सिटी फॉरेस्ट में लगाए पीपल और बरगद के पेड़

Monday, Feb 18, 2019 - 08:02 PM (IST)

चंडीगढ़ (रोहिला): सोमवार को यू.टी. प्रशासन के पर्यावरण विभाग व स्वयंसेवी संस्था की ओर से नेचर कैंप का आयोजन किया गया। इसमें गुरु गोबिंद सिंह कॉलेज फॉर वुमेन, सैक्टर-26 की छात्राओं ने सुखना लेक के पीछे बने सिटी फॉरेस्ट के शांतिपूर्ण और आनंदमय वातावरण का मजा लिया। 

 

इसमें 50 छात्राओं और टीचर्स ने पहली बार शहर में समृद्ध वनस्पतियों और जीवों से भरे ऐसे सुंदर और हरे-भरे फॉरेस्ट को देखा। चंडीगढ़ के मुख्य वन संरक्षक और पर्यावरण विभाग के डायरैक्टर देबेंद्र दलाई और उप वन संरक्षक डा. अब्दुल कय्यूम ने युवा स्टूडैंट्स के साथ सिटी फॉरेस्ट में पीपल और बरगद का पेड़ लगाया। 

 

दलाई ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोग बरगद और पीपल के पेड़ साथ साथ लगाने को शुभ मानते हैं। हिंदू धर्म में पीपल और बरगद को सबसे पवित्र वृक्ष माना जाता है छाया। बड़ी संख्या में पक्षियों, गिलहरियों, कीड़ों, आदि को छत प्रदान करने के अलावा यह पेड़ ऑक्सीजन के साथ साथ मनुष्यों के लिए औषधीय महत्व के समृद्ध स्रोत हैं। 

 

सिटी फॉरेस्ट के बनने से अब शहर की भीड़भाड़ से दूर लोगों के पास हरे भरे वातावरण में मध्यस्थता और आनंद लेने के लिए एक जगह हो गई है। सिटी फॉरेस्ट पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की एक पहल के तहत नगर वन उड़ान योजना के तहत विकसित किया गया है। 

 

इस मौके पर डा. अब्दुल कय्यूम ने स्टूडैंट्स और टीचर्स से सुझाव मांगे कि किस तरह से 100 हेक्टेयर सिटी फॉरेस्ट को और अधिक आकर्षक व पर्यावरण के अनुकूल बनाया जा सकता है। चंडीगढ़ में पक्षियों की लगभग 420 प्रजातियां पाई जाती है। 

 

कैंप में टीचर्स और स्टूडैंट्स ने पर्यावरणविद कुलभूषण कंवर के साथ 5 किलोमीटर तक जंगल वॉक कि या और कंवर ने उन्हें पक्षियों, जानवरों, तितलियों और पौधों की अलग-अलग प्रजातियों के बारे में जानकारी दी। 

 

टीचर इंचार्ज प्रो. सवनीत ने सभी स्टूडैंट्स और टीचर्स को शपथ दिलाई कि वे ग्रीन की भावना को बढ़ावा देने के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक को ना कहेंगी। इसके अलावा कम दूरी के लिए वे पैदल चलेंगी या साइकिल का उपयोग करेंगी। 
 

pooja verma

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