंदी के दौर के दौरान बीते साल ट्राईसिटी के दानियों ने हॉस्पिटल में लगे डोनेशन बॉक्सेज को पुराने नोटों से लबालब कर दिया था। पूअर पैशेंट वेलफेयर फंड के मुकाबले डोनेशन बॉक्सेज में ज्यादा रुपये इकट्ठा हुए थे। दिबंसर 2016 में पी.जी.आई. के डोनेशन बॉक्सेज में 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों की बाढ़ ही आ गई थी। रिकार्ड की मानें तो दिसंबर के महीने में खोले गए डोनेशन बॉक्सेज से पी.जी.आई. ने 84,081 रुपये इकट्ठा किए थे। 

 

जबकि पहले पी.जी.आई. को डोनेशन बॉक्सेज में एक महीने में 40,000 रुपये से लेकर 65,000 रुपये तक मिल जाते थे। सितंबर 2016 में डोनेशन बॉक्स से सिर्फ 43,000 रुपये मिले थे। उससे पहले मई 2016 में डोनेशन बॉक्स से 67,120 रुपये मिले थे। दिसंबर 2016 में खोले गए डोनेशन बॉक्स से एक हजार 51 नोट मिले थे जबकि 500 रुपये के 47 नोट थे। तत्तकालीन समय में जहां डोनेशन बॉक्सेज लोगों ने दान से लबालब कर दिए थे वही पी.जी.आई. की सरायों और गुरुद्वारों में दान करने वालों की संख्या में कमी दर्ज की गई थी। तब आटा, दाल, चावल, चीनी राशन की मात्रा में कमी दर्ज की गई थी। 

 

पी.जी.आई. को डोनेट की गई धनराशि :
वर्ष            दान राशि     पैशेंट पर खर्च     लाभांवित पैशेंट्स
2016-17       59.06.083रु.      76,41,910रु.    1973
2015-16       36,90,103रु.     41,07,265रु.    1728
2014-15       31,71,428रु.     22,90,446रु    960
2013-14       29,71,346रु.     25,68,652रु.    1001

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