लेबर कॉलोनी तोडऩे के मामले में सरकार को नोटिस
punjabkesari.in Tuesday, Feb 05, 2019 - 01:13 PM (IST)

चंडीगढ़(रमेश): सूरजपुर सुखोमाजरी बाईपास को बनाने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा लेबर कालोनी के सैंकड़ों घरों को तोड़ दिया गया था, जिसके विरोध में पीड़ित मकान मालिकों द्वारा विजय बंसल के मार्गदर्शन में पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसको लेकर सोमवार को सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार को दस्ती नोटिस करते हुए 5 मार्च को पेश होने के आदेश दिए हैं।
पीड़ित मकान मालिकों ने बताया कि लेबर कालोनी को कानूनन गलत तोड़ा गया है, सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार यदि सरकार सरकारी भूमि पर वर्षों से बसे मकान व कालोनी आदि को विस्थापित करती है तो विस्थापित करने से पूर्व 10 कि.मी. के दायरे में पुन:निवास नीति के तहत मकान व आशियाना फ्लैट्स आदि प्रदान करने आवश्यक हैं जैसे पंचकूला में हुड्डा की भूमि और बसी हुई कालोनियों जैसे मद्रासी, राजीव, आजाद कालोनी आदि को विस्थापित करने से पूर्व फ्लैट्स दिए गए थे। लोगों के अनुसार कालोनीवासी यहां 70 वर्षों से रह रहे हैं तथा क्षेत्र के विकास में योगदान दे रहे हैं।
साथ ही सरकार ने भी करोड़ों रुपए खर्च करके पीने का पानी, सामुदायिक केंद्र, सड़कें, गलियां, बिजली के मीटर, धर्मशाला, स्कूल आदि मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई हुई हैं। 1975 से बिजली के मीटर लगे हुए हैं। ग्राम पंचायत सूरजपुर ने प्रस्ताव पास करके गरीबों को 2-2 बिस्वे के प्लाट दिए हुए हैं। जहां लोगों ने मकान बनाए हुए हैं, जबकि इनके वोटर, आधार कार्ड आदि बने हुए हैं तथा सामान्य चुनावों में अपने मतदान का प्रयोग करते हैं। 2007 में बाईपास के लिए इन लोगों के मकानों की जमीन आपातकालीन धारा लगाकर अधिग्रहित की गई थी, जबकि निर्माण कार्य 2017 में शुरू हुआ। हरियाणा सरकार 12 साल में सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार इनके लिए आवास बनाने में असफल रही।