नहीं बढ़ेंगे पार्किंग के रेट

Wednesday, Mar 21, 2018 - 10:58 AM (IST)

चंडीगढ़(राय) : शहर की पेड पार्किंग्स के रेट्स फिलहाल नहीं बढ़ेंगे। मेयर देवेश मोदगिल की अध्यक्षता में आज यहां हुई नगर निगम की वित्त एवं अनुबंध समिति की बैठक में यह फैसला ले लिया गया। बैठक में समिति के सदस्यों ने कहा कि पार्किंग चला रही कंपनी को बकाया किस्त एक सप्ताह के भीतर और अगली किस्त समय पर अदा किए जाने को कहा जाएगा। 

 

कंपनी से निगम भविष्य में पार्किंग में लोगों के साथ दुर्व्यवहार और ओवरचार्जिंग ना हो, इसके लिए भी हलफनामा लिया जाएगा। निगम के अतिरिक्त आयुक्त के नेतृत्व में अधिकारी पार्किंग स्थलों का दौरा करेंगे और उनमें नियम व शर्तों की पालना की जा रही है या नहीं इस संबंध में  रिपोर्ट तैयार कर कमिश्नर को सौंपेंगे, ताकि अगली कार्रवाई की जा सके। 

 

1 अप्रैल से बढऩी थी दरें :
मेयर ने देवेश ने कहा कि को पार्किंग्स को सुचारु रूप से चलाने के कंपनी मैसर्स आर्य टोल इंफ्रा लिमिटेड ने आज तक पार्किंग को चलाने के लिए किए गए करार की शर्तें पूरी नहीं की हैं व लोगों को परेशान करने के  आरोपों से भी वह नहीं बची है। अत: वह पार्किंग की दरों को बढ़ाकर दोगुना करने का हकदार नहीं है। 

 

उन्होंने कहा कि निगम के अधिकारियों ने उन्हें बताया कि कंपनी शहर की 25 पार्किंगों का संचालन 16 जून 2017 से कर रही है। कंपनी ने अभी तक दूसरी किस्त की शेष राशि के रूप में 1,04,24,817 रुपए जमा नहीं करवाए हैं। उनका कहना था कि इसके बाद, गत 25 दिसम्बर को कंपनी ने तीसरी किस्त भी नहीं जमा करवाई। 

 

फर्म को निगम ने गत जनवरी माह में दो बार नोटिस भेज कर कुल 5,70,80,057 रुपए जमा न करवाने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा था कि इसके लिए उसका अनुबंध क्यों समाप्त नहीं किया जाए। नोटिस के बाद 16 मार्च को केवल लगभग एक करोड़ रुपए जमा करवाए। उसने अभी भी निगम की  4.70 करोड़ रुपए की राशि अदा करनी है। कायदे से यह राशि तो तीन माह पहले ही जमा हो जानी चाहिए थी पर निगम ने उसे अब भी 31 मार्च तक का समय दिया है। 

 

टैक्सी स्टैंडों के मालिकों को भी राहत :
समिति की बैठक में टैक्सी स्टैंड के आबंटन का एजैंडा भी रखा गया था जिस पर बहस के बाद फैसला लिया गया कि टैक्सी स्टैंड मालिकों के साथ समिति के सदस्य बैठक कर उनसे उनकी मांगें जानेंगे और उन पर विचार किए जाने के बाद ही इस बारे कोई फैसला लिया जाएगा। यह भी कहा गया कि इसका एजैंडा निगम सदन की आगामी बैठक में लाया जाए, ताकि अन्य पार्षद भी इस पर अपनी राय दे सकें।  


 

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