ज्यूडीशियल ऑफिसर की संलिप्तता से अपराध गंभीर हो गया है : हाईकोर्ट

punjabkesari.in Friday, Aug 31, 2018 - 09:37 AM (IST)

चंडीगढ़(बृजेन्द्र) : एच.सी.एस. (ज्यूडीशियल ब्रांच) पेपर लीक मामले में वीरवार को सुनवाई के दौरान पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पर आधारित पांच जजों की बैंच ने डा. बलविंद्र शर्मा की जमानत याचिका पर मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि ज्यूडीशियल ऑफिसर की कथित रूप से मामले में संलिप्तता से अपराध और भी गंभीर हो गया है। बैंच ने कहा कि संंबंधित परीक्षा की पवित्रता पर सवाल उठे हैं। इस मामले में जांच चल रही है और प्रथम दृष्टि में डा. बलविंद्र शर्मा की संलिप्तता सामने आई है। 

डा. बलविंद्र के काऊंसिल ने कहा कि उनसे तो संबंधित परीक्षा पत्र भी बरामद नहीं हुआ। इस पर बैंच ने कहा कि ऐसा नहीं है कि प्रश्न पत्र बरामद नहीं हुआ तो अपराध में संलिप्तता नहीं हो सकती। अगर वह कैद में हैं तो उसके पीछे कारण होंगे। जमानत देने पर साक्ष्यों को प्रभावित करने की संभावना पैदा हो सकती है। इसी के चलते वह कैद में हैं। जमानत को लेकर विचार किया जा रहा है। 

बैंच ने कहा कि हाईकोर्ट की खुद की पवित्रता भी दांव पर लगी है। बैंच ने बलविंद्र के काऊंसिल को कहा कि हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के मैंबर और कोर्ट अफसर होने के नाते इस बात को समझें। हाईकोर्ट ने कहा कि हम जांच एजैंसी को मजबूर नहीं कर सकते कि तेजी से कार्रवाई कर जांच बंद कर दें। जमानत की मांग पर केस की अगली सुनवाई पर विचार किया जाएगा। 

जांच के लिए मांगा और समय :
एस.आई.टी. ने जांच के लिए और समय की मांग की। यू.टी. काऊंसिल ने कहा कि फरार आरोपियों को दबोचने के लिए कार्रवाई जारी है। हाईकोर्ट ने कहा कि मामले में शीघ्र कार्रवाई करें। इसके साथ ही एस.आई.टी. को समय सीमा प्रदान करते हुए 2 सप्ताह में स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के आदेश देकर केस की अगली सुनवाई 19 सितम्बर को तय की है। 

एस.आई.टी. के तीनों अफसर कोर्ट में मौजूद थे। पूर्व रजिस्ट्रार (रिक्रूटमैंट) डा. बलविंद्र शर्मा समेत अन्य आरोपियों की जमानत याचिका पर उनके वकीलों ने दलीलें पेश करते हुए कहा कि वह लंबे समय से जेल में कैद हैं। कानूनी प्रावधानों का हवाला देते हुए उनकी जमानत की मांग उठाई गई। अभी तक ट्रायल शुरू नहीं हुआ है, जिस पर हाईकोर्ट ने उसका जवाब दिया। 
 


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Priyanka rana

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