पैक को नैक से मिलेगी एक्रीडेशन, जल्द आएगी टीम

Saturday, Jun 15, 2019 - 11:23 AM (IST)

चंडीगढ़(रश्मि हंस) : पंजाब इंजीनियरिंग कालेज (पैक) में नैशनल असैसमैंट एंड एक्रीडेशन काऊंसिल (नैक)की टीम जल्द ही शिरकत करेगी। पैक ने नैक की एक्रीडेशन के लिए आवदेन कर रखा है और जल्द ही नैक की टीम का पैक का दौरा करेगी। टीम ने आने के लिए अपनी सहमति भी दे दी है।  

पैक  ने  सारा डाटा करवाया सबमिट
पेक  ने नेक के पास सत्र-2013-14 से 2017-18  तक का सारा डाटा सबमिट करवा दिया है। इस डाटा में नैक ने   सैंट्रालाइज  एडमिशन, रिसर्च, फैकल्टी मैबर्स, जे.ई.ई. मैन रिजल्ट वगेट स्कोर के आधार पर दाखिला प्रक्रिया की जानकारी सबमिट करवाई है। इसके अलावा टीक्यूप  प्रोजैक्ट, मॉक कोर्सिस, माइनर कोर्सिस, रिसर्च, लैब की जानकारी, स्टूडैंट स्पोर्ट सिस्टम, ग्रीवैंसिज, मैनेजमैंट की जानकारी दी गई है। वहीं, नैक को 89 रैगुलर फैकल्टी मैंबर्स तथा 75 और रिक्वायरमैंट की भी जानकारी दी है। इनके अलावा नॉन-टीचिंग स्टाफ और प्रोजैक्ट और फंडस की जानकारी सबमिट करवाई गई है। 

पैक से पहली बार मिलेगी एक्रीडेशन
ऐसा पहली बार होगा जब पैक को नैक से एग्रीडेशन मिलेगी। इससे पहले पैक एन.बी.ए. से एक्रीडेशन लेता रहा है लेकिन अब नैक से भी पैक  एक्रीडेशन लेना चाहता है। वहीं, नैशनल बोर्ड ऑफ एजुकेशन (एन.बी.ए.) की एक्रीडेशन के लिए भी पैक ने आवेदन कर रखा है। पैक डायरैक्टर डॉ. सांघी ने बताया कि पैक ने नैक के पास एक्रीडेशन के लिए आवेदन कर दिया है। हमें उम्मीद है कि नैक से पैक को उम्दा रैकिंग ही मिलेगी। 

पैक के यूं बदलते रहे नाम
पैक कॉलेज सबसे पहले 1921 में लाहौर (पकिस्तान) में स्थापित किया गया था। पैक का वहां पर नाम मुगलपुरा इंजीनियरिंग कालेज, लाहौर था। इसके बाद  कालेज का नाम बदलकर मैकलागन इंजीनियरिंग कालेज रखा गया। पाकिस्तान और हिंदुस्तान में बंटवारे के बाद यह कालेज रूड़की में ईस्ट पंजाब कालेज ऑफ इंजीनियरिंग के नाम से  स्थापित किया गया लेकिन बाद में यह कालेज रूड़की से शिफ्ट कर चंडीगढ़ में स्थापित किया गया था।

 सत्र-2003 में कालेज को पैक (डीमड यूनिवर्सिटी) का खिताब भी मिला। सत्र-2009 में बोर्ड ऑफ  गवर्नर की बैठक में पैक को पंजाब इंजीनियरिंग कालेज यूनिवर्सिटी ऑफ टैक्नोलॅाजी का नाम दे दिया गया था, जिसे सत्र-2016 में फिर बदलकर पंजाब इंजीनियरिंग कालेज कर दिया गया है।  

यूनिवर्सिटी शब्द का इस्तेमाल करने पर नैक नहीं कर रहा था दौरा
ध्यान रहें कि नैक से एक्रीडेशन लेने के लिए पैक ने लगातार आवेदन कर रहा था लेकिन लेकिन नैक की टीम पैक का नाम न बदलने के कारण पैक का दौरा नहीं कर रही थी क्योंकि नैक ने पैक को अपने नाम से ‘यूनिवर्सिटी’ का नाम हटाने के लिए कहा था।  पैक संस्थान अपने नाम के साथ ‘यूनिवर्सिटी’ शबद का इस्तेमाल सत्र-2009 से कर रहा था। 

पैक ने इससे पहले सत्र-2014 में भी नैक से एक्रीडेशन के लिए आवेदन किया था, लेकिन नैक की टीम पैक में आने को तैयार ही नहीं थी। फिर भी पैक ने एक्रीडेशन की कोशिश लगातार जारी रखी और उनकी इन्हीं कौशिशों का नतीजा है कि अब नैक की टीम पैक का दौरा करेगी। अगर नैक से पैक को एक्रीडेशन मिल जाती है तो पैक बड़े प्रतिष्ठित संस्थानों में गिना जाएगा। 

पैरामीटर पर खरे उतरने वाले ही अच्छी रैंकिंग के हकदार
नैक की टीम विभिन्न पैरामीटर पर संस्थान की जांच करती है। इन पैरामीटर पर खरे उतरने वाले संस्थान ही नैक की अच्ची रैंकिंग के हकदार होते हैं। जांच के लिए टीम कैंपस में कुछ समय रूकती भी है और पर्सनल स्तर पर जांच करती है। नैक की ओर से किसी भी संस्थान को एक्रीडेशन मिलना बेहद ही सम्मानजनक माना है। इसलिए कई संस्थान  नैक से एक्रीडेशन  लेना चाहते हैं।  

bhavita joshi

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