पी.यू. प्रबंधन से चांसलर ने मांगा जवाब

punjabkesari.in Wednesday, Oct 26, 2016 - 08:28 AM (IST)

चंडीगढ़(रश्मि) : पंजाब यूनिवर्सिटी में हुए सीनेट चुनावों में ग्रैजुएट कांस्टीच्युएंसी में एड्रैस की गड़बड़ी के चलते काफी बवाल मचा था। पूर्व सीनेटर मुनीष वर्मा ने पी.यू के चांसलर मोहम्मद हामिद अंसारी को पत्र लिख कर ऐतराज जताया है कि सीनेटर एस.एस. रंधावा द्वारा एड्रैस गलत लिखे जाने पर उनका नॉमिनेशन कैंसिल कर दिया गया था ऐसे में प्रभजीत सिंह का नॉमिनेशन भी अदालती आदेशों के बाद भी कैंसिल होना चाहिए था, जबकि प्रभजीत सिंह सीनेट के चुनाव लड़े। 


मुनीष वर्मा ने यह पत्र चांसलर को सीनेट चुनावों का रिजल्ट गत 3 अक्तूबर को डिक्लेयर होने के 2 दिन बाद लिख दिया था। उन्होंने पत्र में लिखा कि प्रभजीत डी.पी.आई. कालेज पंजाब, सैक्टर -17 में पहले  थेे, जबकि पिछले 4 साल से डी.पी.आई (स्कूल) में ट्रांसफर हो चुके थे। तब भी उन्होंने नोमिनेशन पत्र में एड्रैस नहीं बदला है। 


मुनीष बन सकते हैं सीनेट सदस्य :
अगर मौजूदा सीनेटर प्रभजीत की सदस्यता रद्द होती है तो मुनीष वर्मा सीनेट सदस्य बन सकते हैं। क्योंकि सीनेट चुनावों में ग्रैजुएट कांस्टीच्युएंसी की कुल 15 सीटों के लिए चुनाव होते हैं व इन चुनावों के रिजल्ट में वोटों की संख्या के तहत 16वें नंबर पर मुनीष वर्मा है। ऐसे में वह प्रभजीत के जाने पर सीनेट में ग्रैजुएट कांस्टीय 


रंधावा ने डाला था केस :
इससे पहले पूर्व सीनेटर एस.एस. रंधावा ने भी प्रभजीत मामले को लेकर कोर्ट में केस डाला था। इस केस के तहत पी.यू प्रबंधन ने प्रभजीत मामले में एफिडेविट भी दिया था कि एड्रैस गलत होने पर प्रभजीत की नोमिनेशन भी सीनेट से कैंसिल कर दी जाएगी। 


तो होगी सीनेटर की सदस्यता रद्द :
इस मुद्दे पर पी.यू. के रजिस्ट्रार जी.एस. चड्ढा ने कहा कि इस मामले में लिखे पत्र को लेकर पी.यू. चांसलर ऑफिस ने पी.यू. प्रबंधन से जवाब मांगा है। प्रभजीत का एड्रैस एग्जामिन कर जवाब जल्द दिया जाएगा। प्रभजीत के नॉमिनेशन लैटर पर एड्रैस के बारे में ऑब्जैक्शन काफी देरी से उठाए गए। जबकि एस.एस. रंधावा के एड्रैस पर ऑब्जैक्शन उसी समय आ चुके थे। जब ऑब्जैक्शन आए तो उस समय सीनेट चुनाव होने वाले थे। ऐसे में बीच समय में सीनेटर प्रभप्रीत को हटाना चुनावों को रोकना पड़ता। पी.यू. प्रबंधन  की ओर से कोर्ट में एफिडेविट भी दिया गया है। अगर कोई गड़बड़ पाई जाती है तो सीनटेर की सदस्यता रद्द कर दी जाएगी। लेकिन उसमें यह भी देखा जाएगा उन्हें पहले वेतन कहां से मिलता था और अब वेतन कहां से मिलता है। 

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