सेब व्यापारी नहीं आना चाहते चंडीगढ़, यह काला सच जान आप भी हो जाएंगे हैरान...

punjabkesari.in Thursday, Jul 28, 2016 - 01:56 AM (IST)

 चंडीगढ़, (संदीप): हिमाचल प्रदेश के सेब बागवानों के लिए चंद वर्ष पहले तक चंडीगढ़ व्यापार का मुख्य केंद्र हुआ करता था लेकिन चंडीगढ़ प्रशासन और मार्कीट कमेटी बागवानों को न तो सुविधाएं दे पाई और न ही उनमें सुरक्षा की भावना पैदा कर पाई, ऊपर से भरी भरकम मार्कीट फीस और चंडीगढ़ में एंट्री होते वक्त वाहनों पर लगने वाले शुल्क के कारण बागवानों का चंडीगढ़ के प्रति रुझान काम होता जा रहा है। 

मार्कीट कमेटी की सेब व्यापारियों के आने से होने वाली आय भी लगातार घट रही है। कम हो रहे आमदनी के आंकड़ों से परेशान मार्कीट कमेटी के अधिकारी अब खुद बागवानों को चंडीगढ़ आकर व्यापार करने का न्यौता हिमाचल प्रदेश के दौरे पर है। बागवानों और ठेकेदारों को न्यौता देने खुद मार्कीट कमेटी के चेयरमैन रामबीर भट्टी एक्सपर्ट टीम को लेकर गए है  जहां एक सप्ताह तक टीम किन्नौर, शिमला के बागवानों को लुभावने आश्वासन देकर आए हैं। अगस्त माह में शुरू होने वाले सेब सीजन से पहले की जा रही इस कसरत का मकसद मार्कीट कमेटी की आमदनी बढ़ाना है।

 मार्कीट कमिटी के चेयरमैन रामबीर भट्टी की मानें तो हिमाचल से आने वाले सेब बागवानों और व्यापारियों में लुटेरो का भय, पुलिस की जबरन वसूली और असुरक्षा की भावना इस कद्र बढ़ चुकी है कि बागवान सेब या सब्जियां लेकर चंडीगढ़ आने से गुरेज करने लगे हैं, ऐसे में ग्रेन मार्कीट में होने वाले सेब के व्यापार पर गहरा असर पड़ा है जो कि भविष्य के लिए नकारात्मक संदेश है।

आंकड़े गवाह हैं

मार्कीट कमेटी के आंकड़े गवाही दे रहे हैं कि चंडीगढ़ तीन वर्षों के भीतर सेब का कारोबार आधा हो चला है, सेब सीजन में मार्कीट कमेटी को वर्ष 2013 में 3 करोड़ की आमदनी हुई थी जो कि वर्ष  2014 में घटकर 1.75 करोड़ रुपए रह गई थी। काफी प्रयासों के बाद गत वर्ष करीब अढ़ाई करोड़ रुपए का लाभ मार्कीट कमेटी ने कमाया था जिसे इस वर्ष 3 करोड़ के पार ले जाने का लक्ष्य बनाया गया है।

डी.सी. ने पुलिस अधिकारियों को लिखा पत्र

डी.सी. एवं मार्कीटिंग बोर्ड के सचिव की तरफ से चंडीगढ़ पुलिस के अधिकारियों को पत्र लिखा गया है कि सेब व्यापारियों की सुविधा और सुरक्षा को सुनिश्चित किया जाए तथा बागवानों व उनके साथ आने वाले ट्रक चालकों के साथ मैत्रीपूर्ण रवैया अपनाया जाए। पुलिस अधिकारियों से यह भी कहा गया है कि आलाधिकारी नजर रखें की ट्रक चालकों या बागवानों से पुलिस जबरन वसूली न करें। पुलिस से कहा गया है कि सेब लेकर आने वाले वाहनों की पार्किंग के लिए भी सुरक्षित स्थान चिन्हित किया जाए।

 

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