स्मार्ट पार्किंग सिस्टम लागू करने के बावजूद पार्किंगों में अब भी अव्यवस्था का आलम

punjabkesari.in Sunday, Jul 23, 2017 - 10:31 AM (IST)

चंडीगढ़(राय) : नगर निगम ने शहर में स्मार्ट पार्किंग सिस्टम को लागू करना शुरू तो कर दिया है लेकिन अभी भी पार्किंग में अव्यवस्था है और लोगों को वहीं पुरानी समस्याएं पेश आ रही हैं। पार्किंग के अलावा सड़क के दोनों और कारें पार्क करवाई जा रही हैं, जिससे रास्ता और तंग हो जाता है। निगम ने मुंबई की कंपनी आर्य टोल इंफ्रा लिमिटेड को 14.78 करोड़ रुपए में सभी 26 पार्किंग का काम अलॉट किया था। कंपनी ने 15 जून से सभी पार्किंग पर काम शुरू कर दिया था। स्मार्ट पार्किंग सिस्टम तो कंपनी सभी पार्किंग में अपना रही है। 

 

थर्मल प्रिंटर से पर्ची काट जा रही है और पार्किंग में पूरा स्टाफ भी तैनात है, लेकिन इसके बावजूद समस्याएं वहीं पुरानी है। शहर की 26 पार्किंग में वाहन पार्क करने की अलग-अलग क्षमता है, लेकिन 40 प्रतिशत वाहन अभी भी मेन रोड, रोड बर्म व नो-पार्किंग एरिया में पार्क हो रहे हैं। इस वजह से हमेशा ही लोगों को ट्रैफिक जाम की समस्या का सामना करना पड़ता है और रोड़ पर ही वाहनों की लंबे कतारें लग जाती हैं।

 

निगम ने नो पार्किंग एरिया व रोड बर्म पर खड़ी गाडिय़ों के खिलाफ कार्रवाई भी शुरू की थी। पहले दिन चालान करते हुए दो गाडिय़ा जब्त की थी, लेकिन उसके बाद कार्रवाई जीरो रही और लोग वहीं अपने वाहन पार्क कर रहे हैं।

 

निगम ने शहर में स्मार्ट पार्किंग सिस्टम तो शुरू किया है, लेकिन मल्टीलैवल पार्किंग का सही इस्तेमाल नहीं हो रहा है। वहां पर करीब 900 वाहन पार्क करने की जगह है, लेकिन हर रोज यहां पर 300 से 400 वाहन ही पार्क होते हैं। जिस दिन सैक्टर-17 में कोई बड़ा कार्यक्रम या वी.आई.पी. विजिट भी होती है, उस दिन भी सिर्फ 600 तक वाहन ही यहां पार्क हो पाते हैं, जबकि बाकी सभी पार्किंग हमेशा फुल रहती हैं। 

 

सैक्टर-17 में सभी पार्किंग में पर्याप्त जगह है, लेकिन सिस्टम कोई नहीं है। दोपहिया वाहनों के बीच ही चार-पहिया वाहन खड़े हो रहे हैं। जहां पर 10 गाडिय़ा पार्क हो सकती है, वहां गलत रूप से 5 गाडिय़ा ही पार्क होती है। यही कारण है कि आधे वाहन तो बाहर ही खड़े होते हैं। साइकिल की पार्किंग के लिए अलग से जगह नहीं है। पार्किंग में वाहनों के आने-जाने के लिए कोई जगह नहीं बचती, जिससे कि कई बार लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ता है। 


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