MCI के आदेशों के बावूजद मरीजों को प्रिस्क्राइब नहीं हो रही जैनेरिक मैडीसिन

Friday, Aug 04, 2017 - 10:36 AM (IST)

चंडीगढ़ (पाल): जी.एम.सी.एच.-32 के डाक्टर्स मैडीकल काऊंसिल ऑफ इंडिया(एम.सी.आई.) के आदेशों के बावजूद मरीजों को जैनेरिक दवाइयां प्रिस्क्राइब नहीं कर रहे हैं जिसकी शिकायत बाकायदा प्राइम मिनिस्टर पोर्टल पर की गई है जिसमें लिखा गया है कि जी.एम.सी.एच. के डाक्टर्स अपने व्यक्तिगत फायदे के लिए अस्पताल आने वाले सभी मरीजों को जैनेरिक मैडीसिन की बजाय बड़े ब्रॉड की दवाइयां ही ही प्रिस्क्राइब कर रहें हैं जबकि डाक्टरों को एम.सी.आई. ने आदेश दिए हैं कि सभी मरीजों को ज्यादा से ज्यादा जैनेरिक मैडीसन ही उपलब्ध करवाई जाए। इसके साथ ही शिकायत में लिखा गया है कि अस्पताल इसे रोकने के लिए कोई निर्देश आदेश नहीं दे रहा है। 

 

अस्पताल में जैनेरिक मैडीसन उपलब्ध होने के बावजूद मरीज को वह दवाई नहीं लिखी जा रही है जिसकी वजह से मरीज को मजबूरन महंगी ब्रांडेड दवाएं लेनी पड़ रही है। अस्पताल में जैनेरिक दवाओं को बढ़ाने व डाक्टरों को जैनेरिक मैडीसन प्रिस्क्राइब करने को लेकर बोर्ड भी लगाए गए हैं लेकिन इसके बावजूद मरीजों को यह दवाएं नहीं लिखी जा रही हैं। डाक्टरों और कैमिस्ट शॉप की सांठगांठ को रोकने के लिए व मरीजों को महंगी दवाओं के बोझ से बचाने के लिए एम.सी.आई. ने सभी सरकारी अस्पतालों को आदेश दिए हैं कि ज्यादा से ज्यादा मरीजों को जैनेरिक मैडीसिन ही लिखे। 


 

जी.एम.एस.एच.-16 के डाक्टरों को कड़े आदेश
जैनेरिक मैडीसिन बढ़ाने के लिए जी.एम.एच.एच. -16 में डाक्टरों को कड़े निर्देश दिए हैं। हाल ही में हैल्थ डायरैक्टर डा. राकेश कुमार कश्यप ने भी कहा था कि अस्पताल में जैनेरिक मैडीसिन बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। सभी डाक्टरों को निर्देश दिए हैं कि सभी डाक्टर ज्यादा से ज्यादा मरीजों को जैनेरिक मैडीसन ही प्रिस्क्राइब करें, ताकि उन्हें महंगी दवाईओं के बोझ से बचाया जा सके। 

 

वक्त-वक्त पर होती है जांच
जी.एम.सी.एच.-32 के निदेशक प्रो. ऐ.के. जनमेजा की मानें तो अस्पताल में जैनेरिक मैडीसन को लेकर वक्त-वक्त पर डाक्टर्स को निर्देश दिए जा रहे हैं। वहीं साथ ही बाकायदा चैक किया जाता है कि मरीज को जैनेरिक मैडीसन उपलब्ध हो रही है या नहीं। जहां तक प्राइम मिनिस्टर पोर्टल पर आई इस शिकायत का सवाल है तो इसका समाधान किया जाएगा। अस्पताल जगह-जगह जैनेरिक मैडीसन को बढ़ाने के लिए बोर्ड लगाए हैं। वहीं अस्पताल में जैनेरिक दवाएं आसानी से मरीजों की पहुंच में हैं, ऐसे में मरीजों को किसी भी तरह की दिक्कत नहीं आने दी जा रही है। 

 

10 दिन में दूसरी शिकायत 
पी.जी.आई. के बाद शहर के दूसरे सबसे बड़े अस्पताल जी.एम.सी.एच. की 10 दिन के अंदर यह दूसरी शिकायत है इससे पहले विभाग के नॄसग स्टाफ ने ही अस्पताल में मौजूद गॉयनी विभाग में बैड कम व मरीज ज्यादा होने की शिकायत की थी जिसमें कहा गया था कि गॉयनी विभाग में एक बैड पर 3-3 गर्भवती महिलाओं को एडजस्ट किया जा रहा है बैड फुल होने के बावजूद डाक्टर जोर देकर स्टाफ पर नया मरीज एडजस्ट करने का दबाव डाल रहे हैं। 

Advertising