ATM में नहीं आपात स्थिति से निपटने की सुविधाएं, दो बैंकों को नोटिस

punjabkesari.in Saturday, Jun 08, 2019 - 10:56 AM (IST)

चंडीगढ़ (राजिंद्र): शहर के हर सैक्टर में प्रत्येक बैंक के कई ए.टी.एम. बूथ हैं, लेकिन ए.टी.एम. बूथ के अंदर किसी आपात की स्थिति में निपटने की सुविधाएं मौजूद नहीं हैं। 

 

ए.टी.एम. बूथ में घटी एक घटना के बाद सैक्टर-44 में रहने वाले बालिश आहूजा ने वकील पंकज चांदगोठिया के माध्यम से एक शिकायत की है, जिसमें मांग की गई है कि बैंकों के ए.टी.एम. बूथ के अंदर फस्र्ट एड बॉक्स और सिक्योरिटी गार्ड सहित सभी सुरक्षा उपायों को अपनाने के निर्देश दिए जाएं। 

 

उन्होंने बैंक से 2 लाख रुपए मुआवजे की भी मांग की है। शिकायत पर सुनवाई करते हुए कंज्यूमर कोर्ट ने एच.डी.एफ.सी. और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को नोटिस जारी किया है।

 

शीशा टूटने से लगी थी बच्चे को चोट
कंज्यूमर कोर्ट में शिकायतकर्ता  ने बताया है कि 27 जनवरी, 2019 को सुबह 9:45 बजे वह (बालिश आहूजा) अपने छह साल के बेटे के साथ एच.डी.एफ.सी. बैंक खाते से पैसे निकालने सैक्टर-44डी के बूथ नंबर-317 पर स्थित एस.बी.आई. ए.टी.एम. में गए। 

 

जैसे ही लेन-देन पूरा हुआ और वह ए.टी.एम. से बाहर निकलने के लिए मुड़े, ए.टी.एम. बूथ में दोनों ए.टी.एम. के बीच लगा शीशा टूट गया, जिससे उनके साथ खड़े 6 साल के बेटे को चोट लग गई। शीशे की वजह से बेटे के पैर में कट लग गया और सीने और जांघ पर भी चोट आई। ए.टी.एम. बूथ पर कोई अटैंडैंट नहीं था और न ही कोई सुरक्षा गार्ड मौजूद था। 

 

बूथ के अंदर कोई प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स उपलब्ध नहीं था, जोकि किसी भी सार्वजनिक परिसर में अनिवार्य है। उस ए.टी.एम. बूथ का सेफ्टी ऑडिट भी नहीं हुआ था। शिकायतकत्र्ता ने बताया कि ए.टी.एम. बूथ में कोई इमरजैंसी नंबर और नाम नहीं था न ही अलार्म बटन की सुविधा मौजूद थी। 

 

इलाज का वादा किया फिर मुकरे
घटना के बाद शिकायतकर्ता  ने कई लिखित शिकायतें कीं और बाद में बैंक ने अपनी गलती मानी और बच्चे के इलाज का खर्चा उठाने का वायदा किया, लेकिन उससे भी वह मुकर गए। 

 

एस.बी.आई. ने ए.टी.एम. प्रबंधन के खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं की। इन सभी को देखते हुए व्यक्ति ने कंज्यूमर कोर्ट में केस किया। 29 अगस्त को दोनों बैंकों को अपना जवाब कोर्ट में सौंपना होगा।


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pooja verma

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