पेशैंट फ्रैंडली PGI के डिसेबल कर्मी खुद की फैकल्टी से परेशान

punjabkesari.in Thursday, Nov 21, 2019 - 03:36 PM (IST)

चंडीगढ़(पाल) : पेशैंट फ्रैंडली पी.जी.आई. के डिसेबल कर्मी इन दिनों खुद की फैकल्टी से ही परेशान हैं। पी.जी.आई. के हर डिपार्टमैंट के कर्मी को नियमों के तहत कुछ वक्त बाद ट्रांसफर कर दिया जाता है जो कि एक रुटीन की तरह है, लेकिन पिछले दिनों नर्सिंग कैडर और हॉस्पिटल अटैंडैंट वर्करों को ट्रांसफर करने के बाद वहां की फैकल्टी रास नहीं आ रही है।  

सूत्रों के मुताबिक इन डिसेबल वर्करों को जान-बूझकर न सिर्फ परेशान, बल्कि उनको काम न आने की बात भी कही जा रही है। दरअसल हर 4 या 5 साल बाद वर्करों का डिपार्टमैंट बदल दिया जाता है, ताकि वे सभी तरीके व हरेक डिपार्टमैंट का काम जान सकें। 

डायरैक्टर को शिकायत करने की तैयारी में कर्मी :
 कुछ वर्कर इतने परेशान हो रहे हैं कि वह डायरैक्टर को शिकायत देने की तैयारी कर रहे हैं। वर्करों को कहना है कि फैकलटी न सिर्फ बुरा बर्ताव या काम करते वक्त उनकी डिसेबिलिएटी को भी नजरअंदाज किया जा रहा है। 

स्टाफ की मानें तो एक जगह काम काफी अर्से से काम करने से वर्कर के साथ-साथ सीनियर फैकल्टी भी काफी फ्रैंडली हो जाती है। काम को मैनेज करना आसान होता है। वहीं ट्रांसफर के बाद थोड़ा अडजैस्ट होने में वक्त जरुर लगता है लेकिन इस बार वर्करों को वह भी डिसेबलिएटी को देखने के बावजूद उनसे इस तरह का बर्ताव किया जा रहा है।

100 के करीब डिसेबल कर्मी :
पी.जी.आई. में इस वक्त 100 के करीब डिसेबल इम्पलाई हैं, जो हर डिपार्टमैंट में काम करते हैं। वर्करों में महिलाओं का रेशो 40 प्रतिशत तक है। डिसेबल यूनियन के मुताबिक इस तरह का मामला पी.जी.आई. में पहले नहीं आया है। इस बार पहली दफा है कि वर्करों को काम को लेकर परेशान किया जा रहा है। 

पहले भी हो चुका है ऐसा :
इससे पहले भी पी.जी.आई. में डिसेबल कर्मियों के साथ भेदभाव का मामला सामने आ चुका है। नाइन के एक्स-प्रिंसीपल डा. संध्या घई के पर वहीं की पी.एच.डी. स्टूडैंट्स व पी.जी.आई. के नर्स ने मैंटल हरासमैंट का आरोप लगाया था। इसकी शिकायत डायरैक्टर प्रो. जगत राम को भी की गई थी। 


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Priyanka rana

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