पंचकूला दंगों की सील बंद रिपोर्ट हाईकोर्ट में दाखिल

Tuesday, Mar 19, 2019 - 11:33 AM (IST)

चंडीगढ़ (रमेश): साध्वी यौन शोषण मामले में डेरा सच्चा सौदा मुखी गुरमीत सिंह राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद पंचकूला में डेरा समर्थकों द्वारा की गई आगजनी, तोड़-फोड़ और ङ्क्षहसा, इस दौरान हुए नुक्सान के मुआवजे व डेरे के बैंक खातों से संबंधित मामलों में सोमवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एक साथ सुनवाई हुई। 

 

कोर्ट मित्र अनुपम गुप्ता ने पक्ष रखा। सैंट्रल व स्टेट एजैंसी ने इस बारे में अपनी जांच रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश की। सभी रिपोर्ट सील बंद होने के कारण उन पर बहस नहीं हो पाई। हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को अगली सुनवाई पर विस्तृत रिपोर्ट देने का आदेश देते हुए मामले की सुनवाई 23 मई तक स्थगित कर दी। 

 

डेरे के खर्चों के लिए खोले जाएं खाते 
चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली फुल बैंच ने मामले की सुनवाई की। इस दौरान डेरे के वकील ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने उनके स्कूल, कालेज व अस्पताल के सभी बैंक खाते सील किए हुए हैं। उनको टी.डी.एस., प्रॉपर्टी टैक्स, सैलरी, पानी-बिजली के बिल व अन्य खर्चों का भुगतान किया जाना है लेकिन खाते फ्रीज होने के कारण वह भुगतान नहीं कर पा रहे। 

 

अगर 31 मार्च तक प्रॉपर्टी टैक्स व जी.एस.टी. आदि का भुगतान नहीं किया तो संस्थान को 25 प्रतिशत जुर्माना लगेगा, जो कि लाखों में है। सरकार को निर्देश दिया जाए कि उनके जो बैंक खाते सील हैं, उनको खोला जाए, ताकि वह उन खातों को ऑप्रेट कर सकें। इस पर कोर्ट ने कहा कि कोर्ट ने तो गत वर्ष सरकार को जरूरी भुगतानों के लिए खाते खोलने के आदेश दे दिए थे।

 

डेरा सच्चा सौदा के वकील पुनीत बाली ने कोर्ट को बताया कि सरकार का कहना है कि वह आदेश गत वर्ष के खर्चों से संबंधित थे, जो कि इस वर्ष लागू नहीं होते। इस पर कोर्ट ने सभी एजैंसीज से कहा कि बेशक खाते सील किए हुए हैं लेकिन संस्थान को स्टाफ सैलरी, टैक्स व अन्य भुगतान के लिए जितनी राशि की जरूरत है, वह जारी की जाए।

 

नुक्सान की भरपाई पर दो सप्ताह में मांगा जवाब 
कोर्ट ने पंचकूला में दंगे के दौरान पत्रकारों व मीडिया कंपनियों के वाहनों को जलाने व डेरा प्रेमियों द्वारा किए गए नुक्सान की मुआवजा राशि पर कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि कितने लोगों को अभी तक भुगतान किया गया और कितनों का बाकी है, कोर्ट को बताया जाए। इस संबंध में हरियाणा के एडवोकेट जनरल ने समय मांगा, जिसके बाद कोर्ट ने हरियाणा सरकार को 2 सप्ताह में जवाब देने के लिए कहा है।

pooja verma

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