एक साल में सिर्फ 752 इलेक्ट्रिक कारें व 1807 दोपहिया वाहन हुए रजिस्टर्ड

punjabkesari.in Monday, Oct 02, 2023 - 09:17 PM (IST)

चंडीगढ़,(राजिंद्र शर्मा)।यूटी प्रशासन के इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के तमाम प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। प्रशासन इलेक्ट्रिक वाहनों पर कई तरह की छूट दे रहा है और साथ ही गैर इलेक्ट्रिक वाहनों पर कैपिंग भी लगाई हई है, लेकिन बावजूद इसके लोग इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। पिछले एक साल में गैर इलेक्ट्रिक के मुकाबले काफी कम इलेक्ट्रिक वाहन रजिस्टर्ड हुए हैं। ये हालात तब है, जब यूटी प्रशासन की तरफ से पिछले साल इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए पॉलिसी जारी की गई थी।

 

 

 

आंकड़ों के अनुसार 20 सितंबर 2022 से 18 सितंबर 2023 तक चंडीगढ़ में कुल 52412 वाहन रजिस्टर्ड हुए, जिनमें से 2599 इलेक्ट्रिक वाहन (दोपहिया और चारपहिया) की रजिस्ट्रेशन है, जो लगभग 5 प्रतिशत के करीब है। इसमें 752 इलेक्ट्रिक कारें व 1807 दोपहियां इलेक्ट्रिक वाहन रजिस्टर्ड हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ गैर इलेक्ट्रिक वाहनों की रजिस्ट्रेशन इससे कई गुना अधिक है। एक साल में 26372 चारपहिया व 19593 दोपहिया गैर इलेक्ट्रिक वाहन रजिस्टर्ड हुए हैं। वहीं स्ट्रांग हाईब्रिड ईवी वाहनों की रजिस्ट्रेशन में बढ़ोत्तरी हुई है। अब तक 263 स्ट्रांग हाईब्रिड चारपहिया ईवी की रजिस्ट्रेशन हुई है, जबकि माइल्ड हाईब्रिड एक साल में कोई भी रजिस्टर्ड नहीं हुई। इनमें से अधिकतर वाहन इलेक्ट्रिक पॉलिसी जारी होने के बाद ही रजिस्टर्ड हुए हैं।

 

 

 

 

बता दें कि प्रशासन ने डीलरों की मांग के बाद ही जुलाई महीने की शुरुआत में शहर में लागू इलैक्ट्रिक पॉलिसी में संशोधन किया था। संशोधन के साथ ही दोपहिया पैट्रोल वाहनों की रजिस्ट्रेशन जारी रह सकी थी। प्रशासन ने इस वर्ष पैट्रोल वाले दोपहिया वाहनों की 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत तक कैपिंग कर दी थी, जबकि चारपहिया पैट्रोल वाहन इस साल 5 प्रतिशत कम रजिस्टर्ड होंगे। यू.टी. प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस संबंध में फैसला लिया गया था। इसी तरह बैठक में ई-3 व्हीलर (माल) श्रेणी में लक्ष्य 40% से घटाकर 35% कर दिया गया था, जबकि ई-4व्हीलर माल वाहन श्रेणी में लक्ष्य 40% से घटाकर 15% कर दिया गया था। ई-बसों का लक्ष्य 50% से घटाकर 25% कर दिया गया था। इसके अलावा ई-चारपहिया वाहनों की एक्स-शोरूम कीमतों पर 20 लाख रुपए की मौजूदा सीमा हटा दी गई थी, जबकि ई-साइकिलों के लिए सब्सिडी लागत के 25% से बढ़ाकर 3000 रुपये से 4000 कर दी गई थी। प्रशासन ने इलैक्ट्रिक पॉलिसी के तहत गैर इलैक्ट्रिक वाहनों की रजिस्ट्रेशन पर कैपिंग लगा रखी है। यही कारण है कि तय सीमा पूरी होने के बाद ही गैर इलैक्ट्रिक वाहनों की रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी जाती है।

 

 

 

सरकारी वाहनों को भी इलेक्ट्रिक वाहनों में जाएगा बदला
इलेक्ट्रिक पॉलिसी के तहत प्रशासन व नगर निगम के सभी वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों में भी बदला जाएगा। फेज वाइज इस पर काम किया जाएगा। इसके अलावा चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग (सीटीयू) में भी सभी इलेक्ट्रिक बसें ही खरीदी जाएंगी, जबकि पुरानी बसों की जगह भी इलेक्ट्रिक बसें ही आएंगी। विभाग ने पहले ही इस पर काम शुरु कर दिया है। परिवहन विभाग के पास कुल 80 बसें पहुंच गई है, जबकि विभाग 100 इलेक्ट्रिक बसें और हायर करने पर काम कर रहा है।

 

 

 

53 चार्जिंग स्टेशन की स्थापना भी की जाएगी 
प्रशासन द्वारा कुल 418 चार्जिंग प्वाइंट के साथ कई स्थानों पर 53 चार्जिंग स्टेशन की स्थापना भी की जाएगी। क्रेस्ट ने शहर में 9 लोकेशनों पर 23 चार्जिंग स्टेशनों को इसी माह शुरू करने का फैसला लिया है, जिसमें फास्ट व स्लो दोनों तरह के चार्जिंग स्टेशन शामिल हैं। इन चार्जिंग स्टेशनों के साथ ही लोगों को अपने इलैक्ट्रिक वाहन चार्ज करने में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। केंद्र सरकार ने फेम स्कीम के तहत चंडीगढ़ को 70 चार्जिंग स्टेशन की मंजूरी दे रखी है। पॉलिसी के तहत इन चार्जिंग स्टेशनों को लगाने का काम पहले से ही जारी है। टू व्हीलर और फोर व्हीलर एक ही चार्जिंग प्वाइंट से चार्ज होंगे।


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Sub Editor

Ajay Chandigarh

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