ओपन स्पेस में पब्लिक आर्ट को डिस्पले करने पर जल्द जारी होगी नोटीफिकेशन

Tuesday, Sep 10, 2019 - 12:39 PM (IST)

चंडीगढ़ (साजन): चंडीगढ़ हैरीटेज कंजर्वेशन कमेटी की यू.टी. गैस्ट हाऊस में एडवाइजर मनोज परिदा की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में चंडीगढ़ में अर्बन आर्ट पॉलिसी के मुद्दे पर चर्चा हुई, जिसे ली-काबूर्जिए सैंटर की डायरैक्टर ने सबके सामने रखा।  इस पर दी गई प्रैजैंटेशन के दौरान बताया गया कि पब्लिक आर्ट की चंडीगढ़ के ओपन स्पेसिज में क्या महत्ता है और इसका ब्यूटी बढ़ाने में क्या योगदान है।

 

इस प्रोपोजल के तहत पब्लिक आर्ट को डिस्पले करना, आर्टिस्टों के प्रोपोजल पर विचार करना और ऐसे ओपन स्थानों को चुनना, जहां ऐसे आर्ट को डिस्पले किया जा सकता है। इसके सिलैक्शन के लिए प्रोसैस शुरू करने पर भी विचार हुआ। ये सारे वे प्रोपोजल हैं, जिन्हें चंडीगढ़ हैरीटेज कंजर्वेशन कमेटी अप्रूव कर चुकी है। 

 

कमेटी ने इन प्रपोजलों पर आगे विचार करने पर सहमति जताई और कमेटी के सभी मैंबर्स की इस पर राय भी जानी। यह प्रक्रिया इसलिए की जा रही है ताकि इसे नोटीफाई किया जा सके। यू.टी. के चीफ इंजीनियर ने कंजर्वेशन पर दी प्रैजैंटेशन यू.टी. के चीफ इंजीनियर मुकेश आनंद ने कैपीटल काम्पलैक्स के संरक्षण व इसके कंजर्वेशन पर प्रेजेंटेशन दी। 

 

उन्होंने सिविल सैक्रेट्रिएट, पंजाब एवं हरियाणा विधानसभा, हाईकोर्ट, ओपन हैंड मोन्युमैंट, टॉवर ऑफ शैडो, जियोमैट्रिक हिल को रिपेयर करने को लेकर ठोस तरीका बताया। इन बिल्डिंगों को अपनी ओरिजनल शेप और डिजाइन में लाने के लिए जो पहले प्लान तैयार किए गए थे और जिन्हें अमल में नहीं लाया गया था, को दोबारा लागू करने की कोशिश की जाएगी। इसके रास्ते में जो अड़चनें थी, उन्हें दूर किया जाएगा।

 

हाईकोर्ट अथॉरिटी की सराहना की
एडवाइजर मनोज परिदा ने पंजाब व हरियाणा सरकार के साथ हाईकोर्ट अथॉरटी की भी सहयोग के लिए सराहना की जिनकी वजह से ये बिल्डिंग्स संरक्षित हैं। उन्होंने चीफ इंजीनियर से सैक्टर-18 की गवर्नमैंट प्रैस को हैरीटेज म्यूजियम में बदले जाने के प्लान के संबंध में भी बातचीत की। परिदा ने हैरीटेज आइटमों को लेकर प्रेजेंटेशन को भी देखा जिसे हैरीटेज आइटम्स प्रोटैक्शन सैल ने तैयार किया है। 

 

उन्होंने कहा कि एच.आई.पी.सी. ने ली-काबूर्जिए और पियरे जैनरे की डिजाइन की गई हैरीटेज आइटमों को सहेजा और संरक्षित किया है जो अपने आप में सराहनीय प्रयास है। उन्होंने ये भी जाना कि कैसे हैरीटेज आइटमों को पहचाना जाता है और उसके बाद संरक्षित किया जाता है। 

 

उन्होंने कहा कि इसके लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर तैयार किया जाना चाहिए जिसमें हैरीटेज आइटमों को लिस्ट किया जा सके। उन्होंने ये भी जाना कि कैसे कानूनी प्रोवीजन से इनकी स्मगलिंग या ऑक्शिनिंग पर रोक लगाई जा सकती है। इसके लिए उन्होंने पब्लिीसिटी करने को कहा। 

pooja verma

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