ओवरटाइम: डेलीवेजिज खाली हाथ, रैगुलर स्टाफ की मौज

Tuesday, Nov 20, 2018 - 09:47 AM (IST)

चंडीगढ़(रश्मि) : पंजाब विश्वविद्यालय को ओवरटाइम के बजट में 40 लाख रुपए तक की बढ़ौतरी हुई है। जबकि इस बढ़ौतरी का लाभ डेलीवेजिज को मिलने की बजाय रैगलुर कर्मचारियों को मिल रहा है। जिसको लेकर डेलीवेजिज कर्मचारियों में खासा रोष है। जांच करने पर पता चला कि  पी.यू. कीसीक्रेसी ब्रांच में ओवरटाइम करने वाले कर्मचारियों के लिए भले ही करोड़ों रुपए का बजट रखा हो लेकिन कर्मचारियों को ओवरटाइम करने का बहुत ही कम मेहनताना मिल रहा है। साल में दो बार यानि सैमेस्टर सिस्टम के हिसाब से एग्जामिनेशन होने के कारण ओवरटाइम का बजट भी बढ़ाया गया है और कर्मचारियों के काम करने के घंटे भी। 

रैगुलर कर्मचारी उठाते हैं फायदा
जानकारी के मुताबिक  रैगुलर कर्मचारी ओवरटाइम का फायदा उठाते हैं। वह पी.यू. में उतना काम नहीं करते है,  जितने काम के  वे ओवरटाइम के घंटे बना दते हैं। वहीं, डेलीवेजिस को रैगुलर न होने की वजह से उन्हें ज्यादा काम करना पड़ता है। पेपरों के सीजन में छुट्टी के दिनों में भी डेलीवेजिस कर्मचारी बतौर ओवरटाइम 7 से 9 घंटे काम करते हैं, बाकी दिन में दो से तीन घंटे ही काम करते हैं। 

1 करोड़ 30 लाख हुआ एग्जामिनेशन कंडक्ट ब्रांच का बजट 
अब से तीन साल पहले एग्जामिनेशन कंडक्ट ब्रांच का करीबन 90 लाख रुपए का बजट था। पिछले दो सालों में  90 लाख से बढ़कर सवा करोड़  रुपए से भी ज्यादा हो गया है।  वहीं, आऊटसोर्सिंग पर रखे गए कर्मचारियों से एक्सट्रा काम नहीं लिया जाता है, इसलिए उनका ओवर टाईम नहीं बनता है।

6 साल से नहीं हुई बढ़ौतरी
 जानकारी के मुताबिक पी.यू. कीसीक्रेसी ब्रांच में काम कर रहे डेलीवेजिज और रैगुलर कर्मचारियों कीपिछले 6 सालों से ओवर टाइम करने के  मेहनताने में बढ़ोतरी नहीं हुई है। डेलीवेजिज को एक  घंटे का 30 रुपए प्रति घंटे के हिसाब औररैगुलर कर्मचारियों को 38 से 40 रुपए के बीच मेहनताना मिलता है। ब्रांच में करीबन 70 डेलीवेजिज कर्मचारी ऐसे हैं, जिन्हें सख्त मेहनत करने पर यह ओवरटाइम मिलता है लेकिन रैगुलर कर्मचारियों की संख्या इससे भी ज्यादा है। रजिस्ट्रार प्रो. कर्मजीत सिंह ने कहा कि  जल्द ही इस मुद्दे पर ध्यान दिया जाएगा।  

 ट्रांसपोर्टेशन चार्जिज 
सीक्रेसी ब्रांच के रैगुलर कर्मचारियों को पहले 60 रुपए के हिसाब से ट्रांस्पोर्टेशन चार्जेस मिलते थे। अब पंजाब सरकार ने कन्वैंस अलाऊंस शुरू कर दिया, जिसमें रैगलुर कर्मचारियों को ट्रांस्पोर्टेशन चार्जेस मिलना बंद हो गया है। 

ओवरटाइम के बजट में दो साल में हुई 40 लाख रुपए की बढ़ौतरी
पिछले दो सालों में ओवरटाइम के बजट में 40 लाख रुपए की बढ़ोतरी हुई है लेकिन पी.यू. की सीक्रेसी ब्रांच में डेलीवेजिस पर काम करने वाले कर्मचारियों को उनकी मेहनत के हिसाब कम मेहनताना मिलता है। पी.यू.के यह डेली वेजर एग्जामिनेशन कंडक्ट ब्रांच के कर्मचारी है, जो सालों से काम कर रहे हैं। इसके लिए कर्मचारी पी.यू. प्रबंधन को ओवरटाइम का मेहनताना बढ़ाने की मांग भी कर चुके हैं, लेकिन पी.यू. प्रबंधन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। वहीं, रैगुलर कर्मचारी ओवरटाइम का फायदा उठा रहे हैं।

पिछले तीन साल में यह रहा बजट
सत्र               बजट 
 2015-16     90 लाख  
2016-17     एक करोड़ 30 लाख
2017-18     एक करोड़ 30 लाख 

bhavita joshi

Advertising