‘PCA के मामले में हाईकोर्ट नहीं दे सकता दखल’

punjabkesari.in Friday, Sep 06, 2019 - 10:10 AM (IST)

चंडीगढ़(रमेश) : पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन (पी.सी.ए.) दो गुटों में बंट गई है और दोनों ही गुट पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में पी.सी.ए. की दबी पर्तें खोलने में लगे हुए हैं लेकिन हाईकोर्ट पी.सी.ए. के किसी भी मामले में दखल नहीं दे सकता क्योंकि उसका दखल देना सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना होगी। 

सुप्रीम कोर्ट ने बी.सी.सी.आई. के संचालन के लिए लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों के तहत एक संचालन समिति गठित की हुई है, जिसके बाद बी.सी.सी.आई. और उससे जुड़ी किसी भी एसोसिएशन की कोई भी याचिका किसी भी हाईकोर्ट में नहीं सुनी जा सकती। 

अगर किसी एसोसिएशन का कोई विवाद है तो वह संचालन समिति को एप्रोच कर सकती है। यह बात वीरवार को हाईकोर्ट में पी.सी.ए. की ओर से पेश हुए वकील पुनीत बाली ने कोर्ट को बताई, जहां पी.सी.ए. के खिलाफ पहुंची एक याचिका पर सुनवाई चल रही थी। 

बी.सी.सी.आई. का मामला सुप्रीम कोर्ट में पैंडिंग :
उन्होंने बताया कि बी.सी.सी.आई. का मामला सुप्रीम कोर्ट में अभी पैंडिंग है और 14 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि जब तक बी.सी.सी.आई. के मामले की सुनवाई चल रही है, तब तक कोई भी हाईकोर्ट बी.सी.सी.आई. या उससे जुड़ी किसी भी एसोसिएशन की कोई भी याचिका इंटरटेन नहीं करेगा। कोर्ट मित्र की रिपोर्ट आनी अभी बाकी है, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट अगले दिशा-निर्देश जारी करेगा। 

चुनाव बी.सी.सी.आई. संचालन समिति के शैड्यूल के तहत होंगे :
पुनीत बाली ने बताया कि पी.सी.ए. के जो चुनाव घोषित किए गए थे, वह बी.सी.सी.आई. की संचालन समिति के शैड्यूल के तहत ही होने थे, जो कि सभी एसोसिएशन्स के लिए अनिवार्य है, क्योंकि उक्त प्रोसैस के बाद ही बी.सी.सी.आई. के चुनाव नवम्बर में होने हैं। पी.सी.ए. सचिव ने भी बी.सी.सी.आई. की संचालन समिति के आदेशों के तहत ही चुनाव की तारीख घोषित की थी।

पी.सी.ए. के फंड्स के दुरुपयोग की बात भी कोर्ट में उठी :
पी.सी.ए. अध्यक्ष की ओर से भी वकील कोर्ट में पेश हुए, जिन्होंने बताया कि पी.सी.ए. अध्यक्ष को चुनाव घोषित करने से पहले विश्वास में नहीं लिया गया। पी.सी.ए. के वकील ने कहा कि यह आपसी तालमेल की कमी का परिणाम है, जिसकी वजह से घोषित चुनाव की तिथि रद्द कर दी गई है और नई चुनावी तिथि पी.सी.ए. अध्यक्ष को विश्वास में लेकर घोषित कर दी जाएगी। 

पी.सी.ए. के फंड्स के दुरुपयोग की बात भी कोर्ट में उठी, जिस पर पी.सी.ए. का कहना था कि मुल्लांपुर में नए बन रहे स्टेडियम के लिए फंड्स बी.सी.सी.आई. की संचालन समिति ही जारी कर रही है और उससे पहले ऑडिट रिपोर्ट भेजी जाती है तो फंड्स मिलते हैं। 

इंटरनैशनल क्रिकेटरों को बनाया जाए पी.सी.ए. का सदस्य :
कोर्ट में यह भी मांग उठी कि राज्य के पूर्व इंटरनैशनल क्रिकेटरों को भी पी.सी.ए. का सदस्य बनाया जाना चाहिए, जिनका क्रिकेट के लिए योगदान रहा है। ऐसे कई खिलाड़ी हैं, जिन्हें नजरंदाज किया जा रहा है। कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद कहा कि हाईकोर्ट इस मामले में दखल दे सकता है या नहीं, इसकी समीक्षा होगी। इसके बाद ही सुनवाई करेगा, जिसके लिए 16 सितम्बर की तारीख सुनिश्चित की गई है। 


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Priyanka rana

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