12 लाख लोगों के शहर को 10 हजार कर्मी ठीक नहीं रख सकते

punjabkesari.in Sunday, Aug 07, 2022 - 08:37 PM (IST)

चंडीगढ़,(राजिंद्र शर्मा): चंडीगढ़ रैजिडेंट्स एसोसिएशन वैलफेयर फेडरेशन (क्राफ्ड) की बैठक रविवार को चेयरमैन हितेश पूरी की अध्यक्षता में हुई, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में नगर निगम की आयुक्त अनिंदिता मित्रा उपस्थित रहीं। बैठक में एसोसिएशन की तरफ से निगम आयुक्त के सामने कईं मुद्दों को उठाया गया, जिनके निवारण का अधिकारियों ने आश्वासन दिया। एसोसिएशन के पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए निगम आयुक्त मित्रा ने कहा कि 12 लाख लोगों के शहर को सिर्फ 10 हजार कर्मी ठीक नहीं रख सकते हैं। पार्क, रोड, सफाई और सीवरेज सिस्टम ठीक रखना निगम की जिम्मेदारी है, लेकिन इसमें से 50 प्रतिशत की जिम्मेदारी लोगों की भी बनती है। शहरवासियों को अपने व्यवहार में बदलाव लाना होगा। पंचकूला व मोहाली को छोड़ दें, जब तक आप अपने अंदर बदलाव नहीं लाते हैं, तब तक सभी समस्याएं हल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि मार्कीट जाते हुए हमें अपने साथ कपड़े का बैग रखना चाहिए, ताकि दुकानदार से प्लास्टिक का बैग् लेने की हमें जरूरत ही न पड़े। आप खुद तय कर लें कि आप ने समाधान का हिस्सा बनना है या समस्या का हिस्सा बनना चाहते हैं।

 

तीन साल काम करके मैंने चले जाना, आपको समाधान के लिए करना होगा प्रयास
निगम आयुक्त ने पदाधिकारियाें को संबोधित करते हुए कहा कि तीन साल काम करके उन्होंने शहर से चले जाना है, लेकिन आप लोगों ने हमेशा शहर में रहना है। इसलिए आप लोगों को बदलाव के लिए काम करना होगा और सभी समस्याओं का समाधान के लिए प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि हमेशा अपनी गाड़ी में डस्टबिन रखें, ताकि उन्हें सड़क पर कोई भी वेस्ट फैंकने की जरूरत न पड़े। सबसे अधिक कचरे के ढेर ट्रैफिक लाइट प्वाइंट के आसपास ही लगे हाेते हैं। चेयरमैन हितेश पूरी ने कहा कि जितनी भी सड़कों की रिकारपेंटिंग की जा रही हैं, वह सभी सडकें समय से पहले ही टूट व खराब हो रही हैं। इस संबंध में पहले भी अधिकारियों को अवगत करवा चुके हैं, लेकिन बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हो रही हैं। इस पर निगम आयुक्त ने कहा कि वह चार ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट कर चुकी हैं और अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि जहां कहीं भी सड़कें खराब है, चैक करके उन्हें तुरंत ठीक किया जाना चाहिए। आयुक्त ने कहा कि शहर में ज्यादातर समस्या पार्कों में आ रही है। निगम के पास शहर में कुल 1,800 पार्क हैं। किसी पार्क में फुटपाथ टूटा हुआ है और कहीं जिम टूटा हुआ है। उन्होंने कहा कि एक बार निगम को ऐसे नेबरहुड पार्कों का दौरा करने की जरूरत है। इंफ्रास्ट्रचर में कमी को देखना होगा। वहीं मेंटेनेंस पर भी ध्यान देने की जरूरत है, मगर वह अलग पहलू है। कमिश्नर ने कहा कि पार्कों में घास बड़ी होती है और उन्हें काटना भी होगा। वहीं पार्कों में कचरे के डिब्बे भी भरेंगे और उन्हें खाली करना पड़ेगा। पार्कों में लेवलिंग का मुद्दा भी बना हुआ है।

 

लोगों की प्रशंसा के भूखे हैं :
निगम आयुक्त ने कहा कि वह लोगों की प्रशंसा के भूखे हैं। उन्होंने शहरवासियों को एक उदाहरण देते हुए कहा कि अगर हाऊसवाइफ को कह दें कि दाल बहुत स्वाद बनी है तो वह कोशिश करती है कि अगली बार दाल और स्वाद बन जाए। वहीं जिस दिन कह देंगे कि दाल में नमक नहीं था तो मान कर चलिए कि दूसरे दिन आपको खाना बहुत बुरा मिलेगा। ऐसे में निगम का भी यही हाल है। अगर आप कहते रहें कि आप अच्छा काम कर रहे हैं तो हम और अच्छा काम करेंगे। वहीं आप कहते रहें कि हम बहुत बुरा काम करते हैं तो हम कहेंगे कि वैसे ही हमारी रेपुटेशन इतनी खराब है तो कोई बात नहीं, रहने ही देते हैं। कमिश्नर ने कहा कि वह(निगम) भी उनकी प्रशंसा और शब्दों के भूखे हैं। उन्होंने कहा कि हम कोशिश करते हैं मगर हां, हमें और कोशिश करने की जरूरत है। वह इस मीटिंग में चीफ इंजीनियर को इसलिए साथ लाई हैं, क्योंकि चंडीगढ़ में आधे मुद्दे इंजीनियरिंग विभाग के होते हैं और आधे मुद्दे एम.ओ.एच. विंग के होते हैं। वहीं इसके इलावा ज्यादा कोई बड़ा मुद्दा नहीं होता।

 

 

 

पेड़ों की प्रूनिंग व काटने की प्रक्रिया की सरल
मित्रा ने कहा कि स्कूलों में चारदीवारी के बाहर वाले पेड़ उनके अंतर्गत आते हैं और अंदर वाले पेड़ प्रशासन के अधीन हैं। पेड़ों की प्रूनिंग और खतरनाक पेड़ों को हटाने की प्रक्रिया को सरल कर दिया गया है और नोटिफाई कर दिया गया है। अभी सिफ सॉफ्टवेयर में बदलाव रह गया है। अगले दो सप्ताह में यह काम भी हो जाएगा। इसके तहत पेड़ों से जुड़े फैसले लेने की पावर विभाग के प्रमुख को दे दी गई हैं। निगम अपने स्तर पर फैसला ले सकेगी। वहीं प्रशासन अपना और वन विभाग अपने अंतर्गत आते पेड़ों पर फैसला ले पाएंगे।

 

हालांकि पेड़ का निरीक्षण तीनों विभाग के अफसर संयुक्त रूप से करेंगे। शहर में पेड़ गिरने से बड़ा हादसा हुआ है मगर शहर को अभी तक पेड़ों ने बचा कर भी रखा है। कमिश्नर ने बिना नाम लिए कहा कि कुछ शहरों में लोगों को प्रदूषण के चलते मास्क पाकर घूमना पड़ता है। वहीं अगर चंडीगढ़ में लोग अच्छे से सांस ले पा रहे हैं तो वह पेड़ों की बदौलत है। स्कूल के हादसे के बाद से हजारों की संख्या में उन्हें पेड़ों से जुड़ी शिकायतें आई हैं। कुछ शिकायतें सही हैं और कई शिकायतें फोबिया की वजह से भी आई हैं कि पेड़ गिरने से कुछ हो न जाए। कमिश्नर ने कहा कि उनके भी 2 कनाल की सरकारी कोठी में पेड़ है। वहां भी पेड़ थोड़ा झुका हुआ है, लगता है कि कहीं गिर न जाए। कमिश्नर ने कहा कि प्रूनिंग की प्रक्रिया भी सरल कर दी गई है। वहीं पेड़ को हटाने की प्रक्रिया भी सरल कर दी गई है। वहीं कमिश्नर ने साफ किया है कि निगम पेड़ों में भेदभाव के आधार पर उनकी कटिंग नहीं करेगी। एक सवाल के जवाब में कमिश्नर ने कहा कि आर.डब्ल्यू.ए. को पेड़ों की कटाई की मंजूरी देना संभव नहीं होगा क्योंकि चंडीगढ़ में पेड़ों के संबंध में ट्री कंट्रोल आर्डर है।

 

एसोसिएशन के बैनर तले बोलते हुए एक बुजुर्ग ने कहा कि शहर में सबसे बड़ी समस्या किन्नरों की है। किन्नर शहर में चाहे बेटा हो या बेटी हो 50 हजार से लेकर 1 लाख रुपए के बीच मांगते हैं। इससे कम में वह तैयार नहीं होते। परिवार वाले और पड़ोसी काफी दुखी हो जाते हैं और किन्नर किसी की बात नहीं मानते। उन्होंने कमिश्नर को कहा कि कुछ ऐसा प्रबंध हो कि परिवार बच्चे के जन्म पर खुशी मनाते हुए अपनी सामर्थता के अनुसार किन्नरों को शगुन दे सके। कमिश्नर ने कहा कि यह मुद्दा उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। हालांकि वह देखेंगी की क्या इस पर कुछ किया जा सकता है।

 

गारबेज कलेक्टर्स की समस्या को भी उठाया
वहीं गारबेज कलेक्टर्स भी काफी समस्या खड़ी करते हैं। उनकी कोई टाइमिंग नहीं होती। कई बार वह आते तक नहीं हैं। निगम कमिश्नर ने कहा कि लगभग 2 महीने पहले निगम ने अपनी 585 कूड़े की गाड़ियों का रिव्यू किया था कि क्या वह समय पर सभी जगह जा रही है या नहीं। एक दिन में 12,000 प्वांइट्स पर गाड़ी या तो समय पर नहीं पहुंची या पहुंची ही नहीं थी। हर गाड़ी पर जी.पी.एस. लगा है। आई.सी.सी.सी., सैक्टर-17 से निगम के 5 कर्मियों की टीम इन गाड़ियों को मॉनीटर करती है। वहां पर अलर्ट जारी हो जाता है। अब स्थिति काफी बेहतर है। अब लगभग सिर्फ 300 प्वाइंट्स पर ऐसा हो रहा है। कमिश्नर ने कहा कि जल्द ही शहर को और अच्छे से इस दिशा में सेवाएं दी जा सकेंगी। प्रापर्टी टैक्स के मुद्दे पर कमिश्नर ने बताया कि 10 रुपए का फाइन 10 पैसे प्रतिदिन कर दिया जाए। प्रशासक के समक्ष यह मुद्दा रखा गया है। वहीं पुरानी पैनल्टी को छोड़ने पर भी विचार किया जा रहा है। कमिश्नर ने कहा कि लोगों को एक नागरिक के रुप में कानून और नियमों की जानकारी होनी चाहिए। ऐसा नहीं है कि अपराध कर के कह दें कि हमें पता नहीं था।

 

कमिश्नर ने कहा कि शहर के पार्कों में झूले और जिम का टूटा सामान रिप्लेस करने को कहा गया है। इसके टेंडर भी जारी हो चुके हैं। कुछ जगहों पर रिप्लेसमेंट हो भी चुकी है। उन्होंने कहा कि शहर में सीएंडडी वेस्ट और हार्टीकल्चर वेस्ट की बड़ी समस्या है। एक सीएंडडी वेस्ट प्लांट इंडस्ट्रियल एरिया में बना है। मगर निगम के प्रयासों के बावजूद लोग वहां पर वेस्ट डंप नहीं करवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बड़े कंस्ट्रक्शन के तहत बिल्डिंग प्लान में सीएंडडी वेस्ट के निपटारे का क्लाज है।

 

 

 


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News Editor

Ajay Chandigarh

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