खेलों में धैर्य और अनुशासन ही जीत की पूंजी है: राज्यपाल

punjabkesari.in Tuesday, Mar 14, 2023 - 10:28 PM (IST)

चंडीगढ़,(पांडेय): 26वीं अखिल भारतीय वन खेल-कूद प्रतियोगिता का आज ताऊ देवी लाल स्टेडियम पंचकूला में समापन हुआ। राष्ट्रीय स्तर की इस खेल प्रतियोगिता में ओवर ऑल ट्रॉफी जीत कर छत्तीसगढ़ राज्य प्रथम रहा, जबकि दूसरा स्थान कर्नाटक राज्य को प्राप्त हुआ है। मार्चपास्ट, रस्साकस्सी और भव्य रंगारंग कार्यक्रम के साथ इस प्रतियोगिता का समापन समारोह आयोजित किया गया, जिसमें हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की। इस मौके पर हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता, वन और वन्य जीव मंत्री कंवर पाल, हरियाणा वन विकास निगम के चेयरमैन धर्मपाल गोंदर, हरियाणा लोक सेवा आयोग के चेयरमैन आलोक वर्मा, शिवालिक विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष ओम प्रकाश देवीनगर, पंचकूला के महापौर कुलभूषण गोयल भी उपस्थित थे।

 

 

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने स्टेडियम में मौजूद खिलाडिय़ों, अधिकारियों और दर्शकों को संबोधित करते हुए कहा कि यह वन कर्मियों एवं वन अधिकारियों में व्याप्त खेल के प्रति उनके समर्पण का परिणाम है कि प्रतियोगियों ने लगभग 36 खेलों की 273 प्रतिस्पर्धाओं में हिस्सा लिया जिसमें कि एकाकी एवं टीम खेल शामिल हैं। वन विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों को शारीरिक स्वास्थ्य को उत्तम बनाए रखने के प्रयोजन से प्रथम बार अखिल भारतीय वन खेल-कूद प्रतियोगिता का आयोजन सन् 1993 में हैदराबाद में किया गया। उन्होंने कहा कि अपने दैनिक कार्यों के लिए वन में कार्यरत कर्मचारी एवं अधिकारियों को दुर्गम वन क्षेत्रों में कार्य करना रहता है जिसमें कि वन क्षेत्रों की दैनिक गश्त भी शामिल है इसलिए उनका शारीरिक रूप से स्वस्थ एवं गतिशील होना आवश्यक है। अपने कार्यों के उचित निष्पादन के लिए वन प्रहरियों के रिफलैक्स त्वरित होने चाहिए ताकि किसी भी खतरे के अंदेशे से बचा जा सके। खेल ऐसा माध्यम है जिससे कि शारीरिक स्वास्थ्य बना रहता है तथा व्यक्ति के रिफलैक्स भी तेज रहते हैं। उन्होंने कहा कि वन कर्मियों एवं वन अधिकारियों की जीवनशैली में खेल अभिन्न अंग है।

 

 

 

राज्यपाल ने कहा कि वन कर्मी अपने कत्र्तव्य के लिए लगातार 24 घंटे तथा वर्ष के सारे दिन बड़ी तत्परता से तैयार रहते हैं। उनकी यह प्रकृति एवं वन्य जीवों के प्रति निष्ठा भावना का परिणाम है कि बहुत से वन्य जीव जो कि विलुप्ता की कगार पर थे, जिसमें कि भारत का राष्ट्रीय पशु बाघ भी शामिल है, की संख्या गत वर्षों में बढ़ रही है। यद्यपि हरियाणा मुख्यत: कृषि प्रधान राज्य है परंतु यहां पर भी वन कर्मियों ने अपने योगदान से शिवालिक के पहाड़ी क्षेत्रों एवं अरावली क्षेत्र में विद्यमान वनों एवं वन्य जीवों का संरक्षण एवं संवर्धन किया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य देश के लिए वेटलिङ्क्षफ्टग, कुश्ती, कबड्डी, हॉकी, बॉकिं्सग, जैवलिन आदि खेलों के लिए अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी देता रहा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य खेलों की क्रीड़ा स्थली है। हमारे राज्य के वन कर्मी वन एवं अधिकारी आयोजित होने वाली खेल-कूद प्रतियोगिता में न केवल बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे परंतु उच्च गुणवत्ता के खेल एवं खेल भावन का भी प्रदर्शन करेंगे।

 

 

 


उन्होंने कहा कि जीवन में धैर्य और अनुशासन से ही व्यक्ति सफल हो पाता है और खेलों में भी धैर्य और अनुशासन ही जीत की पूंजी है। एक अच्छा खिलाड़ी खेल में आई हुई कठिनाइयों से उभर कर जीत का वरण करता है और ऐसे ही जीवन में खेलों जैसी जीवटता रखने वाला व्यक्ति कभी हारता नहीं। खेल के अभ्यास से मनुष्य का चारित्रिक और आध्यात्मिक विकास भी होता है। समापन समारोह के दौरान आज हरियाणा और पंजाब की टीमों के बीच रस्साकशी का बहुत ही दिलचस्प मुकाबला हुआ। तालियों और उत्साहवर्धक वातावरण के बीच हरियाणा ने इस मैच को 3-0 से जीत लिया। हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि खेल मनुष्य में आपसी समझ को बढ़ावा देते है क्योंकि कोई भी खेल अकेले नहीं खेला जा सकता। टीम के साथ खेल कर हमें सहयोग से काम करने की आदत पड़ती है। मिलकर खेलने में व्यक्तिगत हार-जीत नहीं रहती। हार का दुख तथा जीत की खुशी साथी खिलाडिय़ों में बंट जाती है। वन एवं वन्य जीव मंत्री कंवर पाल ने कहा कि यह अखिल भारतीय वन खेल-कूद प्रतियोगिता लघु भारत की एक मनोरम झांकी है। यहां हार-जीत का महत्व नहीं है बल्कि खेल भावना का महत्व है। 
 


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News Editor

Ajay Chandigarh

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