भाजपा के शासन में रूका चंडीगढ़ का विकास : बंसल

Saturday, May 26, 2018 - 01:50 PM (IST)

चंडीगढ़(राय) : देश के साथ-साथ भाजपा के शासन में चंडीगढ़ में भी विकास थम गया है। केंद्र की भाजपा सरकार ने चंडीगढ़ के वार्षिक बजट में निरंतर कटौती की है। यह कहना है पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन कुमार बंसल का।

शुक्रवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए बंसल ने कहा कि भाजपा के चार वर्ष के शासन काल में भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, शैक्षिणिक संस्थाओं में छात्रों में निराशा, मंहगाई, करों का बोझ, असुरक्षित महिलाएं, जाति के आधार पर लोगों का बंटवारे के अलावा कुछ नहीं मिला। 

वर्ष 2013-14 में कांग्रेस शासनकाल के दौरान चंडीगढ़ को केंद्र से वार्षिक योजनागत बजट के रूप कुल 592 करोड़ ,  2014-15 में  610, 2015-16 के बजट में मात्र 400 करोड़ रुपए मिले। चालू वित्त वर्ष 2018-19 में तो जो मिला है उससे तो एस्टेबलिशमैंट के खर्च भी पूरे नहीं होते।  

बंसल ने कहा कि निगम को मिलने वाला ग्रांट इन एड सबसे पहले वर्ष-1996 में पहले 353 करोड़ था पर चालू वित्त वर्ष में इससे भी कम मिल रहा है। अब 269 करोड़ रुपए ही निगम को मिलेंगे। बंसल ने दोहराया कि जो पूर्व महापौर अरुण सूद पिछले कल निगम सदन को बता चुके हैं। 

ज्ञात रहे कि सूद ने सदन को बताया था कि वह सांसद किरण खेर केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेतली से निगम के लिए अतिरिक्त ग्रांट मांगने गए थे पर उन्हें खाली हाथ लौटा दिया गया। बंसल ने कहा कि भाजपा ने चुनावी घोषणा पत्र में 60 वायदे किए थे पर एक भी पूरा नहीं किया गया। 

बंसल ने कहा कि खाना बनाने की डायरैक्ट बेनाफिट स्कीम के तहत शहर के कितने लोगों को लाभ मिल रहा है, इसका जवाब तो आर.टी.आई. में भी नहीं दिया जा रहा। बंसल ने कहा कि पिछले दिनों आवास बोर्ड ने लोगों की सुविधा के लिए जो निर्णय लिए थे उन्हें संदेह है कि वह भी वापस लिए जा रहे हैं। 

उनका कहना था कि उद्योगपतियों से वायदा किया गया फिर भी एम.ई.एम.एस. एक्ट लागू नहीं हुआ। बंसल ने कहा कि जैसे  पंजाब यूनिवर्सिटी में हर वर्ष शिक्षण शुल्क में वृद्धि की जा रही है उससे यह प्रतीत होता है कि इतने पुरानी यूनिवर्सिटी को भी अब भाजपा सरकार निजी हाथों में देने की तैयारी कर रही है।

भाजपा ने रोका मैट्रो प्रोजैक्ट :
बंसल ने आरोप लगाया कि शहर में मैट्रो प्रोजैक्ट पर रिपोर्ट तैयार करवाई गई थी। हालांकि वह भी उसके खिलाफ थे पर अब सड़कों पर वाहनों की संख्या बढ़ रही है, उस लिहाज से यह जरूरी है। केवल वित्तीय वायबिलिटी न होने का बहाना बनाकर इस परियोजना को रोका गया।  

पैट्रोल, डीजल, एल.पी.जी. की अंतर्राष्ट्रीय दरों में वृद्धि उतनी नहीं है, जितनी दरें देश में बढ़ रही हैं।  कांग्रेस शासनकाल में इन पर सबसिडी ज्यादा मिलती थी किंतु भाजपा शासनकाल के दौरान इन पर मिलने वाली सबसिडी में कटौती कर दी गई है।

Punjab Kesari

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