पार्कों का बजट साढ़े 4 करोड़ फिर भी हालत खस्ता

Friday, Dec 15, 2017 - 10:56 AM (IST)

मोहाली(राणा) : भले ही नगर निगम ने शहर के पार्कों को सुधारने के लिए करोड़ों रुपए का बजट रखा हुआ। लेकिन पार्कों की हालत काफी खस्ता हो गई। पार्कों की साफ सफाई का तो पहले ही बुरा हाल था। वहीं, अब पार्कों में लगे झूले, बैंच व अन्य सामान पर भी शरारती तत्वों की नजर लग गई है। लेकिन न तो इस तरफ नगर निगम ध्यान दे रहा है और न ही कोई अधिकारी जाग रहे हैं। हाऊस की मीटिंग में मुद्दा उठ चुका है। लेकिन फिर भी स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है।

 

जानकारी के मुताबिक पूरे शहर में पांच सौ के करीब पार्क है। जिसकी देखभाल का जिम्मा नगर निगम ने चंडीगढ़ की एक कंपनी को ठेका दे रखा है। लेकिन इसके बाद भी पार्कों की स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है। पार्कों की साफ-सफाई का बुरा हाल है। हाल में हुई नगर निगम की मीटिंग में मुद्दा उठा। इस दौरान काफी माहौल देर तक माहौल गर्माया रहा है। हालांकि उस समय नगर निगम के मेयर व कमिश्नर ने पार्षदों को स्थिति सुधारने का वायदा किया। लेकिन फिर भी कोई सुधार नहीं हुआ।

 

चंडीगढ़ पैटर्न ने बिगाड़ दी पार्कों की सूरत :
जानकारी के मुताबिक नगर निगम ने करीब छह करोड़ के करीब पार्कों का ठेका दिया था। लेकिन पता चला है कि निकाय विभाग ने उस पर अड़ंगा लगा दिया है। विभाग का कहना है कि चंडीगढ़ के पैटर्न पर ठेकेदार को पेमैंट की जाए। ऐसे में ठेकेदार को पेमैंट कम होगी। 

 

ऐसे मेें ठेकेदार ने भी पार्कों की सफाई का काम थोड़ा धीमा कर दिया है। क्योंकि चंडीगढ़ में पार्कों की साफ सफाई माह में एक आधी बार होती है। जबकि मोहाली में हर हफ्ते पार्कों की सफाई होती है। वहीं, दूसरी तरफ शहर के पार्कों में शरारती तत्व भी सक्रिय हो गए है। कई जगह पार्कों से झूले व अन्य सामान चोरी हो रहा हैं। अधिकतर पार्कों में यह समस्या आ रही है। इनमें फेज-2, 5 समेत कई जगह के पार्क शामिल है। लेकिन कोई सुध नहीं ले रहा है।

 

ज्यादातर पार्कों की हालत खस्ता :
जानकारी के अनुसार ज्यादातर जो लोग पार्कों में जाते है वह कुछ न कुछ खाने के लिए लेकर जाते है और वह पार्क में ही बैठकर उसे खाते है। और खाने के बाद जो लिफाफा या अन्य सामान होगा उसे वह वहीं पर फैंक देते है। इसके अलावा कई पार्कों के झूले भी टूटे पड़े हुए है। जिनकी कोई सुध तक नहीं लेता है। 

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