वर्णिका कुंडू मामला : विकास की याचिका खारिज, नहीं मिलेगी जमानत

Wednesday, Sep 13, 2017 - 08:35 AM (IST)

चंडीगढ़(सुशील) : बेहद चर्चित वर्णिका कुंडू अपहरण की कोशिश व छेड़छाड़ केस में जिला अदालत ने हरियाणा बी.जे.पी. अध्यक्ष के बेटे विकास बराला की जमानत याचिका मंगलवार को खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि आरोपी ने रोड साइड रोमियो की तरह हरकतें की हैं। उसने दूसरे आरोपी के साथ मिलकर शराब के नशे में जघन्य अपराध किया है। इस आधार पर आरोपी को जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता। 

 

ए.डी.जे. रजनीश कुमार शर्मा ने विकास बराला को जमानत देने से इंकार करते हुए कहा कि शिकायतकर्ता के आरोप गंभीर हैं। याचिकाकर्ता का कहना है कि उसे पुलिस ने गलत फंसाया है लेकिन पीड़िता की ओर से दर्ज कराई गई एफ.आई.आर. में साफ है कि उसे गलत नहीं फंसाया गया है। वहीं, रिकार्ड में भी ऐसे कुछ सामने नहीं आया है कि दोनों पक्षों में कोई पारिवारिक विवाद हो। इस आधार पर ऐसा कोई ठोस आधार नहीं मिला, जिस पर आरोपी को जमानत का लाभ दिया जाए इसलिए आरोपी की जमानत याचिका खारिज की जाती है। 

 

एक घंटे तक दोनों पक्षों में बहस हुई :
इससे पहले सुबह एक घंटे तक दोनों पक्षों में बहस हुई। सुबह 10 बजे अदालत में याचिका पर बहस शुरू हुई। अभियोजन पक्ष की ओर से बहस कर रहे डिस्ट्रिक्ट अटार्नी ने अदालत के समक्ष एफ.आई.आर. में दर्ज शिकायत और उस रात हुई पूरी घटना के बारे में बताया। वहीं, वर्णिका कुंडू की ओर से पेश हुए एडवोकेट ने कहा कि बचाव पक्ष का कहना है कि केस दो एडवोकेट के बयान के आधार पर बनाया गया, जबकि साफ है कि पुलिस ने पहले जमानती धाराओं में केस दर्ज किया था। 

 

पिता तो मिसाल जिन्होंने खुद दर्ज करवाया केस :
पीड़िता के मैजिस्ट्रैट के समक्ष 164 के बयान के बाद अदालत ने गैर-जमानती धाराएं जोड़ी थी। पुलिस पर किसी का कोई  असर या दबाव नहीं था। अगर इस केस में पीड़िता के आई.ए.एस. पिता थाने में मौजूद थे तो इसमें क्या गलत था। किसी की भी बेटी के साथ ऐसा होगा तो वह थाने जाएगे ही। इस केस में तो वह एक मिसाल हैं, जिन्होंने बेटी के इस निर्णय में उनके साथ खुद खड़े हुए और आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करवाया।
 

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