PU में फैकल्टी की कमी, आधे से ज्यादा स्टूडैंट्स का भविष्य रिसर्च स्कॉलर ही के जिम्मे

Friday, Jun 21, 2019 - 10:51 AM (IST)

चंडीगढ़(रश्मि हंस): पंजाब यूनिवर्सिटी के आधे स्टूडैंट्स का भविष्य रिसर्च स्कॅालर के हाथों में है। विभागों में फैकल्टी की कमी होने के चलते जूनियर रिसर्च फैलोशिप रिसर्च स्कॉलर ही स्टूडैंट्स को पढ़ाते हैं। पी.यू. में करीब अढ़ाई हजार जे.आर.एफ. स्कॉलर है। पी.यू. के साइंस विभागों को छोड़कर अधिकतर विभाग में जे.आर.एफ. रिसर्च स्कॉलर ही स्टूडैंट्स को पढ़ा रहे हैं। वैसे तो जे.आर.एफ. रिसर्च करने के लिए दिया जाता है और उनसे कुछ क्लासिस लेने के नियम भी है। कई जे.आर.एफ. के पास पूरा-पूरा विषय ही पढ़ाने ही जिम्मेदारी दी जाती है। 

पी.यू. के फिजिकल एजुकेशन, एंथ्रोपोलॉजी, यूबी.एस., ह्यूमनटीज, इकोनॉमिक्स, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन आदि विभागों में फैकल्टी की काफी कमी है। विभागों से फैकल्टी मैंबर जैसे-जैसे सेवानिवृत हो रहे हैं वहां गैस्ट फैकल्टी या फिर रिसर्च स्कॉलर स्टूडैंट्स को पढ़ाते हैं। अधिकतर जे.आर.एफ. से क्लासिस में पढ़ाने का काम लिया जाता है। वहीं कुछ स्कॉलर ने बताया कि उनसे टीचिंग के साथ-साथ क्लेरिकल काम भी लिया जाता है।

 रिसर्च, स्कॉलर जैसे-जैसे सीनियर होते जाते हैं उन पर स्टूडैंट्स की पढ़ाने की और अधिक जिम्मेदारी डाल दी जाती है। क्योंकि रिसर्च स्कॅालर एक हफ्ते में पांच लैक्चर ले सकते हैं। इसलिए उन्हें पूरा-पूरा विषय ही पढ़ाने के लिए कह दिया जाता है। रिसर्च स्कॉलर ही विषय का सिलेबस पूरा करवाते हैं। रिसर्च स्कॉलर को अपनी रिसर्च का काम पी.यू. प्रबंधन के अंडर ही करना होता है। इसलिए उन्हें पी.यू. की इंस्ट्रक्शन के तहत लैक्चर दे देते हैं। 

यह हैं नियम
यू.जी.सी. के नियमों के तहत रिसर्च स्कॉलर को सप्ताह में पांच घंटे के लैक्चर लेने कंपल्सरी बताए गए हैं, जबकि उन्हें कुछ लैबवर्क और एग्जाम ड्यूटी देने को कहा गया है। ताकि उनकी रिसर्च प्रभावित न हो। स्टूडैंट्स को जे.आर.एफ. के तौर पर स्कॉलरशिप 25 हजार रुपए मिलती है। जो अब बढ़कर 32 हजार हो गई है। इन रिसर्च स्कॉलर को एक्सट्रा लैक्चर लगाने पर अलग से कोई स्टाईफन नहीं दिया जाता। हालांंिक गैस्ट फैकल्टी को अब प्रति लैक्टर अब 1500 रुपए दिए जाते हैं। 
 

bhavita joshi

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