हाईकोर्ट ने निगम और प्रशासन को फटकारा, कहा-क्यों न पूरे शहर को नो वैंडर जोन घोषित कर दें

punjabkesari.in Wednesday, Nov 20, 2019 - 09:20 AM (IST)

चंडीगढ़(रमेश) : पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के दिशा-निर्देशों के बावजूद नो वैंडिंग जोन से अवैध रेहड़ी-फड़ी वालों को निगम ने नहीं हटाया और न ही रजिस्टर्ड वैंडरों को निर्धारित जगहों पर शिफ्ट ही किया गया, जिसे लेकर चीफ जस्टिस ने नगर निगम और प्रशासन की पैरवी कर रहे अधिवक्ता को खूब खरी-खरी सुनाई। 

कोर्ट ने निगम की ओर से पेश की गई स्टेटस रिपोर्ट पर टिप्पणी करते कहा कि लगता है आपने स्टेटस रिपोर्ट निगम अफसरों के बचाव में तैयार की है, जिसमें हाइकोर्ट के 17 अक्तूबर के दिशा निर्देशों पर काम करने की बजाए लीपापोती की गई है, अगर आप वैंडरों को हटाना नहीं चाहते तो क्यों न पूरे शहर को नो वैंडर जोन घोषित कर दिया जाए, जहां एक भी वैंडर नहीं होगा। 

5 तक वैंडरों को निर्धारित स्थलों पर शिफ्ट करो :
चीफ जस्टिस और जस्टिस राजीव शर्मा पर आधारित खंडपीठ ने हर एक पक्ष को सुनने के बाद 5 दिसम्बर तक सैक्टर-1  से 6 और सैक्टर 17 को वैंडर मुक्त करने को कहा और बाकी शहर के रजिस्टर्ड वैंडरों को निर्धारित स्थलों पर शिफ्ट करने के लिए अंतिम मौका दिया है। 

कोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन व निगम के अधिवक्ता पंकज जैन को कहा कि आपने 17 अक्तूबर को अंडरटेकिंग दी थी और अवैध रूप से सैक्टर-17 व अन्य स्थानों पर बैठे वैंडरों को हटाने और रजिस्टर्ड वैंडरों को 4 सप्ताह में वैंडर जोन में शिफ्ट किए जाने की बात कही थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कोर्ट ने अधिवक्ता को 5 दिसम्बर तक उक्त दिशा निर्देशों पर अमल कर कोर्ट में एफिडैविट के साथ स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा।

क्या आपको हर 50 फीट पर सिगरेट की पेटी वाला बैठा चाहिए?
मोबाइल वैंडर्स का पक्ष रख रहे सीनियर एडवोकेट एम.एल. सरीन का कहना है कि चंडीगढ़ में 400 से अधिक मोबाइल वैंडर्स भी हैं जो घूम फिरकर सिगरेट बीड़ी व अन्य सामान बेचते हैं और वैंडर एक्ट में मोबाइल वैंडर्स का जिक्र है, इसलिए उन्हें भी रजिस्टर किया जाए। 

दलील सुनने के बाद चीफ जस्टिस ने गहरी सांस लेते हुए कहा कि आपको सिगरेट बेचने वालों की चिंता है जबकि सरकार सिगरेट और तम्बाकू के खिलाफ विज्ञापन दे रही है, आप क्या चाहते हैं कि आपको हर 50 फीट के बाद सिगरेट और तम्बाकू वाला वैंडर मिले, ऐसे तो शहर में धुंआ धुंआ हो जाएगा।’ बहस के बाद कोर्ट ने निगम और टाऊन प्लानिंग कमेटी को नोटिस जारी कर मोबाइल वैंडर्स का पक्ष सुनने को कहा है। 

शहर मेरा नहीं आपका है, इसके भविष्य का भी सोचिए :
वैंडर्स का पक्ष रख रहे वकीलों का कहना था कि 12 हजार से अधिक वैंडरों का सर्वे किए जाने के बावजूद उन्हें अयोग्य करार दे दिया गया, क्योंकि वह चंडीगढ़ के वासी होने का प्रमाण नहीं दे सके। 

वकीलों का कहना था कि चंडीगढ़ के आसपास रहने वाले वैंडर्स को भी रजिस्टर्ड किया जाए। वकीलों की दलील सुनने के बाद चीफ जस्टिस ने कहा कि ‘आप क्या चाहते हैं चंडीगढ़ को वैंडर सिटी बना दिया जाए,यह शहर मेरा नहीं आप लोगों का है इसके बारे में भी सोचिए।’

ऐसे तो चरमरा जाएगी ट्रैफिक और कानून-व्यवस्था :
सैक्टर-15 के निवासियों और निजी स्कूल की ओर से दाखिल की गई याचिका में वहां बैठाए जा रहे 1800 वैंडर्स को कहीं और शिफ्ट करने की मांग की गई है। याची पक्ष ने कोर्ट को बताया कि जिस स्थान पर 1800 वैंडर्स को बैठाया जाना है, वहां पास ही स्कूल का हॉस्टल है, जहां लड़कियां भी रहती है, जिनकी सुरक्षा व पढ़ाई में वैंडर्स व यहां आने वाले हजारों ग्राहक खलल डालेंगे। 

कोर्ट को बताया गया कि जहां वैंडर्स बिठाने की योजना है वहां सिर्फ वी 5 रोड है जहां पार्किंग और ट्रैफिक कंट्रोल करना नामुमकिन होगा और कानून व्यवस्था बिगड़ जाएगी। कोर्ट को बताया गया कि सैक्टर-15 में बने वैंडर जोन के आसपास की जनसंख्या 10 हजार के करीब है और कानूनन कुल जनसंख्या के ढाई प्रतिशत से अधिक वैंडर्स नहीं बिठाए जा सकते। 

कितने वैंडर्स ने चालान काटने पर दिए 10 हजार, कोर्ट को बताया जाए :
एडवोकेट पुनीत बाली ने सैक्टर-17 के ट्रेडर्स का पक्ष रखते हुए कहा कि आज भी सैक्टर 17 में अवैध रूप से वैंडर्स बैठे हुए हैं जिन्हें राजनीतिक शैल्टर मिला हुआ है और निगम हाईकोर्ट के आदेशों की अवमानना कर रहा है। 

कोर्ट ने चंडीगढ़ के अधिवक्ता से पूछा जिन्होंने कोर्ट को चालान की सूची दिखाते हुए दावा किया कि सभी अवैध वैंडर्स हटा दिए गए हैं और 400 से अधिक चालान काटे गए हैं और सामान जब्त किया गया है। जस्टिस राजीव शर्मा ने सवाल किया कि अवैध वैंडर्स का 10 हजार का चालान काटा जाना था क्या वह कटे और कटे हैं तो कितने वैंडर्स ने 10 हजार का फाइन दिया है कोर्ट को बताया जाए? 

सैक्टर-17 से वैंडर्स का सफाया चाहती है कोर्ट :
निगम अधिकारी और अधिवक्ता उक्त सवाल पर बगले झांकते दिखे। जिसके बाद कोर्ट ने कहा कि हमने आपको वैंडर्स को हटाने के लिए कहा था चालान काटने के लिए नहीं। याद रहे कोर्ट सैक्टर 17 से वैंडर्स का सफाया चाहता है और इसे गंभीरता से लिया जाए। ढाई घंटे तक चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने सभी स्टेकहोल्डर्स को इस मुद्दे पर गंभीरता दिखाने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 5 दिसम्बर को होगी।


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Priyanka rana

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